संतुलित आहार (Balanced Diet) किसी भी बीमारी से रिकवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वस्थ और पौष्टिक भोजन न केवल आपको ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि आपके शरीर को अंदर से ठीक करके रिकवरी की प्रक्रिया को भी तेज करता है। सुनने में मलेरिया भी किसी आम बीमारी की तरह लग सकता है। मगर यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह लिवर और किडनी फेलियर (Kidney Failure) तक का कारण बन सकता है। पर आहार पर ध्यान देकर मलेरिया (Malaria Diet) से जल्दी रिकवरी में मदद मिल सकती है।
मगर चिंता करने की कोई बात नहीं है क्योंकि हम बताएंगे खाने और पोषण से जुड़े कुछ टिप्स, जो आपको और आपके एजिंग पेरेंट्स को मलेरिया से जल्दी रिकवर होने में मदद करेंगी। चलिये जानते हैं खानपान से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें। मगर उससे पहले जान लेते हैं क्या है मलेरिया।
मलेरिया एक प्रोटोजोअल बीमारी है, जो हाई फीवर से जुड़ी हुई है और अक्सर मादा एनोफिलीन मच्छर (Anopheles Mosquito) के काटने से फैलती है। मच्छर परजीवी को एक संक्रमित इंसान से दूसरे इंसान में ले जाते हैं। ये परजीवी तब रक्त प्रवाह में प्रवेश करते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं। मलेरिया के मुख्य लक्षण बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, घबराहट, उल्टी आदि हैं।’
हालांकि, मलेरिया के लिए कोई विशिष्ट डाइट नहीं है, लेकिन पर्याप्त पोषण लेना ही इससे जल्दी रिकवर होने की कुंजी है। एक अच्छी डाइट लिवर, किडनी और पाचन तंत्र को प्रभावित नहीं करती है और रोगी की इम्युनिटी को मजबूत करती है।
बुखार शरीर की चयापचय दर को बढ़ाता है, इस प्रकार कैलोरी (Calorie) की आवश्यकता बढ़ जाती है। कैलोरी की आवश्यकता तापमान की वृद्धि पर निर्भर करती है। बुखार के दौरान भूख कम लगती है, इसलिए कैलोरी का सेवन एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में तुरंत ऊर्जा प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण है- जैसे ग्लूकोज, गन्ने का रस, फलों का रस, नारियल पानी, शिकंजी, आदि।
मलेरिया में प्रोटीन की आवश्यकता बढ़ जाती है क्योंकि ऊतक का भारी नुकसान होता है। उच्च कार्बोहाइड्रेट डाइट के साथ प्रोटीन की सही मात्रा ऊतक निर्माण में सहायक साबित हो सकती है। उच्च जैविक मूल्य वाले प्रोटीन जैसे दूध, दही, लस्सी, छाछ, मछली (स्टू), चिकन (सूप/स्टू), अंडा आदि का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।
मलेरिया में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (Electrolytes) की कमी बहुत आम है। इसे बनाए रखने के लिए जूस, स्टू, सूप, चावल का पानी, दाल का पानी, नारियल पानी, आदि का सेवन करना फायदेमंद है। विटामिन A और C से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, चुकंदर, पपीता, फल विशेष रूप से खट्टे फल (जैसे संतरा, मौसंबी, पाइन सेब, अंगूर, जामुन, नींबू, आदि), विटामिन B कॉम्प्लेक्स के साथ इम्युनिटी को बढ़ावा देने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं।
अपने वसा के सेवन पर नियंत्रण रखें
जब आप बीमार हों तो वसा का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। मगर दूध उत्पादों (Milk Products) में मक्खन, क्रीम, जैसे डेयरी फैट का उपयोग पाचन में सहायक होता है, क्योंकि इनमें मध्यम श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स (एमसीटी) होता है। खाना पकाने या तली हुई चीजें खाने में वसा का अत्यधिक उपयोग घबराहट, खराब पाचन को बढ़ाता है जिससे दस्त हो सकते हैं।
एक उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, मोटी त्वचा वाले फल, आदि
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंतले हुए खाद्य पदार्थ, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, जंक फूड, तैलीय और मसालेदार भोजन, अचार, आदि
चाय, कॉफी, कोको और अन्य कैफीनयुक्त पेय आदि का अधिक सेवन।
तो मलेरिया के लिए एक अच्छा संतुलित और पौष्टिक आहार बहुत ज़रूरी है। साथ ही, खुद को हाइड्रेटेड रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
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