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क्या है मड़ुआ की रोटी और इसके फायदे, जो जितिया पर्व में खाती हैं बिहार-झारखंड की महिलाएं

मडुआ को आम भाषा में रागी कहा जाता है, इस नाम से तो ज्यादातर लोग वाकिफ होंगे (madua ke fayde)। कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर मडुआ आपकी सेहत के लिए कमाल कर सकता है।
Updated On: 25 Sep 2024, 02:20 pm IST
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madua ke fayde
रागी में बेहद कम मात्रा में फैट होता है, और कैलोरी की भी सीमित मात्रा पाई जाती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

24 और 25 सितंबर को जितिया व्रत मनाया जायेगा। मां इस व्रत को बच्चों की स्वस्थ और लंबी उम्र के लिए रखती है। विशेष रूप से यह पर्व बिहार और यूपी के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है। इस दिन मडुआ की रोटी (madua ki roti ke fayde) खाने का बड़ा महत्व है। महिलाएं पारण में इसे खाती हैं, और गहरा के सभी सदस्यों को परोसती हैं। मडुआ के केवल धार्मिक महत्व नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इसके कई फायदे हैं। मडुआ को आम भाषा में रागी कहा जाता है, इस नाम से तो ज्यादातर लोग वाकिफ होंगे (madua ke fayde)।

कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर मडुआ आपकी सेहत के लिए कमाल कर सकता है (ragi benefits)। मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा ने मडुआ यानी की रागी की रोटी के कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ बताएं हैं, तो चलिए जानते हैं यह सेहत के लिए किस तरह फायदेमंद होती है (ragi ke fayde)।

पहले जानें मडुआ क्या है?

मडुआ को सामान्य तौर पर राजी के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का अनाज है, जिसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इस पौष्टिक अनाज का आटा तैयार कर उसे इस्तेमाल किया जाता है। इसकी मदद से रोटी, डोसा, इडली, चीला आदि जैसे पौष्टिक व्यंजन तैयार किए जाते हैं।

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रागी कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर है। चित्र- अडोबी स्टॉक

अब जानते हैं इसके फायदे (madua ke fayde)

1. वजन कम करने में मददगार है

मडुआ का आता वेट लॉस में आपकी मदद कर सकता है। यदि आप बढ़ते वजन से परेशान हैं, और डाइटिंग पर हैं, तो इसकी रोटी को अपनी नियमित डाइट में शामिल करें। वही कभी-कभी स्वाद बदलने के लिए मडुआ से डोसा और इडली भी तैयार की जा सकती है। इसमें बेहद कम मात्रा में फैट होता है, और कैलोरी की भी सीमित मात्रा पाई जाती है। इस प्रकार यह बढ़ते वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

2. डायबिटीज में बेहद कारगर होता है

डायबिटीज के मरीजों के लिए मडुआ के आटे से बने व्यंजन किसी दवाई से कम नहीं होते। इनमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है और यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रुकती है। विशेष रूप से इसे खाने के बाद बार-बार भूख नहीं लगाती, जिससे कि डायबिटीज की स्थिति में लोग सीमित मात्रा में भोजन करते हैं। इतना ही नहीं यह ग्लूटेन फ्री है, इसलिए यह अधिक फायदेमंद हो जाति है। डायबिटीज के मरीजों को दिन में एक बार राजी से बनी रोटी जरूर खानी चाहिए।

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महिलाओं को अपने हड्डियों के स्वास्थ्य के बारे में अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है. चित्र : शटरस्टॉक

3. हड्डियों को मजबूत बनाएं

30 की उम्र के बाद महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती है, इसलिए उन्हें अपनी सेहत के अनुरूप डाइट प्लान करना चाहिए। मडुआ के आटे में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, इस प्रकार इसका सेवन हड्डियों को मजबूती देता है और हेल्दी बोन डेंसिटी बनाए रखता है। वहीं यदि किसी को हड्डियों में दर्द की समस्या रहती है, तो उन्हें मडुआ के आटे से बनी रोटी जरूर खानी चाहिए।

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4. एनीमिया को ट्रीट करता है मडुआ

महिलाओं में आमतौर पर एनीमिया देखने को मिलता है। प्रेगनेंसी के दौरान और इसके बाद साथ ही कई अन्य ऐसी स्थितियां हैं, जिसमें महिलाओं की शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। जिसकी वजह से उन्हें कमजोरी तथा अन्य शारीरिक लक्षणों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में आयरन से भरपूर मडुआ का आटा आपकी मदद कर सकता है। मडुआ के आटे से बनी रोटी के साथ हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें, नियमित रूप से इनके सेवन से कुछ दिनों में ही आपको बेहतर महसूस होगा।

5. पाचन समस्याओं को दूर करे

मडुआ के आटे में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इस प्रकार इसका नियमित सेवन पाचन क्रिया को पूरी तरह से सक्रिय रखता है। वहीं गैस, ब्लोटिंग, कब्ज आदि जैसी पाचन संबंधी समस्याओं के खतरे को कम कर देता है।

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इसमें आयरन की मात्रा पाई जाती है और ये ब्रैस्टफीडिंग मदर्स के लिए फायदेमंद होता है. चित्र : अडॉबीस्टॉक

6. लेक्टेटिंग मदर्स के लिए फायदेमंद है

जो महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग करवा रही हैं, उनके लिए मडुआ का आता किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें कई ऐसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो महिलाओं में ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ा देते हैं। मडुआ की रोटी के साथ-साथ हरी पत्तेदार सब्जियां और ताजे फलों का सेवन करें, इस प्रकार आपकी शरीर में फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन एवं मिनरल्स की मात्र बनी रहती है। वहीं आप पूरी तरह से स्वस्थ रहती हैं।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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