नवरात्रि उत्सव शुरु हो चुका है। इस दौरान जहां पूरे गुजरात में लोग गरबा डांस करते हैं और बंगाल में माता के आगमन पर पंडाल लगाकर दुर्गा पूजा का आयोजन होता है। वहीं उत्तर भारत में इसे उपवास, आराधना और सात्विक तरीकों से मनाया जाता है। हालांकि सभी के लिए उपवास का अलग-अलग तरीका हो सकता है। कुछ लोग इसे वेट लॉस के लिए भी करते हैं। मगर गर्भवती महिलाओं को व्रत-उपवास की मनाही की जाती है। जबकि कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान भी व्रत रखती हैं। क्यों डॉक्टर प्रेगनेंसी में व्रत (Fasting during pregnancy) रखने के लिए मना करते हैं और इस दौरान कैसे रखा जा सकता है सेहत का ध्यान, आइए जानते हैं विस्तार से।
नौ दिनों के त्योहार नवरात्रि में कई लोग ऐसे हैं जो पूरे 9 दिन व्रत रखते हैं। जबकि कुछ लोग पहला और आखिरी, कुछ केवल सप्तमी-अष्टमी का उपवास करते हैं। साथ ही नौ दिन प्रार्थना और पारिवारिक समारोह भी चलते रहते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए यह (Fasting during pregnancy) चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उपवास को अक्सर शरीर और मन को साफ और शरीर की गंदगी निकालने के रूप में देखा जाता है। लेकिन गर्भवती महिला को इस दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दौरान व्रत रखने से अचानक तेजी से भूख लग सकती है और फीटस को नुकसान हो सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं ऐसा करने से बच्चे और मां को दूसरी कई तरह की बीमारियां हो सकती है जैसे- किडनी की बीमारियां, टाइप 2 डायबीटीज और कोरोनरी हार्ट डिजीज सहित कई सारी बीमारियां। इसीलिए अगर आप व्रत रखना ही चाहती हैं तो पूरी तरह से भोजन से परहेज न करें।
गर्भवती महिलाओं को आंशिक उपवास या फलाहार करना चाहिए। आप अपने डाइट में आसानी से पचने वाला खाना जैसे फल, मेवे और दही शामिल कर सकते हैं। विटामिन और मिनरल्स से भरपूर डाइट लें. ये पढें: Fasting in pregnancy : मां बनने वाली हैं और नवरात्र का व्रत रखा है, तो जरूर रखें इन बातों का ध्यान
इस बारे में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में चीफ डायटिशियन, प्रिया पालीवाल कहती हैं कि “प्रेग्नेंसी के दौरान उपवास रखने को लेकर कुछ बातें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। हर महिला का शरीर और गर्भावस्था अलग होती है, इसलिए आपकी सेहत और बच्चे की सुरक्षा सबसे पहले है। सबसे पहले तो आप उपवास रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
अगर आपका डॉक्टर उपवास की अनुमति देता है, तो ध्यान रखें कि शरीर में पानी की कमी बिल्कुल न हो, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। आप नारियल पानी, सूप या लस्सी जैसी चीजें भी ले सकती हैं, ताकि शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो। उपवास के दौरान अगर आपको कमजोरी, चक्कर या थकान महसूस हो, तो तुरंत उपवास तोड़ दें और कुछ पौष्टिक खाएं।
ध्यान रखें कि आप दिनभर भूखी न रहें इसलिए सूखे मेवे, फल, या हल्की चीजें खाने का विकल्प चुनें। प्रोटीन और विटामिन से भरपूर चीजों का सेवन करें जैसे दही, पनीर, फल आदि। खाने के समय पर ध्यान दें और जितना हो सके तनावमुक्त और आरामदायक रहें। ध्यान रखें कि बच्चे का विकास आपकी सेहत पर निर्भर करता है, इसलिए खुद को और अपने बच्चे को प्राथमिकता दें।”
डाॅ प्रिया आगे बताती हैं कि ‘आप कैसे इन नौ दिनों के लिए अपनी सुविधानुसार डाइट प्लान बना सकती हैं,नवरात्रि के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए उपवास करते समय पौष्टिकता का ध्यान रखना जरूरी है। यहां एक नवरात्रि फास्ट डाइट प्लान दिया गया है:
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