बहुत सारे खाद्य पदार्थ हैं, जिन्हें हम अपने आहार में शामिल करना चाहते हैं। पर हम उन्हें सूची से हटा देते हैं, क्योंकि हम वास्तव में उन्हें पकाने का सही तरीका नहीं जानते। या तो हम इन्हें सिर्फ उबालकर खा लेते हैं और नहीं तो इन्हें कच्चा ही खा लेते हैं। जो थोड़ा रिस्की है और अंतत: हमें इससे पोषण भी नहीं मिल पाता। इसलिए, सुपरफूड पकाने का सही तरीका जानना बहुत जरूरी है। आज हम ऐसे ही एक सुपरफूड, केल को चुन रहे हैं, क्योंकि केल के स्वास्थ्य लाभ आपको चौंका देंगे।
इसमें कोई दो राय नहीं कि हरी पत्तेदार सब्जियां आपका वजन कम करने के लिए बहुत बढ़िया हैं और केल इसी में सहायक है। सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अंजलि हुड्डा के अनुसार, केल ब्रेसिका परिवार की सब्जी है और क्रूसिफस सब्जियों की श्रेणी में आती है। यह विटामिन सी, विटामिन के, फोलेट, और मैंगनीज में भरपूर होती है।
इसके अलावा यह एंटीऑक्सीडेंट में डार्क पिगमेंट ज़ेक्सैंथिन और ल्यूटिन के रूप में उच्च है। इसमें ग्लूकोसिनोलेट्स भी होते हैं, जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं।
अधिकांश सल्फर युक्त सब्जियां जैसे कि केल गट हेल्थ को बनाये रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
“हरी सब्जी होने के अलावा, यह अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों की तुलना में स्वादिष्ट है, क्योंकि यह क्रंची और स्वादिष्ट होती है। इससे पेट भी देर तक भरा रहता है।
केल वजन घटाने में सहायता करता है। साथ ही, इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कम कार्ब इसे वज़न घटाने के लिए उपयुक्त बनाता है। इसके अलावा, यदि आप हमेशा भूखे रहते हैं तो आप पेट भरा रखने के लिए केल की मदद ले सकते हैं, क्योंकि आप इसे अच्छी मात्रा में खा सकते हैं। साथ ही, यह मधुमेह के लिए एक आदर्श भोजन है।
केल विटामिन सी का अच्छा स्रोत है, जो मूल रूप से एक एंटीऑक्सीडेंट है। यह विशेष विटामिन नई शरीर की कोशिकाओं के विकास में मदद करता है और डैमेज सेल्स की मरम्मत करता है।
साथ ही, यह शरीर में कोलेजन के संश्लेषण में मदद करता है, जिससे त्वचा की लोच और बालों के विकास में मदद होती है।
केल के फायटो न्यूट्रिएंट्स (phytonutrient) मूल्य कैंसर की रोकथाम में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। अन्य पदार्थ जैसे सल्फोराफेन और इंडोल -3-कार्बिनोल, कोशिकाओं की वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और अंततः कैंसर के जोखिम को कम करते हैं।
“केल आयरन का एक बड़ा स्रोत है। इसलिए सब्जी के रूप में इसका पोषण मूल्य बढ़ता है। यह रक्त में हीमोग्लोबिन स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है और एनीमिया को रोकता है, जो आजकल महिलाओं में आम हो रहा है। एनीमिया के कारण उन्हें हर समय कमजोरी महसूस होती हैं। जिससे रोज़मर्रा के काम में बाधा आती है।
डॉ. हुड्डा ने इसकी सिफारिश की है कि केल को महिलाओं के आहार का हिस्सा ज़रूर होना चाहिए।
केल भारतीय आहार का हिस्सा नहीं है, बल्कि पश्चिमी देशों में इसका ज्यादातर सेवन किया जाता है। पर अब यह भारत में उगाया जा रहा है, तो लोगों को केल के फायदों के बारे में पता चल रहा है।
“खाना पकाने का सबसे अच्छा तरीका है भारतीय शैली में एक साग बनाना, हालांकि इसे सलाद के रूप में कच्चा भी खाया जा सकता है और यह काफी स्वादिष्ट होता है। आप इसे पहले धो भी सकती हैं और फिर इसे और स्वादिष्ट बनाने के लिए इसे अन्य सब्जियों के साथ मिलाएं।
हालांकि इसका सेवन करने से पहले, ठंडे पानी में केल धो लें। आप इसे एक छलनी या स्टीमर का उपयोग करके भाप के माध्यम से भी पका सकती हैं। इसे उबालें नहीं, वर्ना आप इसके पोषक तत्व खो देंगी।
“डॉ हुड्डा चेतावनी देती हैं, “विटामिन-K से भरपूर सभी साग पतले रक्त वाले लोगों को रिएक्ट कर कर सकते हैं। इसलिए इन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा क्रूसीफाइड सब्जियां थायराइड की दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकती हैं।
तो देवियों, यदि आप बहुत लंबे समय से केल से बच रही हैं, तो इसे आहार में शामिल करने का समय आ गया है।
यह भी पढ़ें : यहां हैं 3 अच्छे कारण कि क्यों आपको अपने आहार में शामिल करना चाहिए मूंगफली का तेल
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।