हर लेबल पूरा सच नहीं बोलता, जानिए क्या वाकई रोटी वाला पोषण दे सकती है ब्राउन ब्रेड?

हम अकसर ब्रेड के भूरे रंग को देखकर उसे हेल्दी समझ लेते हैं। जबकि बाज़ार आपकी नासमझी और आधी समझ का फायदा उठाने के लिए पहले से तैयार बैठा है।

kya wakai brown bread paushtik hoti hai
क्या वाकई ब्राउन ब्रेड है आपके लिए हेल्दी ऑप्शन? चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 28 Apr 2022, 10:00 am IST
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विज्ञापनों की दुनिया हमारे घर के बने खाने से भी ज्यादा हेल्दी नजर आती है। यहां जो भी नया प्रोडक्ट आता है, वह विटामिन, खनिजों और पोषक तत्वों का खजाना होता है। पर वास्तविकता असल में कुछ और होती है। और इसे प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां लेबल पर लिखती तो हैं, पर ज़रा छुपा-छुपा कर। ऐसा ही एक हेल्दी कहा जाने वाला उत्पाद है ब्राउन ब्रेड। दावा यह किया जाता है कि ब्राउन ब्रेड आपको एक रोटी जितना पोषण दे सकती है। पर क्या वाकई ऐसा है? आइए चैक करते हैं ब्राउन ब्रेड के न्यूट्रीशनल (brown bread nutrition) फैक्ट्स को और बात करते हैं न्यूट्रीशनिस्ट बिंदु बजाज से।

हेल्दी आदतें और ब्राउन ब्रेड

हेल्दी खाने की आदत अपनाने के लिए अगर आपने किराने की दुकान (Grocery store) पर “wheat” लेबल वाली ब्राउन ब्रेड ली है, तो रुकिए क्योंकि हम आपको बताएंगे कि ‘ब्राउन’ हमेशा हेल्दी नहीं होती। ये ब्राउन ब्रेड, दरअसल सफेद ब्रेड जितनी ही अनहेल्दी है। इसे ब्राउन यानी भूरा रंग देने के लिए इसमें कैरामेल मिलाया जाता है। आपकी ब्रेड हेल्दी है या नहीं यह जानने के लिए ज़रूरी है कि आप सम्पूर्ण अनाज या ‘ whole grain’ के बारे में समझें। और यह भी कि क्या वाकई आपकी ब्रेड आपको एक रोटी जितना फायदा दे रही है?
जानिए क्या है ब्रेड पर दिए लेबल का सच

“मल्टी-ग्रेन,” “राईस,” या “7 ग्रेन” जैसे लेबलिंग शब्दों का मतलब यह नहीं है कि आपके ब्रेड में सम्पूर्ण अनाज है। पैकेज के पीछे दी गई सामग्री पर लगे लेबल को ध्यान से देखा जाना चाहिए। लेबल पर (whole) लिखा होना चाहिए। पैकेट पर अगर (rich) यानी “समृद्ध” शब्द शामिल है तो इसका मतलब यह नहीं कि ब्रेड बनाई ही उस अनाज से गई है, बल्कि इसका मतलब है कि पैकेट पर दिए गए विटामिन अनाज के साथ जोड़े गए हैं।

क्या है साबुत अनाज?

साबुत अनाज में चोकर और ज़रूरी बैक्टीरिया होते हैं। चोकर अनाज की बाहरी परत है जो रफेज या फाइबर के तौर पर काम करते हुए हमारे शरीर के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। जब ब्रेड बनाने वाली कम्पनियां अनाज को परिष्कृत या प्रॉसेस करते हैं, तो वे चोकर और ज़रूरी बैक्टीरिया हटा देते हैं।

गेहूं में मौजूद ज्यादातर फाइबर चोकर में होता है। अधिकांश विटामिन और खनिज, जिनमें विटामिन ई, सेलेनियम, लोहा, मैग्नीशियम, जस्ता और बी विटामिन शामिल हैं, बैक्टीरिया में मौजूद हैं। इसलिए ब्राउन ब्रेड जो साबुत अनाज का उपयोग करके नहीं बनाई जाती है, उसमें ये चीज़ें शामिल नहीं होती। इतना ही नहीं कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी इनमें से गायब होते हैं।

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सबूत अनाज को बनाएं माइंड डाइट का हिस्सा। चित्र : शटरस्टॉक

