गर्मियों में सोडा पानी पीना आपको रिफ्रेश तो फील कराता ही है, साथ ही इस मौसम में यह खाना पचाने में भी आपकी मदद करता है। पर क्या आप जानती हैं कि अगर सोडा पानी (Soda Water) आपका पसंदीदा पेय (Favourite drink) है, तो इसे रेगुलर पीना आपकी सेहत को कई तरह से नुकसान भी पहुंचा सकता है। इस बारे में हमने बात की न्यूट्रीशनिस्ट बिंदु बजाज से। आइए जानते हैं कि सोडा वॉटर (Soda water) के ज्यादा इस्तेमाल का क्या हो सकता है हमारी सेहत पर असर।
सोडा वाटर दरअसल कार्बोनेटेड वाटर को कहते हैं। इसमें मिनरल वाटर में सोडियम बाई कार्बोनेटेड मिलाया जाता है। इसे क्लब सोडा, सेल्टजर, स्पाकर्लिंग वाटर या फिज्जी वाटर भी कहते हैं। सॉफ्ट ड्रिंक, फिज्जी ड्रिंक में सोडा होता है। इसे हार्ड ड्रिंक्स, कॉकटेल या ऐल्कोहोलिक ड्रिंक्स के साथ भी सर्व किया जाता है।
यह भी पढ़ें :- ग्लोइंग एक्ने फ्री स्किन के लिए इस तरह करें बेकिंग सोडा का इस्तेमाल, एंटी एजिंग उत्पाद है यह
सोडा वाटर को यूं तो वजन घटाने में मददगार माना जाता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसे लेने से विपरीत प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं। एनसीबीआई (NCBI) द्वारा जानवरों पर किए गए एक शोध के अनुसार, सोडा वाॅटर में मौजूद कार्बन डाई ऑक्साइड शरीर में घ्रेलिन (ghrelin) नामक हार्मोन को सक्रिय कर सकता है। यह हार्मोन मोटापे के जोखिम को बढ़ा सकता है।
आपका फेवरिट सोडा आपकी खूबसूरत स्माइल को खराब कर सकता है। सोडा पीने से आपके मुंह में ऐसे बैक्टीरिया जन्म लेते हैं, जो आपके दांतो को जड़ों तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। खट्टा मीठा चटपटा सोडा पीने से आपके दांतों में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, क्योंकि इसमें प्रोसेस्ड चीनी होती है।
प्रोसेस्ड चीनी, आपके दांतों में कैविटी की दिक्कत का कारण बनने के साथ ही आपके मसूड़ों को भी कमजोर कर सकती है। ऐसे में इसके अधिक सेवन से बचना जरूरी है।
यह भी पढ़ें :- इस मानसून DIY बेकिंग सोडा और एप्पल साइडर विनेगर हेयर रिंस से डैंड्रफ की समस्या को कहें अलविदा
सोडा पानी हड्डियों को कमजोर भी कर सकता है। बता दें कि सोडा पानी के प्रयोग से हड्डियां कमजोर होती है क्योंकि इसके अंदर कार्बन डाइऑक्साइड पाया जाता है। जो हड्डियों को कमजोर कर देता है। ऐसे में जो लोग पहले से ही कमजोर हड्डियों से परेशान हैं, वे इसका सेवन बिल्कुलन करें।
ध्यान दें कि सोडा पानी के अंदर एसिडिक गुण पाया जाता है, जो पेट को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में इसके अधिक सेवन से पेप्टिक अल्सर ही नहीं कैंसर की समस्या की वजह भी बन सकता है। पेप्टिक अल्सर या गैस्ट्रिक अल्सर अमाशय या छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में होता है। यह तब बनता है, जब भोजन पचाने वाला अम्ल (एसिड) अमाशय या आंत की दीवारों को नुकसान पहुंचाने लगता है।
यह भी पढ़ें:- क्या बेकिंग सोडा को ब्यूटी केयर किट में भी शामिल कर सकते हैंं? जवाब है हां, अब जानिए कैसे
पेप्टिक अल्सर पेट की अंदरूनी सतह पर बनने वाले छाले होते हैं। समय पर इलाज न मिलने पर ये छाले जख्म में बदल जाते हैं। इसके बाद मरीज को कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं।
इसके अलावा खून की उल्टी, पेट में दर्द आदि समस्याएं भी आपको घेर सकती हैं। सोडा वाटर के अधिक सेवन के कारण फैटी लीवर की समस्या भी हो सकती है। पाचन को सुधारने में सोडा वाटर का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसका अधिक सेवन गैस्ट्रिक डिस्ट्रेस (पेट में जलन और पेट के अपसेट होने की स्थिति) को भी जन्म दे सकता है।
अगर आप प्रतिदिन एक गिलास सोडा ड्रिंक का सेवन करते हैं, तो आपके शरीर में 26 प्रतिशत शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। अगर ऐसा लगातार होता रहा, तो आप जल्द ही शुगर के मरीज हो जाएंगे। हम सब जानते हैं कि शुगर हमारे हार्ट के लिए अच्छा नहीं है।
सोडा पीने से हमारे शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और हार्ट अटैक का खतरा हर रोज 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसलिए अगर आपको भी सोडा पीने की आदत है, तो जितनी जल्दी हो सके, इस आदत से छुटकारा पा लें।
यह भी पढ़ें :- कोला ड्रिंक्स से लेकर खाली पेट रहने तक, यहां हैं अपच और पेट फूलने के 5 सामान्य कारण
हेल्थशॉट्स पीरियड ट्रैकर का उपयोग करके अपने
मासिक धर्म के स्वास्थ्य को ट्रैक करें