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आयुर्वेद में तुलसी को कहा गया है महाऔषधि, हम बताते हैं इसके 5 जांचे-परखे कारण

तुलसी सबसे आसानी से लगाया जा सकने वाला पौधा है। ज्यादातर भारतीय घरों के आंगन में यह नजर आता है। पर आपको जानना चाहिए कि क्‍यों आयुर्वेद में इसे इतना महत्‍व दिया गया है।
Updated On: 12 Oct 2023, 05:36 pm IST
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तुलसी आपको मौसमी संक्रमण से बचाने का जादुई उपचार है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आयुर्वेद में तुलसी को महाऔषधि कहा गया है। क्योंकि तुलसी को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। तुलसी की जड़, पत्तों और बीज तीनों का सेवन किया जा सकता है। यह मौसमी संक्रमण, स्किन इंफेक्‍शन और कोल्‍ड एंड कफ जैसी समस्याओं में राहत दिलाने का जादुई उपचार है। यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसे पांच कारण कि आप भी इस पवित्र पौधे की दीवानी हो जाएंगी।

जानिए क्‍यों तुलसी है एक महाऔषधि

पवित्र तुलसी में तीखा, कड़वा स्वाद होता है, साथ ही हल्का सूखा। तुलसी में तेज गुण होने के साथ ही एक गर्म शक्ति होती है। यह वात और कफ दोष को शांत करता है और पित्त को बढ़ाता है। हरे और गहरे हरे (हरे-काले) दोनों ही तरह की तुलसी की पत्तियों में समान गुण होते हैं।

तुलसी के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल के साथ ही एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व भी मौजूद होते हैं। जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसे एक आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर काफी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे कई अध्ययन हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि तुलसी कई वायरल बीमारियों और हेल्थ प्रॉब्लम से राहत पाने में भी बहुत लाभदायक है।

यहां हैं तुलसी के पांच जांचे-परखे फायदे

1 पाचन को दुरुस्त करती है तुलसी 

तुलसी का पौधा आयुर्वेद के सबसे शक्तिशाली एंटी-वायरल जड़ी-बूटियों में से एक है। तुलसी कफ दोष को संतुलित करती है। जिससे यह अतिरिक्त थूक उत्पादन को राहत देने के लिए उपयोगी है। यह स्वाद में सुधार करती है और अपने गर्म और तेज गुणों के कारण पाचक आग यानी जठराग्नि को उत्तेजित करके भूख की कमी को दूर करती है।

अगर आपको पाचन संबंधी समस्‍याएं हैं तो तुलसी पर भरोसा करें। चित्र- शटरस्टॉक।
अगर आपको पाचन संबंधी समस्‍याएं हैं तो तुलसी पर भरोसा करें। चित्र- शटरस्टॉक।

यह एक कार्डियक टॉनिकैंड (cardiac tonicand) है जो इसके एंटी-कफ और तेज गुणों के कारण धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमाव को दूर करने में मदद करती है।

2 श्‍वास संबंधी बीमारियों से बचाती है तुलसी

इसके कफ और वात संतुलन प्रभाव के कारण, यह अस्थमा और पुरानी सांस की बीमारियों, सर्दी और खांसी के उपचार में भी उपयोगी है। साथ ही यह बार-बार हिचकी आने की समस्‍या से भी निजात दिला सकती है।

अगर आपको मितली या उल्टी आने की समस्‍या है , तब भी आप तुलसी पर भरोसा कर सकती हैं। यह अपने वात शांत प्रभाव के कारण ब्‍लॉटिंग और गैस्ट्रिक समस्‍याओं से भी छुटकारा दिलाती है।

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3 मूत्राशय की पथरी से बचाती है

असल में यह एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग जड़ी-बूटी है। जिससे यह गुर्दे और मूत्राशय की पथरी में भी उपयोगी साबित होती है। यह संक्रामक नेत्र विकारों (eye disorders) में भी उपयोगी है। यह एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है और तनाव से संबंधित समस्याओं से राहत पाने के लिए उपयोगी है।

4 त्वचा के लिए है फायदेमंद

तुलसी के अर्क का उपयोग ब्यूटी प्रोडक्ट्स को रोग मुक्त करने के लिए भी किया जाता है। इसे एक खुशबूदार और स्किन कंडीशनिंग एजेंट के रूप में भी जाना जाता है। जिससे कील-मुंहासों की समस्या होने पर इस्तेमाल किया जाता है।

स्किन प्रोडक्‍ट में भी तुलसी के अर्क का इस्‍तेमाल किया जाता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
स्किन प्रोडक्‍ट में भी तुलसी के अर्क का इस्‍तेमाल किया जाता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

कूलिंग प्रोपर्टीज के कारण यह त्‍वचा संबंधी समस्‍याओं में भी राहत देती है। अगर आपको रेशेज, लाल चकत्‍ते या स्किन इंफेक्‍शन की समस्‍या है, तो भी आपको तुलसी के सेवन की सलाह दी जाती है। खुजली या फुंसियों की समस्या होने पर तुलसी के पत्तों का पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगाया जाता है।

5 हेयल फॉल का भी उपचार है तुलसी

अपने कफ और वात को शांत करने वाले गुणों के कारण यह सिर में रूसी, खुजली के लिए उपयोगी है। इससे बालों के झड़ने से रोकने में मदद मिलती है।

तुलसी की चाय या काढ़ा है तुलसी के सेवन का सर्वश्रेष्‍ठ तरीका

सर्दी, खांसी और बुखार से राहत पाने के लिए तुलसी की पत्तियों की चाय बनाकर पीना काफी फायदेमंद साबित होता है। तुलसी का रोजाना उपयोग करने के लिए तुलसी की चाय एक आसान तरीका है। इसके लिए आप तुलसी की 10-12 पत्तियां लें, उन्हें धोएं और छील लें।

तुलसी के पत्‍तों की चाय सबसे आसानी से मिलने वाला इम्‍यूनिटी बूस्‍टर है। चित्र: शटरस्‍टॉक

यदि ताजी पत्तियां उपलब्ध नहीं हैं, तो सूखी तुलसी के पत्तों का रस निकाल लें। उन्हें मध्यम आंच पर लगभग 1 कप पानी में उबालें और आधा कर दें। इसे थोड़ा ठंडा करें और तुलसी की चाय का आनंद लें।

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