दूध या रागी, किसमें मिलता है ज्यादा कैल्शियम? जानते हैं दोनों के फायदे

दूध को रोजाना डाइट में शामिल करने से शरीर को पर्याप्त कैल्शियम मिलता है लेकिन एक अनाज है जो कैल्शियम के मामले में दूध को सीधी टक्कर दे सकता है। कुछ लोग उसे रागी कहते हैं।
Published On: 29 Dec 2024, 04:00 pm IST
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अंदर क्या है

  • दूध के फायदे 
  • रागी के फायदे 
  • दूध या रागी, ज्यादा फायदेमंद कौन 
  • दूध और रागी एक साथ कैसे लें 
  • दूध और रागी के नुकसान 

जब जब कैल्शियम की बात होती है और खाने पीने की चीजों में कैल्शियम ढूँढना होता है, हम तुरंत दूध का नाम ले लेते हैं। यह सच भी है कि दूध को रोजाना डाइट में शामिल करने से शरीर को पर्याप्त कैल्शियम मिलता है और हड्डियों को भी अच्छी सेहत मिलती है लेकिन एक अनाज है जो कैल्शियम के मामले में दूध को सीधी टक्कर दे सकता है। कुछ लोग उसे रागी कहते हैं। और कुछ लोग मड़ुआ। आज हम यही जानने की कोशिश करेंगे कि हमारे शरीर के लिए ज्यादा फायदेमंद क्या है? दूध या रागी (Milk vs Ragi )।

दूध में कैल्शियम

इसमें कोई शक नहीं कि दूध कैल्शियम का एक बहुत अच्छा सोर्स है। एक कप (240 मिलीलीटर) गाय का दूध लगभग 300 मिलीग्राम कैल्शियम देता है, जो शरीर की रोज़ की कैल्शियम की ज़रूरत का एक बड़ा हिस्सा पूरा करता है। दूध में कैल्शियम के अलावा विटामिन D, प्रोटीन, फास्फोरस और बी-विटामिन्स जैसे एलिमेंट्स भी होते हैं, जो हड्डियों को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं।

कैल्शियम की खान है दूध।  चित्र : अडोबी स्टॉक

दूध के कैल्शियम में ऐब्जॉर्ब होने के बहुत अच्छे गुण होते हैं इसलिए हमारा शरीर भी इसे आसानी से स्वीकार लेता है। दूध को दूसरे तौर पर लेने पर जैसे दही, छाछ, पनीर, इन सभी में कैल्शियम पाया जाता है, जो बच्चों, बुज़ुर्गों और खासकर महिलाओं के लिए फायदेमंद होते हैं। दूध में विटामिन D भी होता है, जो हमारे शरीर कैल्शियम को सही तरीके से ऐब्जोर्ब करने में मदद करता है।

रागी में कैल्शियम

रागी (जिसे फिंगर मिलेट भी कहते हैं) एक प्रकार का अनाज है। यह अनाज भी कैल्शियम का बहुत अच्छा सोर्स है। रागी के एक कप (200 ग्राम) में लगभग 350-360 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जो दूध से थोड़ा ज्यादा है। रागी में कैल्शियम के अलावा फाइबर, आयरन, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसेन्यूट्रीएंट्स भी होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
हालांकि, रागी में कैल्शियम की ज्यादा मात्रा जरूर होती है लेकिन इसकी अब्ज़ॉर्प्शन कैपसिटी दूध से थोड़ी कम होती है। इसका कारण यह है कि रागी में फाइटिक एसिड होता है, जो कैल्शियम के अब्ज़ॉर्प्शन में रुकावट डाल सकता है। यह जरूर है कि रागी को सही तरीके से पकाकर इसके कैल्शियम को बेहतर तरीके से शरीर में अब्ज़ॉर्व किया जा सकता है।

दूध और रागी के और फायदे

डाइटीशियन चिराग बड़जात्या से हमने इस बारे में बात की। उनके अनुसार,

दूध के फायदे

1. हड्डियों और दांतों के लिए फायदेमंद
दूध का कैल्शियम हड्डियों के लिये बहुत फायदेमंद है। कई बार चोटिल हड्डियों को दुरुस्त रखने के लिए डॉक्टर भी इसकी सलाह देते हैं। दूध के साथ साथ ये दांतों की सेहत के लिए भी फायदेमंद है।दूध हड्डियों को मज़बूत बनाने में मदद करता है और दांतों की सेहत के लिए भी जरूरी होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसे लोग जिनके खाने में।पर्याप्त कैल्शियम शामिल नहीं था, उनके हर साल अपना एक दांत खोने की संभावना थी। ऐसे में कैल्शियम से भरपूर दूध दांतों के लिए कितना जरूरी है,आप अंदाजा लगा सकते हैं।

