Dairy Product in Rainy Season : दूध, दही, पनीर और घी, एक्सपर्ट बता रहीं हैं बरसात के मौसम में इन्हें खाने का सही तरीका

दूध, दही, पनीर और घी अत्यावश्यक पोषक तत्वों का भंडार हैं। इसके बावजूद कुछ लोग बरसात के मौसम में इन्हें खाना छोड़ देते हैं। उनका मानना है कि ये अपच और अन्य समस्याओं का कारण बनते हैं। क्या वास्तव में ऐसा है? आए एक आहार विशेषज्ञ से जानते हैं इनके सेवन का सही तरीका।
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लो कार्ब डाइट ले रही हैं, तो डेयरी प्रोडक्ट को अवॉयड करें। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 12 Jul 2023, 14:04 pm IST
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चिलचिलाती धूप और गर्मी के बाद बारिश का मौसम राहत लेकर आता है। हालांकि बारिश होने से गर्मी से छुटकारा तो मिल जाता है, लेकिन खाने के मामले में यह कई बंदिशें लेकर भी आता है। दरअसल यह मौसम अधिक नमी वाला होता है, जिससे कुछ संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका बनी रहती है। पाचन संबंधी समस्याएं और एलर्जी भी इन दिनों बढ़ जाती है। कुछ लोग बरसात के मौसम में मिल्क प्रोडक्ट जैसे कि दूध, दही, पनीर से परहेज की सलाह देते हैं। हालांकि ये सभी डेयरी प्रोडक्ट पोषक तत्वों से भरे होते हैं। पर क्या इस मौसम में इनसे बचना चाहिए? या इन्हें खाने का कोई एक मान्य तरीका (dairy product in rainy season) है? आइये एक्सपर्ट से जानते हैं।

बारिश में दूध और दूध की सामग्री लें या नहीं ( consume or not dairy product in rainy season)

डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट शिखा द्विवेदी बता रही हैं, ‘ बारिश के मौसम में डेयरी उत्पादों जैसे पनीर, चीज़ का सेवन कभी भी ज्यादा मात्रा में नहीं करना चाहिए। इस समय पाचन तंत्र बहुत संवेदनशील रहता है। इनका बहुत अधिक सेवन करने से दस्त या पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

दूसरी तरफ साइनसाइटिस से पीड़ित लोगों को दही जैसे डेयरी उत्पादों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इससे खांसी और सर्दी बढ़ सकती है। बारिश के मौसम में ज्यादातर व्यक्तियों के लिए दूध पीना सुरक्षित और फायदेमंद होता है। प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन और मिनरल से भरपूर दूध को आप अपनी मॉनसून डाइट में भी ले सकती हैं। यदि हल्दी दूध का सेवन किया जाए, तो यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाएगा।

दूध अपच का कारण बन सकता है (milk for indigestion)

शिखा द्विवेदी बताती हैं, ‘ऐसा देखा गया है कि कुछ लोगों में बारिश के मौसम में दूध अपच का कारण बन जाता है। ऐसे व्यक्ति विकल्प के तौर पर अन्य डेयरी उत्पाद जैसे पनीर, ताजा दही और छाछ का चुनाव कर सकते हैं। ये उत्पाद पाचन को बेहतर बनाने और स्वस्थ रखने में मदद करेंगे।

ध्यान रखें कि बारिश में इमली, अचार और चटनी जैसे बहुत खट्टे फलों से बचना चाहिए। ये वाटर रिटेंशन (Water Retention) को बढ़ावा देते हैं। यदि घर से बाहर खाना खाने का अवसर मिल रहा है, तो डेयरी आधारित खाद्य पदार्थों जैसे रायता और कोटेज चीज का सेवन करने से बचें। बहुत समय पहले बना होने के कारण बैक्टीरिया से संक्रमण के कारण यह दूषित भी हो सकता है।’

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दबारिश के मौसम में दूध अपच का कारण बन सकता है। चित्र शटरस्टॉक

पनीर खाने का सही तरीका (Right way to consume Paneer in rainy season)

शिखा के अनुसार, कैल्शियम की मौजूदगी के कारण पनीर हीट प्रोड्यूसिंग होता है। कैल्शियम शरीर का तापमान भी बढ़ाता है। यह फैट और प्रोटीन से भरपूर होता है। इससे शरीर के अंदर गर्मी बढ़ाने में मदद मिल सकती है। बारिश में पनीर को बहुत अधिक तल कर और मसाले के साथ फ्राई करके न खाएं। रॉ पनीर के कुछ स्लाइसेस काटकर स्प्राउट्स या सलाद के साथ मिक्स कर खाएं। इसे दिन के किसी भी समय खाया जा सकता है। रात को सोने से एक घंटा पहले इसे हेल्दी वे में लिया जाये तो अधिक फायदे देगा। दिन में मॉडरेट मात्रा में पनीर का सेवन करना चाहिए। वर्कआउट से पहले या बाद में पनीर कभी न खाएं

दही का सेवन किस तरह करें (How to consume dahi in rainy season)

प्रोबायोटिक दही गुड बैक्टीरिया को बढ़ाता है। इसलिए बरसात में इसका सेवन किया जा सकता है। पर कभी भी खट्टे दही का प्रयोग न करें। बारिश में दही खाने का सबसे अच्छा तरीका है- एक चुटकी भुना जीरा पाउडर, काली मिर्च और काला नमक मिला कर दही खाना। यह पाचन तंत्र और खासकर आंत के स्वास्थ्य के लिए बढ़िया है। संक्रमण के कारण गले में खराश है, तो यह मदद कर सकता है

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बारिश में एक चुटकी भुना जीरा पाउडर, काली मिर्च और काला नमक मिला कर दही  खाएं। चित्र: शटरस्टॉक

बरसात में खाएं घी (Ghee in Rainy Season)

बरसात के मौसम में घी खाया जा सकता है। इसमें पाचन में सुधार करने की क्षमता होती है। हाई स्मोक पॉइंट के कारण घी नमी वाले मौसम में भी आसानी से पचने की क्षमता के लिए जाना जाता है। इसके चिकनाई वाले गुण पाचन तंत्र को शांत करते हैं और सूजन को कम करते हैं।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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