सही खान पान के अलावा उचित स्थान और सही मुद्रा का होना भी बहुत ज़रूरी है। पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शरीर को मज़बूती देते हैं। वहीं सही पोस्चर और राइट प्लेस डाइजेशन से लेकर शरीर में होने वाली बीमारियों से मुक्ति दिलाने का काम करता है। कभी खड़े होकर, कभी चलते हुए, तो कभी फोन पर बातचीत के दौरान खाया जाने वाला खाना हमारे शरीर पर कुप्रभाव डाल सकता है। जानते हैं कि आयुर्वेद के हिसाब से बैठकर खाना खाने के शरीर को क्या फायदे होते है (best position to eat food)।
इस बारे में बातचीत करते हुए छाया परिक्षक एवं नाड़ी विशेषज्ञ, भोपाल, वैद्य चंद्रशेखर का कहना है कि भोजन उचित प्रकार से न पचने के कारण शरीर कई समस्याओं से घिर जाता है। बैठकर खाना न खाने से जोड़ों में दर्द और एसिडिटी की शिकायत बनी रहती है। दरअसल, हमारी छोटी आंत और बड़ी आत एक दूसरे के उपर नीचे होते हैं। बैठकर खाना खाने से आहार नाल से होता हुआ मल द्वार तक पहुंचता है।
वहीं खड़े खड़े भोजन करने से खाना एक जगह रूक जाता है। आगे न बढ़ पाने के कारण शरीर में एसिड बढ़ने जगता है। आहार नाल में भोजन न पहुंचने तक हम एसिडिटी के शिकार हो जाते है। आयुर्वेद की मानें, तो खाने को 32 बार चबाएं। अगर आप बैठकर भोजन करेंगे, तो उससे मिठास पैदा होती है। फिर पाचन ग्रथियों को रस मिल जाता है। जो पाचन क्रिया को आसान कर देती है। इससे पाचन क्रिया सुचारू और सुदृढ़ होने लगेगीं।
सुखासन पेट में ब्लड फलो को बेहतर बनाने में सहायक है। इससे खाना पचाना आसान हो जाता है। पाचनतंत्र मज़बूत होने से शरीर में विटामिन्स और हीमोग्लोबिन की स्थिति में सुधार होने लगता है। इससे खाने के दौरान मिलने वाले पोषक तत्वों को शरीर आसानी से एब्जॉर्ब कर लेता है। इसके अलावा खाना बड़ी आंत और छोटी आंत से होता हुआ आसानी से पच जाता है। इससे हमारा शरीर पेट से संबधी कई समस्याओं से बच जाता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप क्रॉस लेग्स करके जमीन पर बैठते हैं, तो इससे शरीर का लचीलापन, स्टैबिलिटी और मज़बूती बढ़ने लगती है। कमर से नीचे के शरीर में होने वाने दर्दो से मुक्ति मिलती है। साथ ही टांगों और कूल्हों के मसल्स में खिंचाव आने से वे मज़बूत बनते हैं। इससे शरीर में एनर्जी भी बढ़ने लगती है।
दांतों का काम आंत करने लगती है। इससे पित्त की थैली में पथरी का खतरा बना रहता है। अगर हम पूर्ण रूप से बैठकर खाना नहीं खाते हैं, तो अग्नाश्य और पित्ताशय प्रभावित होता है। ऐसे में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए चबा चबाकर और बैठकर आहार लेना ज़रूरी है। ऐसा करने से शरीर में पथरी यानि स्टोन का जोखिम कम हो जाता है।
कुछ लोग ज़मीन पर बैठकर आहार लेना पसंद करते हैं। इससे शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। यह आपके जोड़ों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी को मज़बूती प्रदान करता है। इससे शरीर में ताकत बढ़ती है और उठने बैठने की समस्या हल हो जाती है। इससे चोट लगने और क्रानिक पेन की समस्या भी हल हो जाती है। शरीर में लचीलापन आने लगता है।
भागदौड़ में खाना खाने से हम दिनभर तनाव से जूझते है और खाना भी पूरी तरह से डज्ञइजेस्ट नहीं हो पाता है। अगर आप बैठकर इतमिनान से खाना खाते हैं, तो शरीर हर प्रकार चिंताओं से मुक्त होकर खाने पर ध्यान लगाता है। इससे शरीर हेल्दी होता है और हम मानसिक तौर पर भी हेल्दी महसूस करने लगते हैं।
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