मार्जरीन बनाम मक्खन : आपकी सेहत और फिटनेस के लिए क्या है ज्यादा बेहतर

कुछ लोग कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के डर से मक्खन खाने से बचते हैं। जबकि इन दिनों मार्जरीन को मक्खन के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। पर क्या यह वाकई हेल्दी है?
जहां मक्खन दूध जैसे नेचुरल पदार्थ से तैयार किया जाता है। वहीं मार्जरीन वेजिटेबल ऑयल से बनाया जाता है। चित्र : शटरस्टॉक
अक्षांश कुलश्रेष्ठ Published: 15 Nov 2021, 12:30 pm IST
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कुछ सालों से स्वादिष्ट मक्खन की जगह मार्जरीन लेने का चलन शुरू हो गया है। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि यह मक्खन से काफी ज्यादा हेल्दी होता है। वैसे तो मार्जरीन का ज्यादातर इस्तेमाल केक और बेकरी बिस्किट्स में किया जाता था,लेकिन धीमे-धीमे यह लोगों के किचन तक भी पहुंच चुका है। लोग इसे फायदेमंद मानते हैं और पराठे वह अन्य भोजन में भी इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन क्या यह मक्खन से ज्यादा फायदेमंद होता है? नहीं पता ! चलिए जानते हैं ।

क्या होता है मार्जरीन?

जहां मक्खन दूध जैसे नेचुरल पदार्थ से तैयार किया जाता है। वहीं मार्जरीन वेजिटेबल ऑयल से बनाया जाता है। यह अनसैचुरेटेड फैट्स के फायदे को काफी बढ़ा देता है, क्योंकि इसे ट्रांस फैटी एसिड और फ्री रेडिकल्स के साथ पैक किया जाता है। 

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मार्जरीन वेजिटेबल ऑयल से बनाया जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

मार्जरीन में सिंथेटिक विटामिन होते हैं और इसमें शामिल कलर नेचुरल नहीं होता। मार्जरीन को खास रंग देने के लिए ब्लीच और प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है। मार्जरीन को बनाने के लिए लंबे समय तक कई तरह के केमिकल और कलरिंग एजेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है।

क्या मक्खन मार्जरीन से बेहतर है ? 

मार्जरीन और मक्खन दोनों ही खाने के मामले में काफी ज्यादा पसंद किए जाते हैं। कुछ लोग मक्खन के फायदे गिनाते हैं, तो कुछ मक्खन का नुकसान बताते हुए मार्जरीन की सिफारिश करते हैं। 

किसी भी तरह की कन्फ्यूजन से बचने के लिए आइए दोनों की वैज्ञानिक आधार पर तुलना करके देखते हैं – 

1 बनने की प्रक्रिया 

मार्जरीन ट्रांस फैट और वेजिटेबल ऑयल से बनाया जाता है। इससे इसकी सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है। मगर विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रांस फैट मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हैं। जबकि पोषण के विशेषज्ञ रोजाना थोड़ी मात्रा में ही इसके सेवन की अनुमति देते है।

मक्खन में हाई कोलेस्ट्रॉल होता है जबकि मार्जरीन के ज्यादा खतरनाक कोलेस्ट्रॉल नही होता। इसके अलावा, मक्खन में भारी मात्रा में संतृप्त पशु वसा होता है, जो अधिक होने पर एथेरोस्क्लेरोसिस और मायोकार्डियल समस्या की उपस्थिति को ट्रिगर करती है। 

2 पोषक तत्व 

मक्खन में विटामिन डी और ए, प्रोटीन, खनिज लवण की एक उच्च सामग्री होती है। साथ ही इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, मैग्नीशियम भी मौजूद होता है। डॉक्टर मानते हैं कि कैंसर से बचाव के लिए रोजाना 30 ग्राम मक्खन खाना चाहिए।  

अंतिम बात 

कोलेस्ट्रॉल के मामले में मार्जरीन मक्खन से बेहतर है। जबकि मक्खन में मार्जरीन से ज्यादा पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। इसलिए बच्चों के लिए मक्खन ही बेहतर है। पर वयस्कों के लिए, खासतौर से जिन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, वे अपने आहार में मार्जरीन को शामिल कर  सकते हैं। 

मक्खन या मार्जरीन दोनों की ही अपनी-अपनी खासियत है। अपनी जरूरत और स्वास्थ्य स्थितियों के हिसाब से आपको अपने लिए आहार चुनना चाहिए। पर सबसे जरूरी बात, किसी भी तरह के फैट का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

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