अमचूर और इमली दोनों ही एक-दूसरे के विकल्प हैं। यदि इमली न हो तो खटास के लिए अमचूर पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। ठीक इसी प्रकार यदि आमचूर पाउडर न हो तो इमली के उपयोग से खाने को खट्टा स्वाद दिया जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इन दोनों में से स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर क्या है?
स्वाद में यह दोनों ही खट्टे होते हैं, हालांकि दोनों की खटास में बहुत अंतर होता है। कुछ चीजों में इमली की खटास ही ज्यादा बेहतर लगती है- जैसे सांभर। वहीं कुछ चीजों में आमचूर यानी खटाई स्वाद बढ़ा देती है।
तो आइए जानते हैं कि स्वास्थ्य के लिहाज से दोनों में से बेहतरीन विकल्प क्या है?
एक चम्मच आमचूर पाउडर में 36 कैलोरी, 300 मिलीग्राम सोडियम,9 ग्राम कार्बोहाइड्रेट,0 शुगर, 0 प्रोटीन, 2 ग्रा फाइबर, 20 मिलीग्राम कैल्शियम, 1.2 मिलीग्राम विटामिन सी होती है। आयुर्वेद में कई उपचारों के लिए आमचूर पाउडर को गुड़ के साथ खाने की सलाह दी जाती है। आमचूर पाउडर के स्वास्थ्य से जुड़े कई लाभ हैं जैसे :
1 इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए यह गर्भवती महिलाओं और एनीमिया के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है।
2 आम का पाउडर (अमचूर) आम को सुखाकर तैयार किया जाता है और आम में फिनोल होता है। फेनोलिक यौगिक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिसमें कैंसर विरोधी गुण होते हैं।
3 दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अमचूर पाउडर उपयोगी है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी अमचूर का इस्तेमाल दिल को बेहतर बनाए रखने के लिए किया जाता है। यह दिल की विफलता के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करने के लिए पाया गया है।
4 अमचूर पाउडर में आम की तरह ही विटामिन ए, सी, डी, बी 6 और बीटा कैरोटीन होता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में सहायता करता है। आयुर्वेद में अमचूर का इस्तेमाल संक्रमित यूरिनरी ट्रैक के इलाज में किया जाता है।
5 इसके अलावा आयुर्वेदिक चिकित्सा में अमचूर पाउडर को ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियों को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए भी किया जाता है।
6 अमचूर के नियमित सेवन से आंखों की रोशनी में सुधार होता है और मोतियाबिंद जैसी समस्याएं होने की संभावनाएं कम होती हैं।
इमली वैसे तो अपने खट्टे-मीठे स्वाद की वजह से काफी जानी जाती है। लेकिन अमचूर पाउडर की तरह इमली में भी ढेरों स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इसका इस्तेमाल चटनी, केचअप और मिठाईयां बनाने के लिए किया जाता है। वहीं इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर लीवर और दिल की बीमारियों से सुरक्षित रखने तक इमली बहुपयोगी है।
1 इमली फाइबर से भरपूर होती है और इसमें फैट की मात्रा नहीं होती। जिसके कारण इमली वजन कम करने में काफी सहायता करती है। इसमें फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स होते हैं।
2 इमली का उपयोग प्राचीन काल से टैटरिक एसिड, मैलिक एसिड और पोटेशियम सामग्री के कारण रेचक के रूप में किया जाता रहा है। आयुर्वेद में ही इसे डायरिया के उपचार में इसके सेवन की सलाह दी गई है।
3 इमली का सेवन दिल की सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इमली में मौजूद फ्लेवोनोइड्स एलडीएल को कम करते हैं और एचडीएल या “अच्छे” कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं।
4 यह अपने एंटीहिस्टामिनिक गुणों के कारण एलर्जी, अस्थमा और खांसी से निपटने का एक प्रभावी तरीका है। यह विटामिन सी का भी एक समृद्ध स्रोत है और सर्दी और खांसी को रोकने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती है।
किसी भी खट्टी चीज का ज्यादा सेवन हड्डियों के लिए फायदेमंद नहीं होता। हालांकि अमचूर पाउडर के इमली के मुकाबले कम दुष्प्रभाव हैं। अमचूर के अत्यधिक सेवन की एक आम प्रतिक्रिया गले में खराश या खांसी है, क्योंकि यह काफी खट्टा होता है।
वहीं इमली से रक्तस्राव का जोखिम बढ़ सकता है। यदि कुछ दवाओं के साथ इमली का सेवन कर लिया जाए, तो यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है – जैसे एस्पिरिन, इब्यूप्रोफन, नेपरोक्सन आदि। इसके अलावा इमली से जिन लोगों को एलर्जी होती है, उन्हें भी कई प्रकार की त्वचा से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
इमली और आमचूर पाउडर दोनों ही सेहत को कई लाभ प्रदान करते हैं। हालांकि इमली की तुलना में अमचूर के कम साइड इफेक्ट दिखाई देते हैं। इसलिए अमचूर की वकालत की जा सकती है। फिर भी अपनी स्वास्थ्य स्थितियों के मद्देनजर एक बार विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। और हां ध्यान रखें कि अति किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती।
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