केला ढेर सारे न्यूट्रिएंट्स से भरपूर फल है। केले में मैंगनीज, विटामिन बी6, विटामिन सी, फाइबर, पोटेशियम, आयरन, विटामिन ए, बायोटिन जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। केले में फैट बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। केले में मौजूद ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और सुक्रोज प्राकृतिक शर्करा (natural sugar) हैं जो ऊर्जा बढ़ाते हैं। केले की खासियत है उसका हल्का मीठापन और क्रीमीनेस। जैसे-जैसे ये पकते हैं, मीठे और ज़्यादा सॉफ्ट हो जाते हैं। बनाना शेक को वेजिटेरियन प्रोटीन शेक के तौर पर भी लिया जाता रहा है। चलिए जानें कि अगर आपका बच्चा अपनी ग्रोइंग एज (Banana benefits for kids) में है, तो किस तरह केला उसकी ग्रोथ में हेल्प कर सकता है। इस बारे में हमने बात की स्टे फिट जामनगर की फिटनेस और न्यूट्रीशन एक्सपर्ट अनिता जेना से
अनिता कहती हैं, “केले को स्पोर्ट्स फूड माना जाता है। पके केले में मौजूद कार्बोहाइड्रेट तुरंत एनर्जी देता है। बच्चे पूरे दिन शारीरिक रूप से काफी सक्रिय रहते हैं। वे बहुत तेजी से थक जाते हैं, क्योंकि अपनी हाइपर एक्टिविटीज़ के कारण उन्हें हमेशा ढेर सारी एनर्जी की ज़रूरत पड़ती है। अपने बच्चे के ऊर्जा स्तर को बनाए रखने के लिए उसे नियमित रूप से एक केला ज़रूर दें। पके केले एनर्जी बूस्टर होते हैं। आप बच्चे के खेल से वापस आने के तुरंत बाद भी उन्हें केला दे सकती हैं, जिससे वे ऊर्जावान महसूस करेंगे और उनका पेट भी भरा रहेगा।”
केले में मौजूद फाइबर अच्छे पाचन में मदद करता है। केले में पेक्टिन नामक एक प्रकार का फाइबर भी होता है जो पानी में घुलनशील होता है। यह कार्बोहाइड्रेट को फ्री फ्लोइग शुगर (sugar) में तब्दील करता है। साथ ही पाचन में भी सहायता करता है। केले का नियमित सेवन आपके बच्चे को कब्ज़ जैसी समस्याओं से भी निजात देता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को रोकता है। केले में मौजूद फाइबर की मदद से आपका बच्चा भूख महसूस नहीं करेगा और उसके पोषण में किसी तरह की कमी भी नहीं रहेगी।
न्यूट्रीशनिस्ट अनेता के अनुसार केला एक पोटेशियम युक्त फल है। पोटेशियम आपके बच्चे के आहार में मौजूद सोडियम को निष्क्रिय कर देता है और इस तरह आपके बच्चे की हड्डियों को मजबूत बनाता है। पेशाब के दौरान जो कैल्शियम की कमी हो जाती है, उसकी पूर्ति केले से की जा सकती है।
जो बच्चे नियमित रूप से केला खाते हैं उनकी आंखों की रोशनी बेहतर होती है। केला आपके बच्चे की दृष्टि में सुधार कर सकता है। केले में विटामिन ए मौजूद होता है जो आंखों की रोशनी के लिए अच्छा होता है। यह रेटिना को किसी भी तरह की बीमारी से बचाता है।
आयरन की कमी के लाल रक्त कोशिकाओं यानी रेड ब्लड सेल्स (Red blood Cells- RBC) के उत्पादन में कमी हो जाती है। इसके कारण बच्चा एनीमिक भी हो सकता है। लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आपके बच्चे के आहार में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12 और कॉपर पर्याप्त मात्रा में शामिल होना चाहिए। एक केला इन सभी पोषक तत्वों से भरपूर होता है और हीमोग्लोबिन के उत्पादन में मदद करता है। आयरन आपके बच्चे के लिए अच्छा है और आपके बच्चे को एनीमिक होने से रोकता है।
केला आपके बच्चे के दिमाग के लिए एक अच्छा ईंधन हो सकता है। केले में मौजूद पोटेशियम ब्लड सर्कुलेशन को मैनेज करने में मदद करता है और इस तरह बच्चे के दिमाग को बूस्ट करता है। केला आपके बच्चे की एकाग्रता शक्ति को भी बढ़ाता है।
आप उन्हें स्कूल में या पढ़ाई के बीच में नाश्ते के रूप में केले दे सकते हैं। चाहें तो केले और दूध के साथ बनाना शेक भी दे सकती हैं।
इसके नर्म और सुपाच्य होने के कारण इसे आप अपने बच्चे के आहार में बहुत प्रारंभिक अवस्था यानी उसके छः महीने पूरे करते ही शामिल कर सकती हैं। केला एक बहुत ही पौष्टिक शिशु आहार हो सकता है। मैश किए हुए केले को दूध के साथ कम मात्रा में देकर इसके स्वाद से अपने बच्चे को परिचित कराएं। धीरे-धीरे आप केले की मात्रा बढ़ा सकती हैं। उन्हें हर मील के साथ केला दिया जा सकता है। केला सभी फलों में सबसे हेल्दी है। इसमें मौजूद उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट आपके बच्चे को हर तरह की पुरानी बीमारियों से बचाते हैं।
अगर आप अपने बच्चे का मूड अपलिफ्ट करना चाहती हैं, तो उसे बस एक केला दें। यह आपके बच्चे को तुरंत हैप्पी फील कराएगा। इसे छीलने में ज्यादा मेहनत भी नहीं लगती है। केले को मैश करके भी बच्चे को दिया जा सकता है। बनाना शेक या स्मूदी भी एक अच्छा ऑप्शन है। आप केले के साथ कपकेक भी बना सकते हैं या उन्हें डेसर्ट में शामिल कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि केला हर मौसम में मिलता है और बजट फ्रेंडली भी है।
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