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रेड मीट की शौकीन हैं, तो इसे खाने का है ये बेस्ट सीजन, एक्सपर्ट बता रही हैं कारण

रेड मीट को अकसर कई स्वास्थ्य जोखिमों से जोड़कर देखा जाता है। इसके बावजूद कई लोग इसे खाना पसंद करते हैं। तो अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं, तो ये मौसम आपके लिए एकदम सही है। 
जानें नॉन वेजिटेरियन फूड्स और वेट गेन का संबंध। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Oct 2023, 09:48 am IST

अभी सर्दी शुरू भी नहीं हुई है और इस बात पर बहस होने लगी है कि सर्दी के मौसम में नॉन वेज खाया जा सकता है या नहीं। कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि ठंड बढ़ने पर रेड मीट खाना चाहिए, तो कुछ एक्सपर्ट हर हाल में इसे अवॉयड करने को कहते हैं। उनका मानना है कि रेड मीट हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ा देता है। पर अगर आप भी रेड मीट (Red meat benefits in winter) की शौकीन हैं, तो एक्सपर्ट बता रहीं हैं इसे खाने का सही समय।

क्यों गर्मियों से ज्यादा फायदेमंद है सर्दियों में नॉनवेज खाना(Red meat benefits in winter)

खानपान हमारे शरीर को बहुत अधिक प्रभावित करता है। पोषण विशेषज्ञ डॉ. मधु राय कहती हैं, ‘जाड़े के दिनों में टेम्प्रेचर घटने पर हमारे शरीर का टेम्प्रेचर भी घट जाता है। भोजन ही शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। जैसे ही हम कोई भोजन लेते हैं, तो हमारे शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है और हम एनर्जेटिक फील करते हैं।

डॉ मधु आगे बताती हैं, ‘जाड़े के दिनों में शरीर को ऐसे भोजन की जरूरत पड़ती है, जिसे पचाने में अधिक समय लगता है। इससे बॉडी टेम्प्रेचर बढ़ता है और हम गर्म महसूस कर पाते हैं। इस प्रक्रिया को थर्मो जेनेसिस कहते हैं। दरअसल, फ़ूड मेटाबोलिज्म के कारण शरीर में हीट जेनरेट हो पाती है। हेल्दी फैट, कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन वाले फ़ूड को पचने में अधिक समय लगता है। नॉन वेज में ये तीनों तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए ठंड के दिनों में नॉन वेज खाया जा सकता है।’

घटता है सी रिएक्टिव प्रोटीन ( low c reactive protein-CRP in winter) 

वीमन हेल्दी ईटिंग एंड लीविंग की स्टडी बताती है कि हमारे इन्फ्लेमेट्री सिस्टम पर मौसम और खानपान का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। 2919 पार्टिसिपेंट्स पर की गई स्टडी में यह निष्कर्ष निकाला गया कि रेड मीट का शरीर पर पॉज़िटिव प्रभाव पड़ता है। रेड मीट यदि जाड़े के मौसम में खाया जाता है, तो गर्मी के मौसम की तुलना में सी रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) कम देखा जाता है।

सी रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) कार्डियो वस्क्युलर, बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और डायबिटीज से भी जुड़ा हुआ है। इस स्टडी में क्रोनिक हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को अलग रखा गया। यह आलेख जर्नल ऑफ क्लीनिकल मेडिसिन में भी प्रकाशित हुआ है।

स्टडी  के अनुसार  रेड मीट का शरीर पर पॉज़िटिव प्रभाव पड़ता है। चित्र :- शटरस्टॉक

एक हालिया स्टडी यह भी बताती है कि अन प्रोसेस्ड रेट मीट यदि संतुलित मात्रा में लिया जाए, तो यह हृदय स्वास्थ्य के जोखिम को नहीं बढ़ाता।

आयरन की कमी को पूरा करता है रेड मीट (Red meat fulfills iron deficiency) 

कुछ लोगों के जाड़े के दिनों में हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं। वे जल्दी गर्म ही नहीं होते हैं। डॉ. मधु कहती हैं, ‘इसकी वजह आयरन की कमी हो सकती है। रेड मीट में आयरन भरपूर होता है। यह पोषक तत्व ऑक्सीजन को कैरी कर शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाता है और खून की कमी को दूर करता है। साथ ही रेड मीट में विटामिन B12 भी होता है, जो थकान, अवसाद को दूर करता है। यह नर्व को मजबूत करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है।

रेड मीट आयरन और विटामिन बी 12 की कमी पूरी हो जाती है । चित्र : शटरस्टॉक

अंडे और चिकन भी हैं इस मौसम में फायदेमंद(benefits of eggs and chicken in winter) 

ठंड के मौसम में चिकन और एग दोनों खाया जा सकता है। वे कहती हैं, इन दोनों खाद्य पदार्थों में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है। प्रोटीन रिच डाइट होने के कारण इसे पचने में समय लगता है। इसलिए ठंड के मौसम में शरीर गर्म रह पाता है। यदि आप नॉन वेज की शौक़ीन हैं, तो संतुलित मात्रा में बिना तेल मसाले की अधिकता के जाड़े में नॉन वेज खा सकती हैं। आपको हृदय संबंधी कुछ समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही नॉन वेज को अपने आहार में शामिल करें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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