स्वास्थ्य के लिए हल्दी का प्रयोग सदियों से किया जाता रहा है। यह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो शरीर को रोग-मुक्त रखने का कार्य कर सकती है। वहीं, इसका प्रयोग कर बनने वाली हल्दी की चाय (Turmeric Tea) भी सेहत के लिए गुणकारी मानी जाती है। असल में, इसमें हल्दी के अधिकांश गुण समाहित होते हैं, जिस वजह से इसे हल्दी के सेवन का एक फायदेमंद तरीका माना जाता है। आइए जानते हैं आपके स्वास्थ्य को कैसे फायदा पहुंचाती है हल्दी की चाय।
हल्दी की चाय सामान्य चाय की तरह ही होती है, लेकिन इस चाय में चाय पत्ती और चीनी का प्रयोग नहीं किया जाता है। इनकी जगह पानी, हल्दी, दालचीनी, अदरक, नींबू का रस और शहद का प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेदिक सामग्रियों से युक्त यह चाय स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से लाभकारी हो सकती है, जिसके बारे में आगे लेख में बताया गया है।
सामग्री- आधा चम्मच हल्दी, 1 कप पानी, चुटकी भी काली मिर्च, शहद स्वादानुसार, कुछ बूंद नींबू का रस (स्वाद के लिए)
लिवर से विषाक्त तत्व निकालने और लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में हल्दी की चाय मददगार हो सकती है। इस विषय पर चूहों पर एक स्टडी की गयी, जिसे एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और डिटॉक्सिफिकेशन गुण पाए जाते हैं। हल्दी में पाए जाने वाले ये गुण मरकरी युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन, खासतौर पर सी फूड के सेवन की वजह से होने वाली लिवर टॉक्सिटी से बचाव में सहायता कर सकते हैं।
हल्दी का प्रयोग हृदय को स्वस्थ रखने में भी मददगार हो सकता है। रिसर्च के मुताबिक, सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की वजह से हार्ट फेल होने का जोखिम बढ़ सकता है। यहां हल्दी की चाय के कुछ हद तक फायदे देखे जा सकते हैं।
असल में, हल्दी का सबसे महत्वपूर्ण घटक करक्यूमिन में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव होते हैं। ये गुण सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में लाभदायक हो सकते हैं, जिस वजह से इसके उपयोग से हृदय रोग के जोखिम को दूर किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, करक्यूमिन एक कार्डियोवास्कुलर प्रोटेक्टिव एजेंट (हृदय की सुरक्षा करने वाला) की तरह भी कार्य कर सकता है।
हल्दी की चाय का सेवन डायबिटीज के जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकता है। रिसर्च में पाया गया कि हल्दी के जरूरी घटक करक्यूमिन में डायबिटीज की परेशानी को कम करने की क्षमता पाई जाती है।
करक्यूमिन में पाई जाने वाली इस क्षमता के पीछे इसमें मौजूद एंटीडायबिटिक गुण कार्य करते हैं। एंटीडायबिटिक गुण रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में सहायक हो सकते हैं, जिससे डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।
कैंसर के जोखिम से बचने के लिए हल्दी की चाय का सेवन किया जा सकता है। शोध के मुताबिक, हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन ट्यूमर सेल्स को कम करके उसके प्रसार को रोकने में सहायता कर सकता है। इसमें एंटीकैंसर गुण मौजूद होते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंहल्दी में पाया जाने वाला यह गुण प्रोस्टेट, कोलन, स्तन, अग्नाशय और मस्तिष्क के कैंसर के जोखिम से बचाव कर सकता है। लेकिन यह ध्यान रखें कि हल्दी की चाय किसी भी प्रकार से कैंसर का इलाज नहीं है। यदि किसी को कैंसर है, तो उस व्यक्ति के लिए डॉक्टरी इलाज ही पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
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