डोसा, मोमोज और भी बहुत सारे व्यंजन हैं, जिनका स्वाद बढ़ाने के लिए हम उन्हें गार्लिक चटनी के साथ खाना पसंद करते हैं। गार्लिक यानी लहसुन की तीखी चटनी लोगों को इतना ज्यादा पसंद आती है कि लोग अब इसकी शीशी को डायनिंग टेबल पर रखने लगे हैं। पर शायद आप नहीं जानती कि एक सीमा के बाद लहसुन का सेवन या तीखी गार्लिक चटनी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में और भी विस्तार से।
लहसुन सुपरफूड है और कोविड-19 से मुकाबले के लिए हम वापस इन्हीं जादुई मसालों की ओर लौटे हैं। लहसुन भारतीय रसोई में सबसे आम सामग्री में से एक है। एक हजार से अधिक वर्षों से भारतीय रसोई में इसका अलग-अलग तरह से प्रयोग किया जा रहा है। इसका उपयोग न केवल खाना पकाने के लिए किया जाता है, बल्कि इसके औषधीय गुणों से भी आप वाकिफ होंगे।
लेकिन अगर आप अपने भोजन की कल्पना बिना लहसुन की चटनी के नहीं कर सकते, तो यह चिंताजनक है। खासतौर से अगर आप बाज़ार से पैकेट बंद गार्लिक चटनी खरीद रहे हैं, तो यह आपके लिए और भी ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है। क्योंकि इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए बहुत ज्यादा मिर्च और संरक्षित करने के लिए प्रीजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है।
लीवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि यह खून को साफ करने, फैट पचाने, प्रोटीन को पचाने और हमारे शरीर से अमोनिया (ammonia) को हटाने जैसे विभिन्न कार्य करता है। कई अध्ययनों के अनुसार, यह पाया गया है कि लहसुन में एलिसिन (alicin) नामक एक कम्पाउन्ड होता है, जो बड़ी मात्रा में लेने पर लीवर के नुकसान का कारण बन सकता है।
खाली पेट लहसुन की चटनी का सेवन करने से डायरिया हो सकता है। लहसुन में सल्फर (sulphur) जैसे गैस बनाने वाले कम्पाउन्ड होते हैं, जो दस्त को ट्रिगर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, खाली पेट ताजा लहसुन का सेवन करने से मतली और उल्टी हो सकती है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, लहसुन में कुछ ऐसे कम्पॉउंड होते हैं, जो जीईआरडी (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग) का कारण बन सकते हैं।
अधिक मात्रा में लहसुन की चटनी का सेवन करने पर सांसों से लहसुन की दुर्गंध आ सकती है। सांसों की दुर्गंध का मुख्य कारण इसमें मौजूद सल्फर (sulphur) कंपाउंड होता है।
लहसुन एक प्राकृतिक रक्त पतला करने वाला पदार्थ है, इसलिए हमें रक्त को पतला करने वाली दवाओं जैसे वार्फरिन (warfarin), एस्पिरिन (aspirin), आदि के साथ बड़ी मात्रा में लहसुन की चटनी का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि रक्त को पतला करने वाली दवा और लहसुन की चटनी का संयुक्त प्रभाव खतरनाक है, और यह जोखिम को बढ़ा सकता है।
गर्भवती महिलाओं या स्तनपान कराने वाली माताओं को इस अवधि के दौरान लहसुन की चटनी खाने से बचना चाहिए। यह गर्भवती महिलाओं में प्रसव की पीड़ा को प्रेरित कर सकता है। नर्सिंग माताओं को इससे बचना चाहिए क्योंकि यह दूध के स्वाद को बदल देता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अधिक मात्रा में लहसुन की चटनी खाने से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है और इससे संबंधित कई लक्षण हो सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंवेजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन (vaginal yeast infection) के इलाज के दौरान लहसुन खाने से बचें, क्योंकि यह योनि के टिशू में खुजली पैदा करके यीस्ट इन्फेक्शन को बढ़ा सकता है।
तो लेडीज, इन स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलों से बचने के लिए लहसुन की चटनी का सेवन कम करें।
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