हमारे देश में खाना बनाने के जितने विकल्प हैं, उतने शायद ही कहीं हों। आपको भारत में एक से बढ़कर एक पकवान मिल जाएंगे। यहां स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर खाना बनाने के लिए तरह-तरह के तेलों का उपयोग किया जाता है। ऐसा ही एक खास तेल है मूंगफली का तेल। मूंगफली का तेल (Peanut oil) न केवल व्यंजनाें का स्वाद बढ़ा देता है, बल्कि ये आपकी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आइए जानते हैं आपकी सेहत के लिए क्या हैं इसके फायदे।
1. रिफाइंड मूंगफली का तेल- इस मूंगफली के तेल को रिफाइन करके बनाया जाता है। इससे किसी भी प्रकार की एलर्जी का जोखिम कम होता है।
2. कोल्ड-प्रेस्ड मूंगफली का तेल- इस प्रक्रिया में मूंगफली को पीसकर उससे तेल निकाल लिया जाता है। इसमें आयोडीन और लिओनिक एसिड की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
3. गौर्मेट पीनट ऑयल- यह रोस्टेड यानी भुना हुआ तेल होता है, जिसमें से मूंगफली की काफी तेज खुशबू आती है।
4. मूंगफली का मिश्रित तेल- मूंगफली का यह तेल अन्य समान स्वाद वाले तेल के साथ मिलाकर प्रयोग किया जाता है।
पारस अस्पताल, पंचकुला से आहार विशेषज्ञ आशिमा नय्यर के मुताबिक, खाने को सुरक्षित बनाने के अलावा भी मूंगफली के तेल के स्वास्थ्य संबंधी अनेक लाभ हैं। अगर मूंगफली के तेल को संतुलित मात्रा में उपयोग किया जाता है, तो इसके कई लाभ हासिल किए जा सकते हैं। मूंगफली के पोषक तत्व हमें स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। साथ ही कुछ शारीरिक परेशानियों में इसके सेवन से फायदा हो सकता है। हां, अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो उसे डॉक्टर से ही इलाज करवाना चाहिए।
ह्रदय को स्वस्थ रखने में कोलेस्ट्राल की अहम भूमिका होती है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर कई प्रकार से हृदय रोगों के जोखिम पैदा कर सकता है। मूंगफली के तेल का सेवन एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम किए बिना हानिकारक कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल को कम कर सकता है। मूंगफली के तेल का यह गुण हृदय के लिए सुरक्षात्मक हो सकता है। साथ ही इसमें आर्जिनिन, फ्लेवोनोइड्स और फोलेट्स जैसे तत्व शामिल हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं।
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मूंगफली और मूंगफली का तेल नियासिन व विटामिन-ई का अच्छा स्रोत है। ये दोनों कॉग्निटिव (मस्तिष्क संबंधी) हेल्थ को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। इन गुणों की वजह से मूंगफली अल्जाइमर (याददाश्त संबंधी रोग) और उम्र के साथ दिखाई देने वाली मानसिक कमजोरी को कम कर सकता है। साथ ही इसमें रेसवेराट्रॉल पाया जाता है, जो तंत्रिका तंत्र विकार के जोखिम को भी कम कर सकता है।
इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने में भी मूंगफली का तेल सहायता कर सकता है। असल में, इंसुलिन प्रतिरोध से मोटापा व डायबिटीज जैसी परेशानी हो सकती है। ऐसे में इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाना आवश्यक है। मूंगफली तेल में मौजूद ओलिक एसिड इंसुलिन उत्पादन में नकारात्मक प्रभाव डालने वाले इंफ्लेमेटरी साइटोकाइन टीएनएफ-अल्फा के प्रभाव को कम करने में सहायता कर सकता है। इससे टाइप-2 डायबिटीज पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
मूंगफली के तेल में पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होते है। पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड रुमेटाइड अर्थराइटिस (गठिया) जैसे जोड़ों के दर्द की परेशानी से बचाव कर सकते हैं। इसके अलावा, गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए मूंगफली के तेल को सीधे स्किन पर लगाया जा सकता है।
मूंगफली के तेल का इस्तेमाल स्किन को स्वस्थ रखने में भी मददगार हो सकता है, इसलिए इसे स्किन एजिंग से बचाने वाले तेलों की सूची में शामिल किया जा सकता है। यह त्वचा को नमी प्रदान कर सकता है और सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से भी सुरक्षा दे सकता है मूंगफली के तेल में मौजूद विटामिन-ई भी वक़्त से पहले स्किन पर नजर आने वाले बढ़ती उम्र के लक्षणों से बचा सकता है।
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