हर किसी को ग्लूटेन-फ्री डाइट (Grain Free Diet) अपनाने या कीटो डाइट फॉलो करना अच्छा विचार नहीं हो सकता। सोशल मीडिया ट्रेंड्स ने ग्रेन फ्री डाइट को वेट लॉस की गारंटी साबित कर दिया है, जबकि यह पूरी तरह सच नहीं है। इसी वजह से बहुत से लोगों ने अपनी जीवनशैली से अनाज निकालना शुरू कर दिया है। मगर एक खाद्य समूह को हटाने से आपके शरीर पर प्रभाव पड़ता है, जिनमें से कुछ सकारात्मक और अन्य नकारात्मक होते हैं।
यदि आप सोच रहे हैं कि आप अनाज यानी ग्रेन्स (जैसे – दलिया, बाजरा, गेहूं, दालें, मक्का आदि) खाना बंद कर देंगे, तो आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा तो यह आपकी बहुत बड़ी भूल हो सकती है। आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल द्वारका में डायटेटिक्स विभाग की प्रमुख और सहायक प्रबंधक डीटी. आशीष रानी इस बारे में महत्वपूर्ण राय देती हैं। वे मानती हैं कि आहार में अनाज बंद कर देने से कई शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
साबुत अनाज पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत हैं, विशेष रूप से फाइबर, बी विटामिन, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज और सेलेनियम। दूसरी ओर, प्रसंस्कृत अनाज, जिनके चोकर और रोगाणु को हटा दिया गया है, उनके अधिकांश फाइबर, विटामिन, खनिज और अन्य लाभकारी पौधों के यौगिकों की कमी होती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institute of Health) के अध्ययनों से पता चलता है कि अनावश्यक रूप से ग्रीन फ्री डाइट का पालन करने से पोषक तत्वों की कमी का खतरा बढ़ सकता है, विशेष रूप से बी विटामिन और आयरन।
अनाज को पूरी तरह से हटाने से आपको कब्ज की समस्या हो सकती है। साबुत अनाज में चोकर निकलता है जिसमें फाइबर होता है जो आपको रेगुलर रखने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करें कि आप फाइबर से भरपूर अन्य खाद्य पदार्थ खा रही हैं – जैसे फल या पत्तेदार साग। जो इस समस्या से निपटने में मदद कर सकते हैं।
आशीष रानी का कहना है कि – ”जब आप अपने आहार में अनाज लेने से बचते हैं, तो आप अपने कब्ज के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा यह लंबे समय में यह कोलन रोग का कारण बन सकता है।”
ग्रेन्स को हटाने से उच्च कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ सकता है। अनाज में फाइबर हमारे शरीर में अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल को हटाने में मदद करता है। इसलिए फलों, सब्जियों, बीन्स और मसूर जैसे अन्य स्रोतों में फाइबर ढूंढना महत्वपूर्ण है।
अनाज को खत्म करने से गर्भवती होने में कठिनाई हो सकती है। अनाज फोलेट में बेहद समृद्ध होते हैं, जो प्रजनन के अनुकूल विटामिन है और गर्भवती होने की संभावनाओं को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। तो यदि आप भविष्य में गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, तो ग्रेन फ्री डाइट लेना अच्छा विचार नहीं है। अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन (American Pregnancy Association) के अनुसार, पत्तेदार साग, बीन्स और खट्टे फलों में भी फोलेट होता है।
आशीष रानी के अनुसार – ”कुछ लोगों के आहार से विशिष्ट अनाज हटाने के फायदे हैं क्योंकि यह वजन, सूजन को कम करने और रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करने और पाचन में भी सुधार करने में मदद करता है। मगर यह सभी के लिए लागू नहीं होता है। ऐसे में ग्रेन फ्री डाइट लेने से पहले हमें डायटीशियन की सलाह ज़रूर लेनी चाहिए।”
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