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नवरात्रि 2021 : जानिए क्या होता है, जब आप लगातार नौ दिनों तक अनाज या कार्ब्स नहीं खाती

यदि आप नवरात्रि का व्रत कर रहें हैं तो आपके लिए नौ दिनों तक अनाज का सेवन वर्जित है। यह स्वाभाविक रूप से आपका लो कार्ब डाइट बन जाता हैं। तो जानिए क्या होता है इस डाइट का आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव।
जानिए नवरात्रि के लो कार्ब डाइट के फायदें और नुकसान। चित्र: शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Updated: 23 Oct 2023, 10:13 am IST
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नौ दिनों की नवरात्रि (Navratri 2021) उमंग और खुशियों के साथ स्वास्थ्य संबंधी बदलाव भी लाती हैं। जी हां, आप में से बहुत लोग नियमानुसार उपवास (Navratri fasting) और पूजा करते हैं। इस उपवास में साबूदाना, कुटु का आटा, सिंघाड़े का आटा, मूंगफली, फल, जूस, आदि फलाहार का सेवन किया जाता है। जबकि किसी भी प्रकार के अनाज का सेवन वर्जित होता है। तो क्या ये फलाहार आपके दैनिक कार्ब्स की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं? अगर ऐसा नहीं हैं तो इस पोषक तत्व की कमी का आपके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता हैं? हम बता रहें हैं आपकी सेहत और नवरात्रि से जुड़े इन्हीं सारे सवालों के जवाब। 

पहले जान लेते हैं लो कार्ब्स नवरात्रि फास्टिंग (Navratri Fasting) का असर 

इस व्रत में आप लो कार्ब इंटेक करते हैं। केवल आलू, केले, नट्स जैसे खाद्य पदार्थ आपके कार्ब्स का स्त्रोत होते हैं। ऐसे में ये नौ दिन आपके शरीर को डिटॉक्स करने का काम करते हैं। डिटॉक्स होने की वजह से आप लाइट और स्वस्थ महसूस कर सकते हैं।

आलू, नट्स, आदि हैं कार्ब्स के इकलौते स्त्रोत। चित्र: शटरस्टॉक

गेहूं, चावल या अन्य दैनिक अनाजों का सेवन बंद होने के कारण यह आपको हेल्थ बेनेफिट (health benefits) दे सकता हैं। बहुत कम कार्ब और केटोजेनिक आहार पर शोध से पता चलता है कि उनके कई लाभ हो सकते हैं। 

1. हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद  

कार्ब्स का सेवन कम होने से आपका हृदय स्वस्थ रहता हैं। शोध द्वारा पता चला हैं कि लो कार्ब्स डाइट (low carb diet)  आपके ब्लड ट्राइग्लिसराइड (triglyceride) के स्तर को कम कर सकता हैं। हाई ट्राइग्लिसराइड आपके हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है।

इन नौ दिनों में यदि आप रोज के मुकाबले 10% भी कम कार्ब्स का सेवन करते हैं, तो यह आपके ट्राइग्लिसराइड के स्तर को 39% तक कम कर सकता हैं। इतना ही नहीं अन्य अध्ययनों से पता चलता है कि लो कार्ब डाइट आपके शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल (good cholesterol) के स्तर को बढ़ा सकता है। जो हृदय रोग (heart disease) से बचाने में मदद करता है।

2. ब्लड शुगर को रखे नियंत्रित 

नवरात्रि के व्रत (Navratri Fasting) मधुमेह रोगियों के लिए सहायक हो सकते हैं। कार्ब्स के कम सेवन से आपका ब्लड शुगर कंट्रोल में रह सकता हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कम कार्ब रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में प्रभावी होते हैं।

लो कार्ब डाइट आपके ब्लड शुगर को रखें नियंत्रित। चित्र: शटरस्‍टॉक

कार्ब का सेवन कम होने की वजह से रक्त शर्करा में स्पाइक्स (spikes) को रोका जा सकता है और इस प्रकार मधुमेह की जटिलताओं को रोकने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप आलू या अन्य फलाहारी कार्ब्स का सेवन बंद ना करें। इनको सही मात्रा में खाने से आपके दैनिक कार्ब्स की जरूरत पूरी हो सकती हैं। 

