भारत में ग्रीन टी पीने का चलन दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। ज्यादातर लोग ग्रीन टी (Green Tea) को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानते हैं, जो कि काफी हद तक सच भी है। वहीं, इन फायदों की वजह से कई लोग इसका जरूरत से अधिक सेवन करने लगते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। ग्रीन टी का ज्यादा मात्रा में सेवन ग्रीन टी के नुकसान को बुलावा दे सकता है। तो आज हम आपको इस लेख में ग्रीन टी पीने के साइड इफेक्ट्स (Side effects of green tea) के बारे में बताने वाले हैं।
ग्रीन टी एक खास प्रकार की चाय है, जो कैमेलिया साइनेन्सिस (Camellia Sinensis) नामक पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है। भारत के साथ-साथ चीन, जापान और थाईलैंड में इस चाय का चलन काफी अधिक है। इसमें काली और ओलोंग चाय के मुकाबले अधिक कैटेचिन पाया जाता है, जो एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट होता है। इस चाय में मौजूद विटामिन और मिनरल इसकी एंटीऑक्सीडेंट क्षमता को बढ़ाने का कार्य करते हैं। स्वास्थ्य के लिए ग्रीन टी के कई लाभ हैं। इसमें एंटी-कैंसर, एंटी-एजिंग और एंटी-डायबिटीक जैसे गुण भी शामिल होते हैं। वहीं, इसका ज्यादा मात्रा में किया गया सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है
ग्रीन टी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि ग्रीन टी में कैफीन मौजूद होता है। प्रति 100 ग्राम ग्रीन टी में 12 मिलीग्राम कैफीन होता है। कैफीन एक कड़वा तत्व होता है, जो प्राकृतिक तरीके से चाय के साथ कई अन्य खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। कैफीन का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। कैफीन की ज्यादा मात्रा चक्कर आना, अनिद्रा, निर्जलीकरण, मतली, उल्टी और बेचैनी जैसी परेशानियों की वजह बन सकती है।
डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक, एनीमिया दुनिया भर में 1.62 बिलियन लोगों को प्रभावित करता है। आयरन की कमी एनीमिया के मुख्य वजहों में से एक है और ग्रीन का ज्यादा सेवन शरीर में आयरन की कमी की वजह बन सकता है। असल में, NCBI (The National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च में यह बात सामने आई है। रिसर्च में कहा गया है कि चाय का ज्यादा सेवन शरीर में आयरन के अवशोषण को बाधित कर सकता है, जिससे आयरन की कमी हो सकती है और एनीमिया का जोखिम काफी बढ़ सकता है।
ग्रीन टी पीने के नुकसान में मांसपेशियों की कमजोरी भी शामिल है। इस बात की जानकारी NCBI की वेबसाइट पर एक केस स्टडी से मिलती है, जिसमें एक 49 वर्षीय व्यक्ति को कुछ दिनों से मांसपेशियों की कमजोरी की समस्या थी। रक्त की जांच के दौरान व्यक्ति में हाइपोकैलीमिया (खून में पोटेशियम की कमी) की पुष्टि की गई, जिस कारण से मांसपेशियों में दर्द हो रहा था। हालांकि, डॉक्टर द्वारा पोटेशियम के सप्लीमेंट से जल्द ही उसकी स्थिति में सुधार देखा गया।
मेडिकल जांच के दौरान जब उस व्यक्ति के खान-पान से संबंधी जानकारी हासिल की गई, तो पता चला कि मांसपेशियों में कमजोरी होने से दो हफ्ते पहले वो ग्रीन टी के अर्क से बने पेय पदार्थों का ज्यादा मात्रा में सेवन कर रहा था।
एक शोध के मुताबिक, कुछ मामलों में ग्रीन टी, लिवर डैमेज की वजह बन सकती है। इसके पीछे इसमें मौजूद ईजीसीजी (EGCG – एक प्रकार कैटेचिन) हो सकता है, जो हेपटोटोक्सिसिटी (लिवर के लिए विषाक्त) प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और रिसर्च की आवश्यकता है।
ग्रीन टी साइड इफेक्ट्स में डिहाइड्रेशन भी शामिल है। असल में, यह प्राकृतिक ड्यूरेटिक (Diuretic, मूत्रवर्धक) की तरह कार्य कर सकती है। यदि आवश्यकता से अधिक ग्रीन टी का सेवन किया गया तो बार-बार पेशाब लगने की परेशानी हो सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। ऐसे में बेहतर है कि ग्रीन टी का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए।
एक दिन में लगभग तीन कप तक ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है। एक कप (लगभग 236 ml) गर्म पानी में एक चम्मच ग्रीन टी का प्रयोग किया जा सकता है। वहीं, गर्भवती महिला एक से दो छोटे कप कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन कर सकती हैं। गर्भवती महिला ध्यान रखें कि वे प्रतिदिन 200mg से अधिक कैफीन का सेवन न करें। इसके अतिरिक्त, ग्रीन टी में EGCG भी मौजूद होता है। NCBI की वेबसाइट पर इससे संबंधित एक रिसर्च में पता चला है कि एक दिन में 338 मिलीग्राम तक का EGCG का सेवन सुरक्षित हो सकता है।
ग्रीन टी के सेवन के मामले में भले ही वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद है लेकिन इसके सेवन से पहले एक बार व्यक्ति डॉक्टर की सलाह भी अवश्य लें। हर व्यक्ति की सेहत और शरीर की आवश्यकता एक जैसी नहीं होती है, ऐसे में डॉक्टरी परामर्श लेना भी आवश्यक है।
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कस्टमाइज़ करेंजिन लोगों को एनीमिया (खून की कमी की परेशानी हो) है, वो ग्रीन टी का सेवन न करें। ग्रीन टी शरीर में आयरन के अवशोषण में बाधा डालने का कार्य कर सकती है।
हाइपोकैलीमिया (शरीर में पोटेशियम की कमी) से पीड़ित व्यक्तियों को ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए। NCBI की वेबसाइट पर मौजूद एक केस स्टडी के अनुसार ग्रीन टी हाइपोकैलीमिया की वजह बन सकती है और ऐसे में इसका सेवन परेशानी को और भी अधिक जटिल बना सकता है।
अगर कोई व्यक्ति वार्फरिन (Warfarin– रक्त के थक्के को रोकने की दवा) का सेवन करता है तो उस व्यक्ति को ग्रीन टी के सेवन से बचे। ग्रीन टी में विटामिन-K मौजूद होता है, जो दवा के काम पर गलत प्रभाव डाल सकता है।
हृदय रोग के मरीजों को भी ग्रीन टी का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।
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