ब्राउन और साबुत-गेहूं की ब्रेड में अंतर

गेहूं की भूसी में बड़ी मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो आपको गेहूं की एक रोटी खाने से मिलता है। सफेद ब्रेड के एक स्लाइस में आमतौर पर 1-2 ग्राम फाइबर होता है। जबकि पूरे गेहूं (whole wheat) से बनी एक ब्रेड के एक स्लाइस में 2-4 ग्राम होता है।

फाइबर के लाभों में कब्ज से छुटकारा, कुछ खास तरह के कैंसर के जोखिमों को कम करना, “खराब” कोलेस्ट्रॉल को कम करते हुए हृदय रोग के जोखिम को कम करना और मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए ब्लड शुगर को कम करना शामिल है। अपने भोजन में फाइबर को शामिल करने से वजन नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है, क्योंकि यह आपको भूख का एहसास नहीं होने देता है।

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ब्लड शुगर पर असर

होल ग्रेन यानी साबुत अनाज के फायदों पर हावर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में होल ग्रेन्स (साबुत अनाज) के फायदों पर हुए एक शोध के अनुसार अनाज की बनी चीज़ें खाने से ब्लड शुगर को बढ़ने को रोका जा सकता है। हमारे देश में भी मधुमेह या डायबिटीज से पीड़ितों की एक बड़ी संख्या है। लाखों लोगों को प्रीडायबिटीज है या वे डायबिटीज की किसी न किसी स्थिति से परेशान हैं। उन सबको एक साधारण सी युक्ति से फर्क पड़ सकता है: सुनिश्चित करें कि आप जो ब्राउन ब्रेड खरीद रहे हैं वह मुख्य रूप से पूरे गेहूं/अनाज से बना है।

क्या रोटी वाला पोषण दे सकती है ब्राउन ब्रेड

धारणा है कि ब्राउन ब्रेड गेहूं की पूरी एक रोटी के समान है। हालांकि, यह सच्चाई से बहुत दूर है। न्यूट्री हब की आहार एवं पोषण विशेषज्ञ अंकिता श्रीवास्तव कहती हैं, “ब्राउन ब्रेड आमतौर पर मैदा और पूरे गेहूं के आटे का मिश्रण होता है। इसलिए वह रोटी के पोषण का मुकाबला नहीं कर सकती। इसलिए रोटी खाना हमेशा किसी भी तरह की ब्रेड खाने से ज्यादा सेहतमंद होता है।”

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ब्राउन ब्रैड हेल्दी है या नहीं। चित्र : शटरस्टॉक

ब्राउन ब्रेड बनाम होल व्हीट ब्रेड

हर तरह के ब्रेड के फायदे भी अलग होते हैं। इसलिए आपको ब्राउन ब्रेड और होल ग्रेन/व्हीट ब्रेड के अंतर और उनके फायदों के बारे में जानना चाहिए

ब्राउन ब्रेड में चोकर, एंडोस्पर्म और अच्छे बैक्टीरिया नहीं होते हैं, जो कि साबुत अनाज की ब्रेड में होते हैं। ब्राउन ब्रेड में विटामिन, प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्त्व कम हो जाते हैं।

साबुत गेहूं की ब्रेड में, रिफाइंड आटे की बनी ब्राउन ब्रेड की तुलना में अधिक फाइबर होता है। फाइबर कब्ज को रोकने में मदद करता है, कैंसर के खतरे, खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, हृदय रोग के जोखिम और ब्लड शुगर कम करता है, जिससे मधुमेह का खतरा कम होता है।

फाइबर से भरपूर होल व्हीट ब्रेड आपको ब्राउन ब्रेड वाले रिफाइंड आटे की तुलना में आपको ज्यादा तृप्त महसूस करवाती है, जिसकी वजह से आपको भूख कम लगती है। होल व्हीट ब्रेड कैलोरी में ढेर सारे पोषक तत्व होते हैं, जो इसे एक स्मार्ट विकल्प बनाते हैं।

ब्राउन ब्रेड में भूरा रंग देने के लिए कैरामेल जैसे अन-नेचुरल कलर का इस्तेमाल होता है। जबकि होल व्हीट ब्रेड में कृत्रिम रंग नहीं होता है।

यह तुलना यह स्पष्ट करती है कि ब्राउन ब्रेड होल व्हीट की तुलना में कम पौष्टिक है। कमर्शियल ब्रेड में एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव होते हैं। जबकि होल व्हीट ब्रेड सेहतमंद और स्वादिष्ट होती है।

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