मधुमेह आम जीवनशैली स्थितियों में से एक है, जो हाल के दिनों में अधिकांश लोगों को प्रभावित कर रहा है। इसके कारण रक्त में शक्कर का स्तर बढ़ जाता है और शरीर में इंसुलिन (insulin) के कम उत्पाद होने के कारण आपके सेल्स सही से प्रतिक्रिया नहीं देते है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसे ठीक नहीं किया जा सकता है। लेकिन स्वस्थ आहार खाने, व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने और एक फिट और सक्रिय जीवनशैली का पालन करके इसे प्रबंधित किया जा सकता है।
अधिकांश स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए आंवला (gooseberry) खाने का सुझाव देते हैं। आंवला अपने इम्युनिटी बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है और इसे मधुमेह के लिए एक बेहतरीन उपाय के रूप में सुझाया जाता है। पर क्या डायबिटीज के रोगियों को आंवले का मुरब्बा खाना चाहिए? आइए आपकी सेहत और स्वाद के लिए आज इस तथ्य को चैक करते हैं।
पारंपरिक रूप से आंवला का उपयोग शरीर के रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। ज्यादातर स्वास्थ्य चिकित्सक मधुमेह के रोगियों को आंवला खाने का सुझाव देते है। कड़वे-खट्टे आंवला का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। इनमें से एक है स्वादिष्ट और हेल्दी तरीक है आंवले का मुरब्बा खाना।
यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर के अनुसार, पैन्क्रीयाज के रोग (pancreatitis) को रोकने के लिए आंवला एक प्रभावी पारंपरिक उपाय है। इसमें उत्पादित इंसुलिन (insulin), रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
हालांकि, जब पैन्क्रीयाज में सूजन हो जाती है, तो यह बीमारी का कारण बनता है। जो इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को घायल कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि हो सकती है। इसलिए, आंवला पैन्क्रीयाज के रोग (pancreatitis) को नियंत्रित करने और अंततः रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए जाना जाता है।
आंवला में क्रोमियम (chromium) होता है। यह खनिज कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित करता है और कहा जाता है कि यह शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनाता है। साथ ही यह रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित रखता है।
इसके अन्य लाभों को विटामिन सी (vitamin C) की उपस्थिति के लिए भी जाना जाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) है। आर्काइव्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि विटामिन सी के स्तर और मधुमेह के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है।
शोध बताते हैं कि शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव मधुमेह और संबंधित बीमारियों जैसी स्थितियों का मूल कारण है। आंवला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीकरण के हानिकारक प्रभावों से बचाते है, जिससे आपको मधुमेह से निपटने में मदद मिलती है।
असल में आंवला हेल्दी है और रक्त शर्करा के स्तर को मैनेज कर सकता है। पर जब आप इसका मुरब्बा तैयार करती हैं, तो इसमें ढेर सारी चीनी शामिल हो जाती है। जो डायबिटीज के रोगियों के लिए सही लाभ प्रदान नहीं कर पाता।
हालांकि आंवले का मुरब्बा एक लोकप्रिय व्यंजन है, जो भारतीय घरों में व्यापक रूप से तैयार किया जाता है। यकीनन बच्चों की डाइट में आंवले का मुरब्बा शामिल करना उनकी इम्युनिटी बढ़ाने का एक टेस्टी तरीका है। पर अगर आपके घर में कोई डायबिटीज का रोगी है तो उसके लिए मुरब्बा खाने की सलाह नहीं दी जाती।
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कस्टमाइज़ करेंकेवल मुरब्बा ही नहीं, आंवला एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसका सेवन आप कई अन्य तरीकों से कर सकते हैं। यह डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभदायक साबित होगा।
तो लेडीज, अगर आपके घर में कोई डायबिटीज का रोगी है, तो स्वस्थ तरीके से आंवले को उनकी डाइट में शामिल करें।
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