मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग लिवर होता है, इसका काम ब्लड फिल्टर करना और ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को सही बनाए रखना है। इसके साथ ही ये आपके शरीर के और भी जरूरी काम को करता है। इसलिए इसका स्वस्थ होना जरूरी है। इसमें लिवर में अत्यधिक मात्रा में फैट जमा होने लगता है। लिवर में फैट जमा होने के चलते लिवर में सूजन की समस्या का सामना करना पड़ता है। कंडीशन खराब होने पर कई बार लिवर के डैमेज होने और ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ सकती है। इसमें फलों का सेवन भी शामिल है। फैटी लिवर की समस्या में जहां कुछ फल मरीज के लिए फायदेमंद साबित होते हैं तो कई नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट का क्या कहना है।
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल जयपुर के डॉ. रत्नेश जैनब बताते हैं कि, फैटी लिवर रोगियों के लिए फल फायदेमंद होते हैं, लेकिन उनके लिए कुछ फलों का सेवन हानिकारक भी हो सकता है। सबसे पहले हम यह समझते हैं कि आखिर फैटी लिवर रोगियों के लिए कौन से फल लाभदायक होते हैं और क्यों। फैटी लिवर रोगियों को सेब का सेवन करना चाहिए क्योंकि सेब में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो लिवर के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इसके अलावा नारंगी फल भी लाभदायक होता है क्योंकि उसमें विटामिन सी होता है। अंगूर का सेवन कर सकते हैं, अंगूर में एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर होते हैं। पपीते का सेवन कर सकते हैं, पपीता में पपैन नामक एंजाइम होता है जो प्रोटीन को तोड़ने में मदद करता है और लिवर के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि फैटी लिवर के रोगियों को यह भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि इन फलों को कितनी मात्रा में खाना है जिससे उन्हें इसका लाभ मिल सके, इसलिए उन्हें डॉक्टर से भी परामर्श करना बहुत जरूरी है।
डॉक्टर रत्नेश जैनब बताते हैं कि गैर अल्कोहलिक और अल्कोहलिक फैटी लिवर के लक्षण एक समान होते हैं। लेकिन अधिकतर मामलों में इस समस्या के कोई लक्षण नहीं दिखते। इसमें थकान और पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। फैटी लिवर होने की समस्या में पेट की दाहिनी ओर दर्द का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा भूख ना लगना, मतली आना भी फैटी लिवर के लक्षण हैं। कंडीशन गंभीर होने पर पेट में पानी भरना, मानसिक भ्रम, आंख में पीलापन और खून की उल्टी भी हो सकती है। आमतौर पर फैटी लिवर के बारे में डॉक्टरों द्वारा शारीरिक जांच के बाद ही पता चलता है।
फैटी लिवर आमतौर पर तीन चरणों में विभाजित होता है। इनमें साधारण फैटी लिवर, सूजन के साथ फैटी लिवर, जिसे नॉन-अल्कोहोलिक स्टेटोहेपेटाइटिस के नाम से जाना जाता है और फैटी लिवर जिसमें लिवर सख्त हो जाता है (लिवर सिरोसिस) शामिल हैं।
गैर अल्कोहलिक और अल्कोहलिक फैटी लिवर के कारणों की बात करें तो, ये समस्या मोटापा या ज्यादा वजन होने के कारण, डायबिटीज के कारण , खराब कोलेस्ट्रॉल के कारण, दवाइयों का साइडइफेक्ट, हेपेटाइटिस सी, जेनेटिक डिजीज और अल्कोहल का सेवन करने के कारण आपके इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
फैटी लिवर की समस्या में फलों का सेवन बेहद महत्वपूर्ण है। तो चलिए आपको उन फलों के बारे में बताते हैं, जिनका सेवन फैटी लिवर की समस्या में किया जा सकता है।
अंगूर में नारिंगेनिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट के साथ फाइबर भी पाए जाते हैं। जो सूजन और बैक्टीरिया से लिवर को बचाने में सहायता करते हैं। फैटी लिवर के कारण लिवर को जो क्षति होती है उसे सही करने में और सूजन कम करने में मदद करता है। इसलिए फैटी लिवर की समस्या होने पर अंगूर का सेवन बेहद महत्वपूर्ण है।
