हमारे शरीर में पाए जाने वाला थायरॉइड हार्मोन शरीर में सेल रिपेयर करने के साथ शरीर की सही ग्रोथ और मेटाबोलिज्म को मैनेज करने में मदद करता है। लेकिन जब शरीर में यह थायरॉइड हार्मोन जरुरत से ज्यादा हो जाए तो व्यक्ति हाइपोथायरायडिज्म (hyperthyroidism) की समस्या से ग्रस्त होने लगता है। हाइपोथायरायडिज्म की समस्या में शरीर में जरूरत से ज्यादा थायरोक्सिन प्रोड्यूस होने लगते हैं। जिसके कारण तेजी से वजन बछटने के साथ थकान, बालों का झड़ना, मानसिक स्थिति में परिवर्तन और कब्ज जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप इस दौरान ऐसे फूड्स का सेवन करें, जो इन समस्याओं से आपको बचा सकें। आइए जानते हैं इन न्यूट्रिएंट्स ( nutrients for hyperthyroidism) के बारें में विस्तार से।
थाइरोइड हार्मोन के लिए सेलेनियम भी एक आवश्यक मिनरल माना गया है। यह शरीर में थाइरोइड हार्मोन बनाने के साथ उसे ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से बचाने में भी मदद करता है। सेलेनियम वाले खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करने से आपका सेलेनियम लेवल मेंटेन रहेगा, जिससे थाइरोइड हार्मोन भी बैलेंस बना रहेगा।
नेशनल इंस्टिटूट ऑफ हेल्थ की एक रिसर्च के मुताबिक सेलेनियम की कमी के कारण व्यक्ति को हाइपोथायरायडिज्म के साथ सांस की समस्या, किडनी और दिल से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती है।
शरीर में थाइरोइड हार्मोन प्रोड्यूस होने से लेकर थाइरोइड के सही प्रकार काम करने के लिए जिंक बेहद आवश्यक है। क्योंकि शरीर में इस मिनरल की कमी हाइपोथायरायडिज्म के साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। रिसर्च में यह भी सामने आया है कि सेलेनियम, विटामिन ए और जिंक जैसे पोषक तत्व हाइपोथायरायडिज्म वाले लोगों में थायरॉइड फ़ंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
शरीर में थाइरोइड हार्मोन बनाने के लिए आयोडिन सबसे जरूरी मिनरल है। इसकी कमी हाइपोथायरायडिज्म होने का सबसे बड़ा कारण होती है। इसलिए हाइपोथायरायडिज्म की समस्या में डाइट में आयोडिन की पर्याप्त मात्रा लेना आवश्यक होता है।
ऑफिस ऑफ डाइट्री सप्लिमेंट द्वारा रिसर्च में सामने आया कि जो लोग आयोडिन को अवॉइड करते हैं, प्रेग्नेंट महिलाएं या विजन डाइट फॉलो करने वाले लोगों को हाइपोथायरायडिज्म से ग्रस्त रहने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसलिए आयोडिन वालें खाद्य पदार्थो को अपनी डाइट में शामिल करना शुरू करें।
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आयरन की कमी या एनिमिया से ग्रस्त होने पर थायरॉइड फंक्शन में सीधा असर पड़ सकता है। इसलिए हाइपोथायरायडिज्म से ग्रस्त व्यक्तियों को आयरन सप्लिमेंटस लेने की सलाह दि जाती है, जिससे शरीर में आयरन की पर्याप्त मात्रा बनी रहें।
सभी मिनरल्स की तरह विटामिन डी भी हाइपोथायरायडिज्म कंट्रोल करने में आवश्यक माना जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक शरीर में विटामिन डी की कमी थायरॉइड फ़ंक्शन को प्रभावित कर सकती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लेना सुनिश्चित करें। इसके अलावा विटामिन b12, विटामिन ए, विटामिन सी भी आवश्यक विटामिन्स माने जाते है। इनमें से किसी भी विटामिन की कमी हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकती है।
शरीर में मैग्निशियम की कमी भी हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकती है। क्योंकि शरीर में थाइरोइड हार्मोन के लिए मैग्निशियम की सही मात्रा होना बेहद आवश्यक है। पबमेड सेंट्रल की एक रिसर्च के मुताबिक डाइट में सही मात्रा में मैग्निशियम लेने से थाइरोइड हार्मोन को बैलेंस किया जा सकता है। इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि हाइपोथायरायडिज्म की समस्या में मैग्निशियम के सप्लीमेंट लेने से इस समस्या में काफी हद तक अंतर आने लगता है।
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