घर में जब खाना बच जाता है, तो हम उसे उठाकर फ्रिज में रख देते हैं। अब वो चाहें सब्जी हो, आटा हो, चावल या दाल। जबकि फ्रोजन फूड्स का चलन भी अब काफी ज्यादा बढ़ रहा है। जबकि आयुर्वेद में हमेशा ही ताजा बना खाने की सिफारिश की गई है। तब क्या फ्रिज में रखा हुआ खाना आपकी सेहत के लिए सही है? आइए चेक करते हैं फ्रिज में रखे हुए खाने और फ्राेजन फूड का पोषण मूल्य। साथ में यह भी जानेंगे कि क्या होता है आपकी सेहत पर इसका प्रभाव।
फ्रीजर खाद्य पदार्थों के पोषण मूल्य को संरक्षित करने और उन्हें स्वस्थ रूप से उपयोग करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पर इसके लिए फ्रीजर का उच्च गुणवत्ता का होना बहुत जरूरी है। तभी स्टोर किए गए और जमे हुए उत्पादों को लंबे समय तक संरक्षित रखने और खराब नहीं होने से बचाया जा सकता है।
कुछ खाद्य पदार्थों को विशिष्ट प्रक्रियाओं के लिए फ्रीजिंग की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया के कई कारण हैं। बहुत से लोग सोचते हैं कि क्या जमे हुए खाद्य पदार्थों का पोषण मूल्य बदल जाता है। शोध के अनुसार, वे बदलते नहीं हैं। यदि जरूरी सावधानियां बरती जाएं, तो इससे भोजन के पोषण मूल्य में कोई बदलाव नहीं आता।
जब फ्रीजिंग को ठीक से किया जाता है, तो इससे अन्य खाने को सुरक्षित रखने की विधियों की तुलना में खाद्य पदार्थों में पोषण को संरक्षित किया जा सकता है।
फ्रीजिंग कुछ हद तक विटामिन के नुकसान को धीमा करके भोजन में पोषक तत्वों को संरक्षित कर सकती है। जो एक सही समय और अवधि के दौरान होती है। अगर भोजन को रूम टेम्प्रेचर पर या फ्रिज में रखा जाता है, तो यह ज्यादा बेहतर होता है।
उदाहरण के लिए, जमे हुए फलों और सब्जियों को पकने पर काटे जाने के कुछ घंटों के अंदर ही फ्रीज किया जा सकता है। जिससे उसके पोषक तत्व सील हो जाते हैं। दूसरी ओर, ताजा सब्जियों और फलों को किराने की दुकानों तक पहुंचाने में लगने वाले समय में उनमें से कुछ पोषक तत्व खत्म हो सकते हैं।
फ्रेश फ्रोजन फलों और सब्जियों के पोषक तत्वों पर 2017 में एक अध्ययन आया। ताजा स्टोर भोजन को पांच दिनों तक रेफ्रिजरेटर में रखे जाने या उपभोक्ताओं के जो रिव्यू थे उसके आधार पर देखा गया था।
इसके रिजल्ट से पता चला कि जांच की गई विटामिन सामग्री में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं आया। इससे यह बात भी खारिज हो जाती है कि ताजा भोजन में जमे हुए भोजनों की तुलना में काफी अधिक पोषण मूल्य होता है।
जमे हुए खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों को बनाए रखने के लिए दोबारा गर्म करने के तरीकों में भाप लेना, माइक्रोवेव करना, हिलाकर तलना या एयर फ्राई करना शामिल है।
उबालने की तुलना में भाप देना बेहतर विकल्प है, क्योंकि यह खाना पकाने के पानी में घुलनशील विटामिन के रिसाव को कम करता है।
ब्रोकोली को डीफ्रॉस्ट करने के विभिन्न तरीकों पर किए गए 2015 के एक अध्ययन में लंबे समय तक उबालने की तुलना में माइक्रोवेव विधि का उपयोग करके जल्दी से डीफ्रॉस्ट करने पर पोषक तत्वों को कम नुकसान हुआ।
कम समय तक उबालने से ब्रोकोली में कैरोटीनॉयड बना रहता है। जबकि माइक्रोवेव डीफ्रॉस्टिंग से ब्रोकोली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि, कम समय के लिए माइक्रोवेव डीफ्रॉस्टिंग ने कम प्रतिकूल प्रभाव दिखाया। जो चीज़ सबसे ज़्यादा मायने रखती है वह है डीफ़्रॉस्टिंग में लगने वाला समय।
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