कारण चाहें जो भी हो, पर पूरी दुनिया में वीगन डाइट यानी प्लांट बेस्ड डाइट (Plant based diet) की तरफ रुझान तेज़ी से बढ़ा है। अपने स्वाद को बनाए रखने के लिए वीगन हो चुके लोगों ने कई ऐसी चीजों को एक्सप्लोर किया, जो प्लांट बेस्ड होते हुए भी एनिमल बेस्ड फूड से ज्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक हों। ऐसा ही एक सुपरफूड है सेटेन (seitan)। व्हीट ग्लूटेन फ्लोर से तैयार किया जाने वाला सेटेन (seitan) प्रोटीन और आयरन का बेहतरीन स्रोत है। अगर आप भी इस सुपरफूड और इसके लाभों (Benefits of seitan) के बारे में जानने को उत्सुक हैं, तो हेल्थ शॉट्स के इस लेख को अंत तक पढ़ें।
सेटेन एक प्लांट बेस्ड फूड है, जिसे व्हीट ग्लूटेन फ्लोर से तैयार किया जाता है। ग्लूटेन प्रोटीन प्रोलमिन और ग्लूटेलिन से बना है। ये गेहूं के अलावा जौ और राई में भी पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल फ्री (cholesterol free diet) इस पोषक तत्व से शरीर को आयरन, कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। सेटेन का प्रयोग कई तरह की रेसिपीज को बनाने के लिए किया जाता है। यूएसडीए की रिसर्च के अनुसार एक चौथाई कप सेटेन में 21 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।
डायटीशियन डॉ. अर्चना बत्रा बताती हैं, “सेटेन एक लोकप्रिय प्लांट बेस्ट प्रोटीन है, जिसे व्हीट मीट भी कहा जाता है। दरअसल, इसे वीगन डाइट (Vegan diet benefits) में मांस के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। चबाने के दौरान इसकी बनवाट हू ब हू मीट जैसी लगती है। इस हाई प्रोटीन डाइट में लो फैट्स होते हैं और भरपूर मात्रा में मिनरल्स की प्राप्ति होती है। वे लोग जो ग्लूटन इनटॉलरेंस (Gluten intolerance) का शिकार है, उन्हें इसका सेवन करने से परहेज़ करना चाहिए।
इसके अलावा इसमें अमीनो एसिड की भी कमी होती है। सेटेन से तैयार फूड्स में सोडियम की उच्च मात्रा पाई जाती है। वीगन डाइट के लिए सेटेन हेल्दी विकल्प है और इसे मॉडरेट ढ़ग से खाने से शरीर को अमीनो एसिड की प्राप्ति हो सकती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार व्हाइट ग्लूटन से तैयार इस हाई प्रोटीन फूड में नौ अमीनो एसिड पाए जाते हैं, जो मसल्स को मज़बूत बनाते हैं। साथ ही इसमें लायसिन की मात्रा पाई जाती है। यूएसडीए के अनुसार 3 ओंस सेटेन से 15 से 21 ग्राम प्रोटीन की प्राप्ति होती है, जो एनिमल प्रोटीन के बराबर है।
सेटेन में कार्ब्स की अधिक मात्रा नहीं पाई जाती है। मिनरल्स से भरपूर इस फूड में कैलोरीज़ भी कम होती हैं। इससे चलते शरीर में कैलोरीज स्टोरेज़ कम होने लगती है और लो सेचुरेटिड फैट्स पाए जाते है। इससे वेटगेन की समस्या से बचा जा सकता है और शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है। हैं।
अर्चना बत्तरा सेटेन के फाइबर गुणों के बारे में बात करते हुए कहती हैं कि 2 ओंस सेटेन में 1 ग्राम फाइबर पाया जाता है। इससे आपका पेट देर तक भरा रहता है और आपको बार-बार भूख नहीं लगती। साथ ही शुगर स्पाइक के खतरे से भी बचा जा सकता है।
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