यदि कोई भी आपसे स्वस्थ और पौष्टिक खाद्य पदार्थों को खाने की नसीहत देता है, तो स्वाभाविक रूप से आपको सबसे पहले ‘फलों’ की ही याद आती होगी। फल प्रकृति का दिया वो उपहार है, जो इंसान के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है। वहीं, फलों को लोग अलग-अलग तरह से अपनी डाइट में सम्मिलित करते है। जिनमें ‘फ्रूट जूस’ भी एक प्रकार होता है।
लेकिन इन दिनों लोग फ्रेश फ्रूट जूस की जगह पैकेज्ड फ्रूट जूस को कई अधिक गुना पसंद कर रहें हैं। सुबह के ब्रेकफास्ट में, कोई यात्रा करते समय या तमाम अन्य जगह पैकेज्ड जूस का सेवन करने के बाद व्यक्ति खुद को हेल्दी महसूस करने लगता है। लेकिन सच्चाई बिलकुल इससे उलट है। आम फ्रूट जूस के मुकाबले पैकेज्ड जूस व्यक्ति के स्वास्थ्य को लाभ की जगह, कई तरह ही हानि पहुंचाता है।
नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पैकेज्ड फ्रूट जूस कई कारणों से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इस रिपोर्ट में यह पाया गया कि बाज़ार में मिलने वाले पैकेज्ड फ्रूट जूस में एसिडोजेनिक क्षमता होती है, जो दांतों के लिए बहुत नुकसानदायक भी होती है। इन फ्रूट जूसेस के बार-बार सेवन से दांतों की ऊपरी परत ‘इनेमल’ का अम्लीय विघटन (Acidic Dissolution) होता है ।
पैकेज्ड फ्रूट जूस के बारे में अधिक जानने के लिए हेल्थ शॉटस ने कल्ट फिट की हेल्थ ऑफ न्यूट्रिशन चांदनी हल्दोराई से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि पैकेज्ड फ्रूट जूस को अक्सर मीठे और कार्बोनेटेड पेय के स्वस्थ विकल्प के रूप में बेचा जाता है, जो सैद्धांतिक तौर पर पूरी तरह से गलत है, क्योंकि वास्तव में यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
पैकेज्ड फ्रूट जूस की कमियां बताते हुए चांदनी कहतीं हैं कि, इन फ्रूट जूस में प्रिज़र्वेटिव और शुगर की बहुत अधिक मात्रा होती है। साथ ही इसके नियमित सेवन से वजन बढ़ना, मोटापा, डायबिटीज़ जैसी समस्या भी देखने को मिलती है। साथ ही चांदनी बतातीं हैं कि इनमें फाइबर और पोषक तत्व भी कम होते हैं। पैकेज्ड फ्रूट जूस को अक्सर विटामिन और खनिजों के साथ प्रोसेस किया जाता है , लेकिन इसमें वे सभी पोषक तत्व नहीं होते हैं जो असली फ्रूट जूस में पाए जाते हैं। इसलिए इसका नियमित सेवन नहीं करना चाहिए।
चांदनी बतातीं हैं कि, बीमारी के दौरान पैकेज्ड जूस से पूरी तरह से परहेज करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि असली फ्रूट जूस में तमाम तरह के प्राकृतिक पोषक तत्व प्रदान होते हैं, जो पेट के लिए अच्छे होते है। साथ ही जिन लोगों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हैं, उनके लिए फ्रेश जूस ही सबसे अच्छी औषधि है।
वे कहतीं हैं कि पैकेज्ड जूस सुविधा जरूर प्रदान करता है लेकिन अतिरिक्त शुगर और प्रेज़रवेटिव से बचने के लिए इसे सावधानी से चुना जाना चाहिए। यदि बीमारी किसी विशिष्ट पोषक तत्व की कमी से संबंधित होती है, तो उस पोषक तत्व से भरपूर जूस चुनना फायदेमंद हो सकता है ।
चांदनी बतातीं है कि, ऐसे कई अध्ययन हुए हैं जिनमें पाया गया है कि जो लोग प्रतिदिन एक गिलास से अधिक पैकेज्ड फ्रूट जूस पीते हैं, उनमें अधिक वजन या मोटापा होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है और उनमें टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की अधिक संभावना होती है। . इसलिए सलाह दी जाती है कि पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर साबुत फल खाएं और पैकेज्ड फलों के जूस से पूरी तरह बचें।
चांदनी बतातीं है कि पैकेज्ड फ्रूट जूस में कई तरह के हानिकारक तत्व जैसे अत्यधिक शुगर, आर्टिफिशियल फ्लेवर, कलर्स मौजूद होते है जिनके कारण वजन बढ़ना और तमाम पौष्टिकता संबंधी समस्याएं हो सकती है। वे कहतीं हैं कि कंसन्ट्रेटेड जूस में हाई शुगर कंटेंट होते है । साथ ही पैकेज्ड फ्रूट जूसेस में पीएच लेवल दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचाता है।
हाल के वर्षों में पैकेज्ड फ्रूट जूस पीना बेहद लोकप्रिय हो गया है और कई लोग इसका उपयोग डिटॉक्स करने या अपने आहार में पोषक तत्व जोड़ने के लिए कर रहे हैं।
चांदनी बतातीं हैं कि यदि व्यक्ति अपने आहार में पर्याप्त पोषक तत्वों को शामिल करना चाहते हैं तो वे सेंट्रीफ्यूगल या कोल्ड प्रेस जैसी घरेलू जूसिंग विधियों का प्रयोग करके घर पर ही जूस निकल सकते है। साथ ही नियमित तौर पर उच्च चीनी सामग्री, फाइबर की कमी और उच्च कैलोरी के कारण पैकेज्ड फ्रूट जूस से पूरी तरह से बचा जाना चाहिए।
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