स्वस्थ आहार की सूची में, साबुत अनाज हमेशा टॉप पर रहते हैं। फिर चाहें गेहूं हो या ज्वार और बाजरा जैसे मोटे अनाज। फाइबर युक्त अनाज स्वास्थ्य के लिए वरदान हैं। इसीलिए आज हम आपको एक और अनाज से परिचित कराना चाहते हैं: एक ऐसा अनाज जो आपके स्वास्थ्य को ढेर सारे फायदे दे सकता है।
आज हम टेफ (Teff) के बारे में बात कर रहे हैं। यह एक इथियोपियाई अनाज है। हर साल इथोपिया इसकी वार्षिक फसल की खेती मुख्य रूप से करता है। टेफ मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे छोटा अनाज है। बीज का रंग या तो सफेद या बहुत गहरा लाल भूरा होता है।
टेफ अपनी ग्लूटेन फ्री प्रकृति, अमीनो एसिड के उच्च स्तर, खनिज सामग्री, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) और उच्च फाइबर जैसे गुणों के लिए फिटनेस एन्थूजिआस्ट के बीच काफी पॉपुलर हो रहा है। ये एक मात्र अनाज है जिसमे विटामिन C भी है।
टेफ इथोपियाई एथलीट्स का लंबे समय तक सीक्रेट रहा है, क्योंकि ये बॉडी की एंड्यूरैंस को बढ़ाता है। टेफ में हाई क्वालिटी प्रोटीन और अमीनो एसिड होता है। विभिन्न अध्ययनों ने इसमें 37% ईएए सामग्री- की जानकारी दी है जो एक आवश्यक अमीनो एसिड है।
अमीनो एसिड का निर्माण हमारा शरीर नहीं कर पाता है। इसलिए हमें इसे आहार में शामिल करने की ज़रुरत है। साथ ही टेफ में एमिनो एसिड ग्लूटामाइन और लाइसिन भी है।
काफी सारे अध्ययनों में यह सामने आया है कि टेफ प्रोफ़्लिंस और एल्ब्यूमिन में समृद्ध है, जो इसे एक हाई क्वालिटी प्रोटीन बनाते हैं। तभी इसकी तुलना अंडे के प्रोटीन से की जाती है, जो अभी तक का सबसे अच्छा प्रोटीन सोर्स है।
गेहूं, मक्का, जौ जैसे अन्य अनाजों की तुलना में टेफ आयरन, कैल्शियम, तांबा और जस्ता जैसे अन्य खनिजों में भी समृद्ध है।
कुछ अध्ययनों ने टेफ में -विट्रो एंटीऑक्सिडेंट गतिविधियों की सूचना दी है। साथी ही यह माना जाता है कि यह मानव शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर में सुधार करता है और मलेरिया, एनीमिया और मधुमेह को रोकने में मदद करता है।
किसी भी रेसिपी में थोड़ा सा टेफ, क्रंच जोड़ता है। इसके अलावा, यह पौष्टिक होने के साथ – साथ स्वादिष्ट भी है। भारतीय आहार में टेफ जोड़ना बहुत ही सरल है। प्रतिदिन नाश्ते में – अनाज, मूसली, उपमा, पोहा, इडली आदि में 2 बड़े चम्मच सूखी भुनी हुई टेफ मिला लें।
यह न केवल एक शानदार प्रोटीन का स्रोत है, बल्कि यह क्रंच भी जोड़ देगा जो दलिया और उपमा में ज़रूरी है।
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