2. प्रोटीन
प्रोटीन मांसपेशियों की सेहत के लिए ज़रूरी तत्व है। मांसपेशियों की चोट से भी उबरने में प्रोटीन मदद करता है। दूध में प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों को डेवलप करने में सहायक होता है।

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3. विटामिन D

दूध में विटामिन D होता है, जो कैल्शियम को बेहतर तरीके से शरीर में पहुंचाता है। रागी में इसी चीज की कमी उसमें मौजूद कैल्शियम को शरीर के साथ घुलने मिलने नहीं देती। विटामिन D का दूध में होना दूध को हमारे लिए और फायदेमंद बनाता है।

4. पाचन
आपने बचपन मे अक्सर साइंस की किताबों में पढ़ा होगा कि “milk is a complete food.” वो इसलिए क्योंकि दूध आपके डाइजेशन को बेहतर करने में मदद करता है खासकर तब जब आप इसे दही के तौर पर खा रहे हों।

रागी के फायदे

1. दिल की सेहत

रागी में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और दिल की सेहत को बेहतर बनाए रखता है।

Ragi recipes hai swasthya ke liye faydemand
रागी इंसुलिन लेवल को भी रेगुलेट करता है। इसके चलते डायबिटीज़ के मरीज़ इसका सेवन कर सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

कोई हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहा हो तो उसके लिए रागी का नियमित सेवन बेहतर विकल्प है।

2. वजन

रागी में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है जो लंबे समय तक पेट को भरा रखता है। इस वजह से आपको बार बार खाने की आदत से मुक्ति मिल सकती है। इसलिए रागी आपका वजन घटाने में मदद कर सकता है।

3. खून की कमी

आयरन एक ऐसा एलीमेंट है जिसकी गोलियां खून की कमी होने पर कई बार डॉक्टर लिखते हैं। रागी में नेचुरल आयरन होता है जो खून की कमी को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है।

4. ग्लूटन फ्री

दूध के मुकाबले यहां रागी बाजी मारता है क्योंकि रागी ग्लूटन फ्री होता है, इसलिए यह उन लोगों के लिए अच्छा है जिन्हें ग्लूटन से एलर्जी होती है। यहाँ दूध और रागी की लड़ाई (Milk vs Ragi ) में रागी बाजी मार ले जाता है।

रागी और कैल्शियम की तुलना (Milk vs Ragi )

चिराग ने हमें बताया कि दूध और रागी निस्संदेह कैल्शियम के अच्छे सोर्स हैं लेकिन दूध का कैल्शियम हमारा शरीर जल्दी ऐब्जॉर्ब करता है,इसीलिए दूध को कैल्शियम इंटेक के लिए बेहतर मानया जाता है। रागी में कैल्शियम ज्यादा होते हुए भी ऐब्जॉर्ब करने की क्षमता कम होने की वजह से वो यहीं दूध से मात खा जाता है।

रागी और दूध को एक साथ खाना फायदेमंद है। चित्र : अडोबी स्टॉक

दूध की रागी से तुलना (Milk vs Ragi ) करने के बजाय इसका एक हल है। हल ये कि दूध और रागी को अगर खाने में एक साथ शामिल किया जाए। रागी का कैल्शियम दूध की ऐबजॉर्ब करने की क्षमता की वजह से शरीर में प्रभावी होगा और इस तरह दोनों के कैल्शियम शरीर को मिल सकेंगे।

क्या न करें?

1. दूध अगर ज्यादा हुआ तो?

दूध में फैट की मात्रा ज्यादा होती है। अगर आप ज्यादा दूध पी रहे हैं तो इससे आपका वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा कुछ लोगों को दूध से एलर्जी भी होती है, खासकर वो लोग जिन्हें लैक्टोज इंटोलेरेन्स होता है। इसलिए ऐसी सूरतों में दूध खाने में इस्तेमाल ना करें।

2. रागी अगर ज्यादा हुआ तो?

अभी हमने ऊपर ही पढ़ा कि रागी में फाइटिक एसिड भी होता है जो कैल्शियम को शरीर बढ़िया से इस्तेमाल कर सके इसमें बाधा है। कैल्शियम के अलावा भी ये एसिड अन्य मिनरल्स के लिए भी मुश्किल का कारण बनता है। रागी अगर आप बहुत ज्यादा खा रहे हैं तो डाइजेशन में भी दिक्कत होगी। आप इसे खाने के तौर पर लेने से पहले ये जरूर ध्यान रखें कि इसे अच्छे तरीके से पकाया जाए।

ये भी पढ़ें – ग्लूटेन फ्री रागी सूप है इम्युनिटी बूस्टिंग रेसिपी, जानिए इसे बनाने का तरीका

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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