हर मौसम की अपनी खासियत और कमियां होती हैं। हमें इन दोनों के साथ ही हर मौसम का स्वागत करना है। मौसम की गुडनेस का पूरा फायदा लेने के लिए जरूरी है कि हम उसमें होने वाली समस्याओं से बचने के लिए कुछ समझदारी पूर्ण उपाय करें। इनमें सबसे ज्यादा जरूरी है खानपान संबंधी बदलाव।
हेल्दी डाइट आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्व स्थी बनाए रखने के लिए जरूरी है। यही आपकी स्किन के ग्लोप, बालों की ग्रोथ और हेल्दीन स्माथइल के लिए भी जिम्मे दार है। इसलिए यह सबसे ज्याददा जरूरी है कि आप बदलते मौसम के साथ अपनी आहार में भी बदलाव करें।
बरसात के मौसम को अच्छी तरह एन्जॉय करने के लिए जरूरी है कि हम अपनी मानसून डाइट को अच्छी तरह प्लान करें। इसके लिए आज हम सेलिब्रिटी डायटीशियन रुजुता दिवेकर का मानसून डाइट प्लान आपके लिए लेकर आए हैं। आइए देखते हैं क्या है वह डाइट प्लान –
सीजन (Season) एंड रीजन (Region) यानी मौसम और अपने क्षेत्र के अनुसार आहार ग्रहण करना स्वस्थ रहने की कुंजी है। इससे न केवल आप हेल्दी रहते हैं, बल्कि यह आपकी लोकल इकोनॉमी के लिए भी बहुत जरूरी है और फायदेमंद है। यह वैश्विक पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है।
तो यहां सेलिब्रिटी फिटनेस कोच और डायटिशियन रूजुता दिवेकर आपको बता रहीं हैं कि आपको सावन (Shravan) यानी बरसात (Rainy season) के इस महीने में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
बारिश के दौरान मिट्टी हरी पत्तेदार सब्जियों को उगाने के लिए उपयुक्त नहीं रहती। इसलिए इस दौरान हम बेल पर फलने वाली सब्जियां जैसे लौकी, कद्दू, करेला, गिलका और जड़ वाली सब्जियां जैसे शकरकंद, सुरान, कोंफल, अरबी, आलू आदि सब्जियों की तरफ शिफ्ट हो जाते हैं।
इस नियम के अपवाद रूप में हम कुछ ऐसी जंगली और हरी सब्जियां भी खाते हैं, जो इस मौसम में खूब होती हैं। जैसे – अंबाड़ी, शेवला, लिंगड़ी आदि। इनमें एंटी-बैक्टीरियल प्रोपर्टीज होती हैं, जो गट हेल्थे के लिए फायदेमंद हैं। यह महाराष्ट्र् में प्रचलित कुछ सब्जियां हैं, आप इनमें अपनी लोकल सब्जियां एड कर सकते हैं।
बारिश के मौसम में मोटे और छोटे अनाज खाना स्वास्थ्यवर्धक होता है। आप इसे दलिया, भाकरी या पापड़ के रूप में खा सकते हैं। हालांकि मल्टीे ग्रेन ब्रेड या बिस्कुट को इस मौसम में न कहें। सावन का मौसम अपने साथ ढेर सारे त्यौहार भी लेकर आता है। इन उपवास और उत्सलवों में राजगीरा, समा, कुट्टू, मंडुआ, आदि भी खाने चाहिए।
फिर चाहें आप उन्हें पारंपरिक तरीके से दही, मक्खन आदि के साथ खाएं या अपने अलग अंदाज में। ध्यान रहे कि चावल, ज्वार और गेहूं ऐसे अनाज हैं जिन्हें साल भर खाया जा सकता है। और हां, मक्की भी। लेकिन अपनी लोकल मक्की, स्वीट या अमेरिकन कॉर्न नहीं।
परंपरागत रूप से इस मौसम में भारतीय लोग मांस/मछली से परहेज करते हैं। तब दालें उन्हेंन प्रोटीन, विटामिन, खनिज और फाइबर देने का काम करती हैं। उसल या दाल की बड़ी और पापड़ बनाकर खाना और भी अच्छा है। जिसे आप किसी भी सब्जी में मिक्स कर सकती हैं। ये हमारे कल्चर का हिस्सा है कि हम कुछ भी बर्बाद नहीं करते। इस नीति का आपको अब भी पालन करना चाहिए। उतना ही बनाएं जितनी जरूरत है।
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कस्टमाइज़ करेंइस मौसम में आपको अपने भोजन में दो महत्वपूर्ण दालें भी शामिल करनी चाहिए- कुलिथ (horse gram) और अल्साने (Goa beans)। ये दोनों ही त्वचा और बालों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। कनाडा के खाद्य दिशानिर्देश में इन दोनों दालों को हाई प्रोटीन सोर्स माना है।
हर मौसम का अपना राजा होता है, गर्मियों के लिए आम हो तो बारिश के लिए गहरी तली हुई भजिया। फिल्टर्ड मूंगफली / सरसों / नारियल तेलों का प्रयोग करें और फ्राई करने के बाद तेल का उपयोग न करें। याद रखें कि आहार में आवश्यक वसा के बिना, विटामिन डी आत्मसात नहीं हो सकता है, और वह आवश्यक वसा रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में भी मदद करती है।
इसलिए स्वादिष्ट होने के साथ-साथ डीप फ्राई पकौड़े आपके लिए हेल्दी भी हैं। उन्हें बिना डरे और पूरे आत्मविश्वास के साथ खाएं, क्योंकि आप जानते हैं कि आपको कहां बंद करना है।
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