3. सामान्य ब्लड प्रेशर 

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि आपके कार्ब सेवन को कम करने से ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में मदद मिल सकती है।

4. वेट लॉस के लिए फायदेमंद 

ये नौ दिन आपके वेट लॉस में मदद कर सकते हैं। कम कार्ब्स के साथ नों जंक फूड आपके वजन को घटा सकता हैं। सीमित शोध से संकेत मिलता है कि पेट की चर्बी कम करने के लिए लो कार्ब डाइट प्रभावी साबित हो सकता हैं। कार्ब का सेवन कम करने से मेटाबॉलिक सिंड्रोम (metabolic syndrome) से जुड़े कुछ जोखिमों को रोकने में मदद मिल सकती है। 

इससे पहले कि आप नौ दिनों तक कार्ब्स की बिल्कुल छुट्टी कर दें, आपको इसके नुकसान भी जान लेने चाहिए। 

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यहां हैं जीरो कार्ब्स नवरात्रि फास्टिंग (Navratri Fasting) के नुकसान 

स्वास्थ्य फ़ायदों के साथ ये व्रत कुछ लोगों को परेशान भी कर सकता हैं। जी हां, नौ दिन के इस लंबे व्रत के खत्म होने तक आप कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना भी कर सकते हैं। कार्ब्स के कम सेवन से कब्ज, पाचन संबंधी समस्या, कमजोरी जैसी परेशानी हो सकती हैं। इसके मुख्य स्वास्थ्य नुकसान है:

9 दिनों तक फलाहार के सेवन से हो सकता हैं कब्ज। चित्र: शटरस्‍टॉक

1. कब्ज (Constipation) और ऊर्जा की कमी 

चूंकि नवरात्रि के व्रत (Navratri fasting) के दौरान आप अधिकांश सब्जियां, बीन्स और साबुत अनाज को नहीं खा पातें हैं। इससे शरीर में फाइबर की कमी हो सकती है। फाइबर पाचन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इंटेसटाइन को सक्रिय रखता हैं। इस वजह से, लो कार्ब डाइट से कब्ज और पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है। 

इसके अलावा, कार्ब्स आपके शरीर की ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत हैं। इसलिए, व्रत के अंतिम दिनों तक आप कम ऊर्जा और थकान महसूस कर सकते हैं। यह मतली (nausea) और चक्कर जैसी समस्या भी पैदा कर सकता हैं। 

2. जरूरी पोषक तत्वों की कमी 

आपकी नवरात्रि डाइट (Navratri Diet) लो कार्ब होने के कारण पर्याप्त विटामिन और खनिज प्रदान नहीं कर पाती। यह पोटेशियम (potassium), बी विटामिन (vitamin B) और विटामिन सी (vitamin C) नहीं दे पाता। जो दैनिक अनाज और सब्जियों में भारी मात्रा में पाया जाता है। 

साथ ही रोजाना इस्तेमाल किए जानें वाले नमक को न खाने की वजह से शरीर में सोडियम (sodium) और पोटेशियम (potassium) की कमी भी हो सकती है। 

आपकी नवरात्रि डाइट लो कार्ब होने के कारण पर्याप्त विटामिन और खनिज प्रदान नहीं कर पाती। चित्र: शटरस्टॉक

3. कुछ दूरगामी स्वास्थ्य प्रभाव 

इस लो कार्ब नवरात्रि डाइट के कारण सेहत पर कुछ दीर्घकालीन प्रभाव भी हो सकते हैं। यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन सकता हैं। ऐसे आहार में कार्ब्स की जगह फैट का इस्तेमाल बढ़ा दिया जाता है, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकता हैं। यह बच्चों, हाई कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्ति, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए स्वस्थ विकल्प नहीं हैं।

तो लेडीज, अपने नवरात्रि फास्टिंग (Navratri fasting) में उपयुक्त मात्रा में कार्ब्स का सेवन करें और स्वास्थ्य समस्याओं से बचें! 

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अदिति तिवारी

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