सर्दियों के मौसम में गरमा गरम खाना बहुत लजीज लगता है, पर सर्दियों में बनने वाली कुछ स्पेशल डिश स्वाद को दुगना कर देती हैं। कई बार डायबिटीज के रोगियों के लिए सर्दियों के व्यंजनों का मजा फीका पड़ जाता है, क्योंकि उन्हें डायबिटीज बढ़ जाने का खतरा बना रहता है। लेकिन सर्दियों का ऐसा एक सुपरफूड है, जिसका सेवन डायबिटीज के रोगी भी बड़े स्वाद के साथ कर सकते हैं। यह है मक्की का आटा। जिससे बनी रोटियां सप्ताह में एक बार जरूर खाने की सलाह दी जा रही है। जानना चाहती हैं क्यों? तो बस इसे पढ़ती रहिए।
यह स्वाद में बदलाव के साथ-साथ सेहत दुरुस्त करने का एक अच्छा तरीका है। और हमें यकीन है कि इस लेख के माध्यम से मक्के के आटे के फायदे जानने के बाद आप जरूर अपनी विंटर डाइट में मक्के का आटा शामिल करने वाली है।
आप मक्के के आटे से कई नए नए व्यंजन तैयार कर सकते हैं। हालांकि मक्के के आटे से बने रोटी भारत में काफी ज्यादा पसंद की जाती है और अगर यह चूल्हे पर बनी हो तो इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है। मक्के की रोटी में कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। विटामिन ए, विटामिन बी, और विटामिन ई मक्के के आटे में भारी मात्रा में होता है। इसके अलावा इसमें कई मिनरल्स भी होते हैं जैसे आयरन, कॉपर,जिंक, मैग्नीशियम, सेलेनियम पोटेशियम आदि।
डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे रोगियों के लिए मक्के का आटा एक कुदरती वरदान है। मक्के के आटे में फाइबर होते हैं और खास बात यह है कि इसमें ग्लूटन नहीं होता। इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभदायक है। इसके अलावा हाइपरटेंशन जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचाने का काम करता है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के लिए मक्के का आटा बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि गर्भवती महिलाओं के शरीर में फोलिक एसिड की कमी होने लगती है। जिसके कारण जन्म से ही बच्चे का वजन काफी कम होता है।
मक्के के आटे में फोलिक एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से महिलाएं अपने शरीर में इस एसिड की कमी को पूरा कर सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे कि ऐसा करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
सर्दियों में विंटर वेट गेन के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा और यह एक आम बात है। लगभग हर किसी को सर्दियों के मौसम में बढ़ते वजन से जूझना पड़ता है। तो गेहूं की बजाए मक्के की रोटी को डाइट में शामिल करना सर्दियों में वजन बढ़ने से रोकने का प्रभावी तरीका है।
ग्लूटेन फ्री मक्की का आटा आपके पेट को देर तक भरा हुआ रखता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
यदि आपको अक्सर पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज आदि रहती है तो मक्के की रोटी एक बेहतर विकल्प है जो आपको इस समस्या से राहत दे सकता है। भले ही गेहूं के आटे की तुलना में मक्के का आटा काफी मोटा होता है और इसकी रोटी भी काफी मोटी बनती है, लेकिन इसमें मौजूद फाइबर हमारी पाचन प्रक्रिया में सुधार करते हैं। एसिडिटी की समस्या में भी यह काफी फायदेमंद है।
दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए क्या चाहिए ? जी हां लो कोलेस्ट्रॉल और ओमेगा 3 फैटी एसिड। और इसके लिए मक्के के आटे से बेहतर क्या होगा। दरअसल मक्के के आटे से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में किया जा सकता है जिससे कार्डियोवस्कुलर रिस्क बेहद कम हो जाता है। और मक्के के आटे में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है जो हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है।
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कस्टमाइज़ करेंअब तो आप मान ही गईं होंगी कि मक्के का आटा है आपके सेहत के लिए काफी फायदेमंद? तो चलिए खुद भी इसका सेवन करिए और दूसरों को भी सलाह दीजिए।