मकर संक्रांति पर तरह-तरह के मीठे व्यंजन खाए जाते हैं, परंतु इस अवसर पर खिचड़ी खाने का भी अपना अलग महत्व है। मकर संक्रांति में खिचड़ी खाने की परंपरा सालों से चली आ रही है, वहीं इस दिन सभी अपनी पसंदीदा खिचड़ी को अपने हिसाब से तैयार करते हैं। मकर संक्रांति के दिन ज्यादातर लोग प्याज लहसुन को अवॉइड करते हैं, इसलिए खिचड़ी को भी सादा और शुद्ध रखा जाता है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हेल्थ शॉट्स लेकर आया है, पोषक तत्वों से भरपूर हरे मूंग (green moong daal) से बनी सुपाच्य खिचड़ी की स्वादिष्ट रेसिपी। आप में से बहुत कम लोग ऐसे होंगे जिन्होंने हरे मूंग दाल की खिचड़ी खाई हो, तो इस मकर संक्रांति क्यों न कुछ नया ट्राई किया जाए और अपने खिचड़ी में हरे मूंग दाल की गुणवत्ता जोड़ी जाए। तो चलिए बिना देर किए जानते हैं, हरे मूंग दाल की खिचड़ी की स्वादिष्ट, शुद्ध और आसान सी रेसिपी।
2 कप बासमती चावल
1 हरे मूंग दाल
3 से 4 चम्मच घी
1 चम्मच जीरा
1 बड़ी इलायची
2 तेज पत्ता
1 छोटी इलायची स्टिक
4 से 5 लौंग
1/4 चम्मच हींग
1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
1 चम्मच दरदरी पिसी हुई काली मिर्च
2 चम्मच धनिया पाउडर
1 चम्मच कस किए हुए अदरक
2 बारीक कटी हरी मिर्च
बारीक कटी धनिया की पत्तियां
नमक (स्वाद अनुसार)
हरे मूंग दाल की खिचड़ी बनाने के लिए चावल और हरे मूंग दाल को 2 से 3 घंटे तक पानी में भिगोकर छोड़ दें।
एक प्रेशर कुकर को गैस पर चढ़ाए और इन्हें अच्छी तरह से गर्म होने दे।
जब यह गर्म हो जाए तो इनमें घी डाल दें और साथ में जीरा, इलायची, दालचीनी स्टिक, हरी मिर्च, तेज पत्ता और हींग डालकर 30 सेकंड तक फ्राई करें।
उसके बाद इसमें अदरक डालें साथ ही साथ हल्दी पाउडर, जीरा पाउडर और काली मिर्च डाल दें।
सभी को एक 30 सेकंड तक फ्राई करने के बाद इसमें चावल और हरी मूंग दाल डाल दें।
इन्हें 2 मिनट तक फ्राई करें, अब आवश्यकता अनुसार नमक डालें, साथ ही साथ चावल और दाल की मात्रा से 3 गुणा अधिक पानी डालकर इन्हें लगभग 15 से 20 मिनट तक अच्छी तरह प्रेशर कुक होने दें।
समय पूरा हो जाने पर गैस बंद कर दें और प्रेशर के निकलने तक का इंतजार करें।
यदि कंसिस्टेंसी अधिक गाढ़ी लगे तो आप इसमें पानी डालकर इसे थोड़ा पतला कर सकती हैं।
अब इनमें अधिक स्वाद जोड़ने के लिए इनके ऊपर घी और हींग का तड़का लगाएं और बारीक कटी धनिया की पत्ती से इन्हें गार्निश कर सर्व करें।
सर्विंग के लिए मूंग दाल की खिचड़ी के साथ दही, अचार और पापड़ सर्वे करना न भूलें।
हरी मूंग दाल की खिचड़ी हेल्दी, न्यूट्रीशियस, डिलीशियस, ग्लूटेन फ्री, पचाने में आसान, पेट के लिए बेहद हल्की और डायबिटीज फ्रेंडली है। यदि आप विगन डाइट पर हैं, तो इस खिचड़ी में घी की जगह तेल का प्रयोग कर इसे अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।
पोषक तत्व: हरे मूंग दाल की खिचड़ी में सीमित मात्रा में कैलरी पाई जाती है, साथ ही साथ यह प्रोटीन, फाइबर, मैंगनीज, मैग्नीशियम, विटामिन B1, फास्फोरस, फोलेट, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, जिंक, विटामिन B2, विटामिन B3, विटामिन B5, विटामिन B6, और सेलेनियम की मात्रा पाई जाती है।
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सुपाच्य भोजन है: हरे मूंग दाल की खिचड़ी में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो इसे सुपाच्य भोजन बनाते हैं। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ पाचन क्रिया के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं और इन्हें पचाना भी बहुत आसान होता है। इसमें सॉल्युबल फाइबर पाए जाते हैं जिसे पेक्टिन कहते हैं।
यह बॉवेल मूवमेंट को नियमित रखता है और कब्ज आदि जैसी समस्या में कारगर होता है। साथ ही इसमें रिजिस्टेंट स्टार्च पाए जाते हैं, जो सॉल्युबल फाइबर की तरह काम करते हुए हेल्दी गट बैक्टीरियल ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं।
वेट लॉस को बढ़ावा दे: मूंग दाल खिचड़ी फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती है। इसके सेवन से हंगर हार्मोंस दब जाते हैं और व्यक्ति लंबे समय तक संतुष्ट रखता है। इस प्रकार व्यक्ति ओवरराइटिंग नहीं करता। वहीं सीमित मात्रा में कैलरी लेता है। जिससे कि वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है, साथ ही साथ इसमें कई ऐसे पोषक तत्व पाया जाता है जो वेट लॉस को बढ़ावा देते हैं।
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