एंटीऑक्सीडेंटस (Anti-oxidants) से भरपूर ग्रीन टी हमारी बॉडी को हेल्दी रखने में सहायक है। दरअसल, मौसम में आने वाला परिवर्तन हमारी सेहत को कई प्रकार से प्रभावित करते है। ऐसे में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं। जो शरीर पर होने वाले इन प्रभावों को दूर करने का काम कर रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं ग्रीन टी। बॉडी को डिटॉक्स (Detox) रखने वाली ग्रीन टी को नियमित तौर पर पीने से वेटलॉस (Weight loss) से लेकर हृदय संबधी समस्याओं तक हर समस्या आसानी से हल हो जाती है। एनसीबीआई के मुताबिक अगर आप लंबे वक्त तक ग्रीन टी (Green tea) को अपनी डाइट में शामिल करती हैं, तो इसकी मदद से शरीर में कोरोनरी डिज़ीज़, टाइप 2 डायबिटीज़ और मोटापे का जोखिम कम होने लगता है।
इस बारे में बातचीत करते हुए डाइटीशियन प्रिया पालन के अनुसार बहुत से पोषक तत्वों से भरपूर ग्रीन टी को आप दिनभर में 2 से 3 कप पी सकती है। अगर आप ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करती हैं, तो इससे आपके शरीर को कई प्रकार के नुकसान झेलने पड़ते हैं। अगर आप नियमित तौर पर सही मात्रा में ग्रीन टी पीती हैं, तो शरीर में कैलोरी बर्न, बैली फैट कम करने और माइंड को बूस्ट करने में मदद करती हैं। जानते हैं इसके सेवन का उचित तरीका।
ग्रीन टी को पीने के लिए मील्स और टी टाइम के मध्य 1 घण्टे का गैप अवश्य रखें। इससे खाना आसानी से पच जाता है। साथ ही ग्रीन में मौजूद एंटीऑक्सींटस और कैटेचिन नामक तत्व शरीर को प्रोटेक्ट करने में मदद करते हैं। खाली पेट ग्रीन टी को पीने से परहेज़ करना चाहिए। इससे आपके शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी देखने का मिल सकता है।
अगर आप सुबह उठते ही खाली पेट ग्रीन टी का सेवन करती हैं, तो इसका प्रभाव आपके मेटाबॉलिज्म पर देखने को मिलता है। इसके अलावा ग्रीन टी में मौजूद मजबूत एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल्स गैस्ट्रिक एसिड को शरीर में बढ़ने से रोकते हैं। इससे पेट में दर्द और ऐंठन की समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं।
एनसीबीआई के एक रिसर्च के मुताबिक अगर आप मील्स के साथ ग्रीन टी का सेवन करते हैं, तो इससे शरीर में आयरन के एब्ज़ॉर्बशन को बाधित करने का जोखिम बढ़ जाता है। इसमें पाया जाने वाला एपिगैलोकैटेचिन 3 गैलेट तत्व शरीर में आयरन, कॉपर और क्रोमियन के अवशोषण को रोकता है।
बहुत से लोग दवाई लेने के बाद ग्रीन टी पीने लगते हैं। दरअसल, दवा में मौजूद कैमिकल्स ग्रीन टी से मिलकर शरीर में एसिडिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा दवा को ग्रीन टी के साथ भी लेने से हमें बचना चाहिए।
एनीसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर आप रूटीन वर्कआउट कर रही हैं। ऐसे में ग्रीन टी का सेवन सहायता प्रदान करता है। इसमें पाए जाने वाले कैटेचिन तत्व की मदद से वेटलॉस में सहायता मिलती है। इसके अलावा एचित आहार को मील में शामिल करना भी ज़रूरी है। शरीर वेटगेनप से बच जाता है और कैलोरीज़ भी बर्न होने लगती हैं।
आमतौर पर वे लोग जो अक्सर बार बार भूख लगने की शिकायत करते हैं। उनके शरीर में कैलोरीज़ की मात्रा तेज़ी से बढ़ने लगती है। ऐसे में ग्रीन टी हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है। इसमें पाया जाने वाला एपिगैलोकैटेचिन गैलेट शरीर फूड क्रेविंग को रोकता है। इसके अलावा आप ओवरइटिंग की समस्या से भी दूर रहते हैं।
इसमें पाया जाने वाले विटामिन्स और मेलाटोनिन बाल झड़ने की समस्या से हमारी रक्षा करते हैं। इसके अलावा बालों में बार बार होने वाली डैंड्रफ की परेशानी से भी मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा ग्रीन टी को हेयरवॉश के लिए भी प्रयोग किया जाता है। साथ ही ग्रीन टी पाउडर को भी आप बालों की देखभाल के लिए हेयर मास्क के तौर पर बालों पर अप्लाई कर सकती है।
अगर आप इसका रोज़ाना सेवन करती हैं, तो फर्टिलिटी को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा सेक्सुअल लाइफ भी हेल्दी बनने लगती है। इसमें पाया जाने वाले पॉलीफेनोल्स शरीर में फर्टिलिटी रेट को बढ़ देते हैं। इसके अलावा शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से भी मुक्ति मिलती है।
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