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नवरात्रि पूजन के बाद आप माता की साख या ज्वारे का क्या करने वाले हैं, हम बताते हैं इसके सेहत लाभ

नवरात्रि पूजन का अहम हिस्सा हैं माता की साख या ज्वारे। इसके बिना माता की आराधना अधूरी मानी जाती हैं। लेकिन 9 दिनों बाद आप इसका क्या करते हैं? हम बता रहें हैं इस साख के स्वास्थ्य लाभ।
माता की साख के हैं कई स्वास्थ्य लाभ। चित्र: शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Updated: 12 Oct 2021, 20:17 pm IST
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ऐसी मान्यता है कि पृथ्वी की रचना के बाद जो सबसे पहली फसल उगाई गई वह ‘जौ’ (Barley) थी। हालांकि इसे आने वाली खेती की तैयारी से जोड़कर भी देखा जाता है। पर नवरात्रि (Navratri) में माता की साख (Sakh aka jware) या खेतड़ी बोने की प्रथा कई राज्यों में प्रचलित है। अमूमन नौ दिनों के नवरात्रि पूजन (Navratri Pujan) के बाद इस साख को नदी या तालाब में विसर्जित किया जाता है।

पर ऐसे समय में जब नदी-तालाब ढूंढे नहीं मिलते और आप कोविड-19 (Covid-19) के कारण कहीं दूर भीड़ भरे माहौल में भी नहीं जाना चाहते, तब आप इसका क्या करते हैं? कैसा रहे, अगर आपको पता चले कि इसका सेवन आपकी सेहत के लिए लाभदायक है! आइए जानते हैं जौ या ज्वारे (Barley seeds grass benefits) खाने का तरीका और इसके सेहत लाभ। 

यहां हैं नवरात्रि की साख या ज्वारे (Barley seeds grass) के स्वास्थ्य लाभ 

1. एंजाइम के उत्पादन को बढ़ाते हैं  

यह पौधा केवल अनाज के अलावा एक पौष्टिक सब्जी भी हैं। जौ का घास जिसे कभी-कभी जौ का साग भी कहा जाता है, विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर हैं। इसमें बहुत सारा मैग्नीशियम (magnesium) होता है, जो आपके शरीर में चौथा सबसे आम खनिज है। 

इसमें बहुत सारा मैग्नीशियम (magnesium) होता है। चित्र: शटरस्टॉक

मैग्नीशियम तीन सौ से अधिक एंजाइम प्रतिक्रियाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो इसे आपके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बनाता है। मैग्नीशियम ऊर्जा उत्पादन और ग्लूकोज नियंत्रण के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

2. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर 

ज्वारे या बार्ले सीड्स ग्रास विटामिन ए (vitamin A) और विटामिन सी (vitamin C) से भरपूर होती है। जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है। ये विटामिन आपके शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स (free radicals) से लड़ने में मदद करते हैं। वे शरीर से मुक्त कणों को बाहर निकालते हैं और त्वचा की लोच में कमी से लेकर स्तन और पेट के कैंसर तक की समस्याओं के जोखिम को कम करते हैं।

3. बेहतर पाचन में मददगार 

जौ घास (Barley seeds grass) आपके डाइट में फाइबर (fibre) का एक बड़ा स्रोत है। जौ घास दो तरह के फ़ाइबर प्रदान करता हैं।  पहला, अघुलनशील फाइबर (insoluble fibre) आपके आंत में रहने वाले “अच्छे बैक्टीरिया” को खिलाता है। जिससे आपको भोजन को पचाने और आपकी आंतों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। 

दूसरा, घुलनशील आहार फाइबर (soluble dietary fibre) आपके रक्त शर्करा (blood sugar) और कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) के स्तर को कम रखते हुए, आपके पेट को धीरे-धीरे स्वस्थ करने में मदद करता है।

4. हड्डी को करे मजबूत 

कैल्शियम (calcium) हड्डियों का मुख्य निर्माण कॉम्पोनेन्ट है। आपके आहार में कैल्शियम का अच्छा स्रोत होना हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। जौ घास में पाया जाने वाला कैल्शियम ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) को रोकने या ठीक करने में मदद कर सकता है। ज्वारे में पाए जाने वाले फास्फोरस आपके दांतों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता हैं। 

आपके हार्ट को स्वस्थ रखता है जौ का घास। चित्र: शटरस्टॉक

5. कम करता है हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम 

जौ घास में मौजूद घुलनशील आहार फाइबर (soluble dietary fibre) आपके शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। यह आपके रक्त में एब्सॉर्ब होने से पहले कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित कर लेता है। इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रहता हैं और आपके दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम भी कम जा को कम करता है। जौ की घास या ज्वारे आपके हृदय रोगों के खतरे को भी कम कर सकते हैं। 

अब जानिए आप साख या ज्वारे का आहार में इस्तेमाल कैसे कर सकती हैं 

जौ घास को आम तौर पर रस के रूप में सेवन किया जाता हैं। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि इसका टेक्स्चर खाने योग्य नहीं होता। आपने नवरात्रि में जो ज्वारे बोए हैं, आप उन्हें भी प्रसाद रूप में ग्रहण कर सकते हैं। इसके लिए आपको इसका जूस बनाना होगा। 

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ऐसे बनाएं जौ के ज्वारे का जूस 

इसके लिए ज्वारे के हरे हिस्से का इस्तेमाल करना होता है। ऊपरी हरे हिस्से को काटकर धो लें। अब इसे थोड़ा सा पानी डालकर ग्राइंडर में ग्राइंड कर लें। छानें और थोड़ा-थोड़ा  करके पिएं। ज्वारे का जूस तैयार है। 

हालांकि बाजार में ज्वारे का पाउडर भी उपलब्ध होता है। इसके अलावा जौ घास का रस जूस बार में, हेल्थ फूड स्टोर में और यहां तक ​​कि देश भर के कुछ बड़े सुपरमार्केट में भी पाया जा सकता है।

जौ के घास को आप जूस के रूप में सेवन कर सकते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

इसके अलावा आप इसे 

  • स्मूदी में जौ घास का रस मिलाकर भी पी सकती हैं।
  • प्रोटीन शेक में एक बड़ा चम्मच जौ घास पाउडर मिलाना भी इसके सेवन का आसान तरीका है। 
  • जौ घास का रस कॉकटेल या अन्य पेय पदार्थ में मिलाकर भी पिया जा सकता है।  
  • आप चाहें तो हरे ज्वारे को ब्रेड या सैंडविच के साथ भी खा सकती हैं। 

चलते चलते 

जौ घास (barley grass) जूस बार में एक लोकप्रिय सामग्री है, जहां इसे पाउडर के रूप में जूस और स्मूदी में मिलाया जाता है। इसे बिना किसी मिलावट के भी रस में बदला जा सकता है। किसी भी तरह से, जौ घास के पौष्टिक लाभ प्रभावशाली हैं। इसलिए माता के साख या ज्वारे को केवल पूजा में इस्तेमाल न करें। इसे अपनी हेल्दी डाइट का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ जीवन जिएं। 

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अदिति तिवारी

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