रोजाना एक सेब का सेवन आपके लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। हर रोज एक सेब खाने से बहुत सी समस्याएं दूर रहती हैं और इनमें से एक लिवर संबंधी समस्या भी है। सेब में भरपूर मात्रा में घुलनशील फाइबर पाए जाते हैं। सेब में पाए जाने वाले पॉलीफेनॉल्स लिवर में वसा के जमाव को कम करने में सहायता करता है।
एवोकाडो के कई स्वास्थ्य लाभ के बारे में आपने सुना होगा। स्वस्थ लिवर के लिए भी एवाकाडो सबसे महत्वपूर्ण फलों में से एक है, क्योंकि इनमें हेल्दी फैट पाया जाता है। जो लिवर को किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है। अपनी डाइट में एवाकाडो को शामिल करने से कई फायदे होते हैं
एंजाइम और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो लिवर को डीटॉक्स करने के साथ उसके काम को आसान करता है। ये हृदय, पाचन और इम्युनिटि को बूस्ट करता है और लिवर की सेहत को सही रखने में मदद करता है।
कीवी में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये इम्युनिटी बूस्ट करने के साथ लिवर का भी ख्याल रखते हैं। इसमें विटामिन और मिनरल्स के साथ- साथ पावरफूल एंटीऑक्सिडेंट भी पाए जाते हैं, जो फैटी लिवर को सही करने में मदद करते हैं।
नींबू, संतरा, अमरूद और स्ट्रॉबेरी जैसे खट्टे फलों में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी और मिनरल्स पाया जाता है। ये मिनरल्स आपके लिवर के लिए फायदेमंद होते हैं। ये फल फैटी लिवर को सही करने में मदद करते हैं, इस लिए आपने खाने में विटामिन सी और मिनरल्स से भरपूर इन खट्टे फलों को जरूर शामिल करें ।
फैटी लिवर वाले मरीजों को भूलकर भी अनानास यानी पाइनेप्पल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें अत्यधिक मात्रा में मैग्नीशियम होता है, जो लिवर पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ सकता है। इसलिए फैटी लिवर होने की समस्या में अनानास खाने से दूर रहना ही बेहतर है।
आम बेहद स्वादिष्ट फलों में से एक होता है, लेकिन इसमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। फैटी लिवर होने पर आम का सेवन इस समस्या को और भी बढ़ा सकता है। आम में मौजूद फैट लिवर के फैट को और भी बढ़ा सकता है। इसलिए फैटी लिवर के मरीजों के लिए आम का सेवन सही नहीं माना जाता।
लीची में प्रचुर मात्रा में नेचुर शुगर होती है, जो फैटी लिवर के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकती है। ज्यादा मात्रा में लीची खाने से मोटापा बढ़ने और फैटी लिवर की समस्या में इजाफा होने के चांस रहते हैं। इसलिए फैटी लिवर होने की समस्या में भूलकर भी इस फल को ना खाएं।
लोंगान में शुगर और की मात्रा अधिक होती है जो फैटी लिवर के रोगियों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसके कारण उनका वजन बढ़ सकता है। इसलिए फैटी लिवर वाले मरीजों को इससे दूरी बनाए रखना चाहिए।
फैटी लिवर वाले मरीजों को केले से भी उचित दूरी बनाए रखना चाहिए। दरअसल, केले में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है जो फैटी लिवर के रोगियों के लिए हानिकारक हो सकती है।
फैटी लिवर इसलिए खतरनाक है कि शुरुआत में इसके लक्षण समझ नहीं आते। आमतौर पर स्थिति गंभीर होने पर ही फैटी लिवर की समस्या का पता चलता है। कई बार ये लक्षण तब सामने आते हैं जब लिवर फेल होने जैसी नौबत आ जाती है। प्रारंभिक चरण में अगर इस बीमारी का पता चल जाए तो इसे रोका जा सकता है या फिर इसकी प्रगति को धीमा किया जा सका है।
फैटी लिवर वाले मरीजों को अपने लाइफस्टाइल और खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वजन कम करने से लेकर सही खान-पान के जरिए फैटी लिवर की समस्या से राहत पाई जा सकती है। इसके अलावा अल्कोहल का इस्तेमाल बंद करना फैटी लिवर के मरीजों के लिए बेहद जरूरी है।फैटी लिवर वाले मरीजों को प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए। लेकिन, इससे पहले अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें कि कौन से व्यायाम आपके लिए सही रहेंगे।
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