रेगुलर शहद से भी ज्यादा फायदेमंद है कच्चा शहद, जानिए क्या है दोनों में अंतर और फायदे
पोषक तत्वों से भरपूर शहद एक ऐसा नेचुरल स्वीटनर (natural sweetener) है, जिसे रोजमर्रा के जीवन में कई तरह से डाइट में एड किया जाता है। इससे शरीर को स्वाद के अलावा पोषण की भी प्राप्ति होती है। एंटीऑक्सीडेंट रिच शहद के दो प्रकार होते हैं एक कच्चा और दूसरा प्रोसेस्ड (Regular honey vs raw honey)। अधिकतर लोग इसी उलझन में रहते हैं कि कौन सा शहद शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर आप भी प्रोसेस्ड और रॉ यानि कच्चे शहद के सेवन को लेकर कंफ्यूज है, तो जानते हैं एक्सपर्ट दोनों प्रकार के शहद के गुण और कौन सा शहद है ज्यादा फायदेमंद (Regular honey vs raw honey)।
कच्चा शहद या रेगुलर शहद किसमें है ज्यादा पोषण
इस बारे में मनिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि फार्मिंग के ज़रिए निकाला जाने वाला शहद स्वास्थ्य को कई फायदे (Benefits of honey) पहुंचाता है। रॉ यानि कच्चे शहद में फेनोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स जैसे पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा फ्री रेडिकल्स के खतरे को कम करती है। इससे शरीर को माइक्रोन्यूट्रेंट्स की प्राप्ति होती है। इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी बैक्टीरियल (anti-bacterial properties) गुण त्वचा के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। इसके अलावा ये डाइजेशन को भी बूस्ट करता है।
वहीं प्रोसेस्ड हनी यानि रेगुलर इस्तेमाल किए जाने वाले शहद में कई प्रकार की मिलावट (How to check the purity of honey) की जाती है। कमर्शियली तैयार किए जाने वाले शहद में चीनी और बूरा मिलाया जाता है। इससे उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है। मगर रेगुलर शहद लंबे वक्त तक रखने के कारण जमने लगता है। मशीनों के ज़रिए तैयार किए जाने वाले इस शहद से शरीर को भरपूर पोषण नहीं मिल जाता है।
क्यों है कच्चा शहद खास
1. पोषण से भरपूर
प्योर शहद में विटामिन और 31 तरीके के मिनरल्स पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद अमीनो एसिड की मात्रा शरीर में कई बीमारियों के खतरे को कम कर देती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार रॉ हनी में 30 तरह के बायोएक्टिव प्लांट कंपाउड पाए जाते हैं। इन्हें पॉलीफेनोल्स कहा जाता है। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम (Honey increase immunity) मज़बूत बनता है और मौसमी बीमारियों का खतरा कम होने लगता है।
2. डाइजेशन करे बूस्ट
शहद एनर्जी का मुख्य सोर्स (Honey increase energy level) है। इसके सेवन से शरीर में न्यूट्रिएंटस का पोषण बढ़ जाता है और पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है। सुबह उठकर खाली पेट शहद को पानी में मिलाकर पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट (How honey boost metabolism) होता है और अपच, ब्लोटिंग व कब्ज से राहत मिल जाती है। इसमें मौजूद एंजाइम्स गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक को राहत पहुंचाती है और एसिडिटी से शरीर को बचाता है।
3. मिलावट से रहित
अनफिल्टर्ड हनी का रंग और टैक्सचर सामान्य शहद से अलग होता है। कच्चे शहद का रंग गहरा और कंसिस्टेंसी गाढ़ी होती है। कच्चे हनी को केवल अशुद्धियां दूर करने के लिए छाना जाता है। इसमें किसी प्रकार की अडल्ट्रेशन नहीं की जाती है। ये शहद स्वाद में अलग और पूरी तरह से नेचुरल होता है।
रेगुलर शहद किस तरह प्योर शहद से अलग है
रेगुलर हनी में आर्टिफिशियल शुगर और प्रीजर्वेटिव्स पाए जाते हैं। इससे शरीर में कैलोरी इनटेक और ब्लड शुगर स्पाइक का खतरा बना रहता है। कमर्शियल हनी की थिकनेस में बदलाव नज़र आता है और पोषण का स्तर भी कम हो जाता है। शैल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रीजर्वेटिवस के चलते पौष्टिकता पर उसका असर नज़र आने लगता है।
कैसे पता लगाएं कि शहद मिलावटी है या प्योर (How to check purity of honey)
1. वो शहद जो कमर्शलाइज्ड और प्रोसेसिंग से होकर गुजरता है, वो कुछ समय के बाद जमना शुरू हो जाता है। इसे तैयार करने में इस्तेमाल की गई चीनी और बूरा सतह पर चिपक जाते हैं।
2. अगर आप हनी प्योरिटी चेक करना चाहती हैं, तो दो चम्मच शहद को प्लेट में निकालें और उस पर 2 से 3 चम्मच पानी डालें। वो शहद जो प्योर है, उससे प्लेट पर एक लहर बनने लगती है। शहद अगर नकली होगा, तो पानी यूं ही बह जाएगा।
3. इसके अलावा कॉटन पर शहद लगाएं और कुछ देर गर्मी में रखें। मिलावटी शहद गर्मी में जमने लगता है और कैरेमलाइजेशन हो जाता है। वहीं प्योर शहद जस का तस बना रहता है।
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