सावन का महीना शुरू हो गया है और इस दौरान कुछ लोग सावन के सभी सोमवार, मंगलवार या विशेष दिनों पर उपवास रखते हैं। उपवास के दौरान साबूदाना से बने व्यंजन सभी के पसंदीदा हुआ करते हैं। यह न केवल हल्का होता है, बल्कि इससे बने व्यंजन स्वादिष्ट भी होते हैं। परंतु जिस प्रकार किसी भी चीज की अधिकता आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है, ठीक उसी प्रकार साबूदाने के अधिक सेवन से भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचता है। यदि व्रत में साबूदाना खाती हैं, तो इसे खाने की मात्रा का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। तो चलिए हेल्थ शॉट्स के साथ जानते साबूदाना के ज्यादा सेवन से होने वाले साइड इफैक्ट (sabudana side effects)।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर आकाश हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड की क्लीनिकल डाइटीशियन असिस्टेंट मैनेजर (एचओडी) डॉ आशीष रानी से बातचीत की। उन्होंने व्रत में साबूदाना के अधिक सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में बताया।
डाइटिशियन आशीष रानी के अनुसार “साबूदाना, जिसे टैपिओका मोती भी कहा जाता है, टैपिओका जड़ों से प्राप्त एक प्रकार का स्टार्च है। यह एक अनाज का विकल्प है जो ऊर्जा और ताकत की आवश्यकता को पूरा करता है। भारत में हम इसे साबूदाना के नाम से जानते हैं।
सबसे आम प्रथा जो हमने देखी है वह यह है कि लोग ज्यादातर पवित्र दिनों और उपवास के दौरान साबूदाना चुनते हैं। यह सब साबूदाना के फायदे और इसके पोषण के कारण है। इसे किसी भी व्यंजन में डालने पर व्यंजनों का स्वाद बढ़ जाता है। साबूदाना एक बहुमुखी भोजन है जिसके साथ कई स्वस्थ व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं।”
एक्सपर्ट के अनुसार साबूदाना में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है और यह शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। साबूदाना भारतीय व्यंजनों में एक आम सामग्री है। यह कसावा से बना एक स्टार्चयुक्त घटक है। साबूदाना संतुलित आहार के लिए एक स्वस्थ अतिरिक्त हो सकता है जब इसे कम मात्रा में खाया जाए और अन्य फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के साथ मिलाया जाए।
इसका उपयोग आमतौर पर साबूदाना खिचड़ी और साबूदाना वड़ा जैसे व्यंजनों में किया जाता है। अगर आप साबूदाना खाने के शौकीन हैं और इसे जरूरत से ज्यादा पसंद करती हैं तो यह आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
साबूदाना का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है, जिसका अर्थ है कि इसकी अधिकता से ब्लड शुगर लेवल का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को साबूदाना से परहेज रखने की सलाह दी जाती है।
यह आपके लिए आश्चर्य की बात हो सकती है, लेकिन साबूदाना में बहुत सीमित मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
साबूदाना प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन-फ्री होता है, जो इसे सीलिएक रोग वाले लोगों या ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोगों के लिए आदर्श बनाता है।
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कुछ लोगों के लिए कम फाइबर इंडेक्स को पचाना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में इसे अन्य फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर खाने की सलाह दी जाती है। दूसरी ओर यह कुछ लोगों के लिए अच्छा है जिन्हें फाइबर के सेवन से पाचन संबंधी समस्या हो जाती है।
साबूदाना में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, खासकर उन लोगों को इसका सीमित सेवन करना चाहिए जो अपना वजन कम करना चाहते हैं या उसे नियंत्रित करना चाहते हैं।
जो व्यक्ति वजन बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए साबूदाना सबसे अच्छा विकल्प है। यह ऊर्जा वर्धक है और इसे स्वस्थ एवं संतुलित आहार के साथ जोड़ा जा सकता है।
हालांकि, यह डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए सुरक्षित नहीं है खासकर उन लोगों के लिए ब्लड शुगर लेवल अधिक होता है क्योंकि इसमें उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है।
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