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Ghee ke fayde : गट हेल्थ और वेट लॉस के लिए फायदेमंद है घी, पर क्या आप जानते हैं इसे खाने का सही तरीका?

खाली पेट घी खाना चाहिए या नहीं, घी को दुबारा गर्म किया जा सकता है या नहीं, ऐसे कई सवाल मन में उठते रहते हैं। घी से जुड़े सभी सवालों के जवाब एक्सपर्ट से जान सकती हैं।
ghee digestive helper hai.
घी डायजेस्टिव हेल्पर है, लेकिन घी को पकाना जरूरी होता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 2 Nov 2023, 09:30 am IST

जब वजन घटाने की बात होती है, तो डाइट पर भी चर्चा होती है। कई प्रकार की डाइट के साथ-साथ घी पर भी चर्चा होती है। सोशल साइट पर तमाम सेलेब्रिटीज मिल जाते हैं। वे बताते हैं कि वेट मैनेजमेंट के लिए वे सुबह खाली पेट घी का सेवन करते हैं। कुछ एक्सपर्ट भी इसके पक्ष में खड़े होते हैं। कुछ विशेषज्ञ खाली पेट घी खाने की सलाह नहीं देते हैं।खाली पेट घी खाएं या नहीं, के अलावा घी संबंधी और भी कई सवाल हैं, जिनका जवाब (FAQs on ghee) विशेषज्ञ से जानना जरूरी है।

खाली पेट घी खाएं या नहीं (Ghee for Empty Stomach)

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. रेखा राधामोनी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘अक्सर खाली पेट घी खाने की सलाह (Ghee ke fayde) दी जाती है। मैं इसे खाली पेट नहीं खाने की सलाह देती हूं। घी पित्त दोष के लिए बढ़िया है। यह डायजेस्टिव हेल्पर है। लेकिन घी को पकाना जरूरी होता है। सही रूप में घी खाने का तरीका है कि इसे पकाकर खाया जाए। दाल और सब्जी को पकाने में इसका प्रयोग किया जा सकता है। सब्जी को सौते करते समय भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। यदि घी को खाली पेट खाया जाता है या पकाकर नहीं खाया जाता है, तो इंटेसटिनल हेल्थ को प्रभावित करने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

वेट लॉस में कैसे मदद करता है (Ghee for Weight Loss)

डायटीशियन शिखा द्विवेदी बताती हैं, ‘घी एसेंशियल अमीनो एसिड से भरपूर होता है, जो पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता है। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड की मौजूदगी शरीर की चर्बी कम करने में मदद करती है। खाली पेट लेने से यह स्मूद लैक्सेटिव का भी काम करता है। नींद की कमी या तनाव या बहुत अधिक काम करने से आंखों के आसपास काले घेरे हो जाने पर, घी का सेवन फायदेमंद होता है। यदि गट हेल्थ संबंधी कोई समस्या है, तो खाली पेट घी नहीं लेना चाहिए।

कितना घी रोज खाना चाहिए (Daily Intake of Ghee)

नियमित भोजन के साथ घी का सेवन किया जा सकता है। यह ब्लड शुगर लेवल हाई होने से बचाता है। घी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। इसे रोटी, दाल-चावल, खिचड़ी के साथ खाया जा सकता है। ध्यान दें कि 2 चम्मच से अधिक घी नहीं खाना चाहिए।

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2 चम्मच से अधिक घी नहीं खाना चाहिए। चित्र : अडोबी स्टॉक

क्या चावल में मिलाकर खाया जा सकता है (Ghee mixed with rice)

घी में मौजूद फैटी एसिड हाई ब्लड शुगर के मेटाबोलिज्म और उसे संतुलित करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद लिनोलेनिक एसिड हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। चावल में घी मिलाने से डायबिटीज के मरीज को चावल से चीनी को प्रभावी ढंग से पचाने में मदद मिल (FAQs on ghee) सकती है

हीट करें या नहीं (FAQs on ghee)

शिखा द्विवेदी के अनुसार, हाई स्मोकिंग पॉइंट (Ghee Smoking Point) होने के कारण घी को हीट किया जा सकता है। इसका उपयोग फ्राई करने, सौते करने और यहां तक कि तलने के लिए भी किया जा सकता है। यदि आप सब्जियां भूनने के लिए ऑलिव आयल का प्रयोग करती हैं, तो इसके स्थान पर घी का प्रयोग करें। यह हेल्दी होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होगा। आमलेट पकाने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है

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हाई स्मोकिंग पॉइंट होने के कारण घी को हीट किया जा सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

कितने टेम्प्रेचर तक किया जा सकता है हीट (Temperature to heat Ghee)

देसी घी को 140-150°C तक गर्म करने से इसकी नेचुरल मॉलिक्यूलर कम्पोजिशन (Natural Molecular composition of Ghee) प्रभावित नहीं होती है। इस तापमान सीमा का उपयोग घरेलू खाना पकाने और तलने के लिए भी किया जा सकता है। 170°C के तापमान तक घी का उपयोग खाना पकाने या तलने के लिए किया जा (FAQs on ghee) सकता है। इससे अधिक के टेम्परेचर को अवॉयड करना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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