खट्टी और चटपटी इमली का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। इसका स्वाद लोगों का पसंदीदा है, वहीं इसे तरह-तरह के व्यंजनों के स्वाद में चटपटापन लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, यह केवल अपने स्वाद तक ही सीमित नहीं है, इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी समग्र सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इतना ही नहीं इमली वजन कम करने में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करती है। यदि आप वेट लॉस डाइट पर हैं, तो नियमित रूप से इमली का सेवन आपके इस जर्नी को अधिक आसान बना सकता है। तो फिर देर किस बात की इसे आज ही अपनी डाइट में शामिल करें।
मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा ने बढ़ते वजन पर इमली के प्रभाव बताएं हैं। उन्होंने बताया कि इमली वेट लॉस में किस तरह काम करती है, साथ ही इसे वेट लॉस डाइट में शामिल करने का प्रभावित तरीका भी बताया है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।
इमली में HCA – हाइड्रोक्सी साइट्रिक एसिड होता है, जो फैट के उत्पादन को धीमा कर देता है। HCA साइट्रिक एसिड से काफी मिलता-जुलता है। यह एसिड कई अन्य पौधों में भी मौजूद होता है, लेकिन यह सबसे ज़्यादा इमली में पाया जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि HCA आपकी बॉडी में उन एंजाइम को रोकता है, जो फैट स्टोरेज को बढ़ावा देती हैं।
यह मस्तिष्क में सेरोटोनिन हार्मोन को रिलीज़ करता है, जिससे आपको कम भूख लगती है। जर्नल ऑफ़ ओबेसिटी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इमली का सेवन करने वाले लोग इसका सेवन न करने वाले लोगों की तुलना में 0.90 किलो अधिक वजन कम कर पाते हैं।
इमली एक ऐसा फल है जिसमें फैट नहीं होता। वहीं यह फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ वेट लॉस के लिए बेहद हेल्दी माने जाते हैं। ये आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखते हैं, और आपको ज़्यादा खाने या अस्वास्थ्यकर स्नैक्स खाने से रोकते हैं। रोज़ाना इमली का पानी पीने से आपको अपने एक्स्ट्रा बॉडी वेट को कम करने में मदद मिलती है। इमली में फ्लेवोनोइड्स, पॉलीफेनॉल्स की मात्रा मौजूद होती है, जो भूख को दबाते हैं और वेट लॉस में आपकी मदद करते हैं।
वहीं इमली एक्सरसाइज के दौरान फैट बर्निंग कैपेसिटी को बढ़ा देती है, हालांकि, मेटाबॉलिज्म रेट पर HCA के प्रभाव की जांच अभी जारी है।
1. सबसे पहले इमली को अच्छी तरह से धोकर इसके सभी बीज निकाल लें।
2. अब एक पैन में दो गिलास पानी डालें और उसमें अच्छी तरह उबाल आने दे।
3. फिर इमली के पल्प को पानी में डाल दें, और फ्लेम को मीडियम कर दें।
4. कुछ मिनट के बाद फ्लेम को बंद करें और पानी को ठंडा होने दें।
5. आप चाहे तो इसमें क्रश की हुई पुदीने की पत्तियां ऐड कर सकती हैं।
6. अब इसमें एक चम्मच शहद डालें (वैकल्पिक) और इस चटपटे इमली के पानी को एंजॉय करें।
इमली में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। ये स्वास्थ्य-सुरक्षात्मक कंपाउंड एंटी कैंसर, एंटी डायबिटिक, और हार्ट फ्रेंडली होते हैं। एपिजेनिन, कैटेचिन, प्रोसायनिडिन बी2 और एपिकैटेचिन जैसे पॉलीफेनॉल फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को बेअसर करने में मदद करते हैं।
यह भी पढ़ें : Kiwi for weight loss : वेट लॉस जर्नी आसान बना सकती है कीवी, इन 4 तरीकों से करें इसे डाइट में शामिल
इमली में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, ऐसे में इमली का सेवन मैग्नीशियम की दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है। ये मिनरल बोन फॉरमेशन, हार्ट रिदम को विनियमित करने, वहीं मांसपेशियों के कॉन्ट्रैक्शन और ब्लड शुगर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंइमली में थायमिन और अन्य बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन नर्व के कार्य को बेहतर बनाने और इन्हे मजबूत बनाए रखने में मदद करती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार इमली में मौजूद ज़ाइलोग्लूकन डैमेज ब्रेन और रीढ़ की हड्डी के सेल्स के विकास में मदद करता है। साइंटिफिक रिसर्च की माने तो ज़ाइलोग्लूकन एक सपोर्टिव एलिमेंट की तरह काम करता है, जिसके माध्यम से हेल्दी सेल्स और तंत्रिका तंत्र से फिर से जुड़ती हैं।
इमली में विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट, डाइटरी फाइबर, फोलिक एसिड और आवश्यक मिनरल सहित कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। ये कंपाउंड फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर देता है, जिससे कि समग्र शरीर को कम नुकसान पहुंचता है। इसलिए, आहार में इमली का रस, चटनी या गूदा शामिल करें, इससे ब्लड टॉक्सिन फ्री रहता है।
यह भी पढ़ें : Pistachios for weight loss : भूख कंट्रोल कर वजन घटाने में मदद करता है पिस्ता, जानिए कैसे