अभी सर्दी शुरू भी नहीं हुई है और इस बात पर बहस होने लगी है कि सर्दी के मौसम में नॉन वेज खाया जा सकता है या नहीं। कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि ठंड बढ़ने पर रेड मीट खाना चाहिए, तो कुछ एक्सपर्ट हर हाल में इसे अवॉयड करने को कहते हैं। उनका मानना है कि रेड मीट हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ा देता है। पर अगर आप भी रेड मीट (Red meat benefits in winter) की शौकीन हैं, तो एक्सपर्ट बता रहीं हैं इसे खाने का सही समय।
खानपान हमारे शरीर को बहुत अधिक प्रभावित करता है। पोषण विशेषज्ञ डॉ. मधु राय कहती हैं, ‘जाड़े के दिनों में टेम्प्रेचर घटने पर हमारे शरीर का टेम्प्रेचर भी घट जाता है। भोजन ही शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। जैसे ही हम कोई भोजन लेते हैं, तो हमारे शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है और हम एनर्जेटिक फील करते हैं।
डॉ मधु आगे बताती हैं, ‘जाड़े के दिनों में शरीर को ऐसे भोजन की जरूरत पड़ती है, जिसे पचाने में अधिक समय लगता है। इससे बॉडी टेम्प्रेचर बढ़ता है और हम गर्म महसूस कर पाते हैं। इस प्रक्रिया को थर्मो जेनेसिस कहते हैं। दरअसल, फ़ूड मेटाबोलिज्म के कारण शरीर में हीट जेनरेट हो पाती है। हेल्दी फैट, कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन वाले फ़ूड को पचने में अधिक समय लगता है। नॉन वेज में ये तीनों तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए ठंड के दिनों में नॉन वेज खाया जा सकता है।’
वीमन हेल्दी ईटिंग एंड लीविंग की स्टडी बताती है कि हमारे इन्फ्लेमेट्री सिस्टम पर मौसम और खानपान का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। 2919 पार्टिसिपेंट्स पर की गई स्टडी में यह निष्कर्ष निकाला गया कि रेड मीट का शरीर पर पॉज़िटिव प्रभाव पड़ता है। रेड मीट यदि जाड़े के मौसम में खाया जाता है, तो गर्मी के मौसम की तुलना में सी रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) कम देखा जाता है।
सी रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) कार्डियो वस्क्युलर, बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और डायबिटीज से भी जुड़ा हुआ है। इस स्टडी में क्रोनिक हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को अलग रखा गया। यह आलेख जर्नल ऑफ क्लीनिकल मेडिसिन में भी प्रकाशित हुआ है।
एक हालिया स्टडी यह भी बताती है कि अन प्रोसेस्ड रेट मीट यदि संतुलित मात्रा में लिया जाए, तो यह हृदय स्वास्थ्य के जोखिम को नहीं बढ़ाता।
कुछ लोगों के जाड़े के दिनों में हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं। वे जल्दी गर्म ही नहीं होते हैं। डॉ. मधु कहती हैं, ‘इसकी वजह आयरन की कमी हो सकती है। रेड मीट में आयरन भरपूर होता है। यह पोषक तत्व ऑक्सीजन को कैरी कर शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाता है और खून की कमी को दूर करता है। साथ ही रेड मीट में विटामिन B12 भी होता है, जो थकान, अवसाद को दूर करता है। यह नर्व को मजबूत करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है।
ठंड के मौसम में चिकन और एग दोनों खाया जा सकता है। वे कहती हैं, इन दोनों खाद्य पदार्थों में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है। प्रोटीन रिच डाइट होने के कारण इसे पचने में समय लगता है। इसलिए ठंड के मौसम में शरीर गर्म रह पाता है। यदि आप नॉन वेज की शौक़ीन हैं, तो संतुलित मात्रा में बिना तेल मसाले की अधिकता के जाड़े में नॉन वेज खा सकती हैं। आपको हृदय संबंधी कुछ समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही नॉन वेज को अपने आहार में शामिल करें।
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