गेहूं का आटा हमारी डाइट का आवश्यक हिस्सा है। यह एनर्जी का रिच सोर्स है और इसमें फाइबर, प्रोटीन, और जरूरी न्यूट्रिएंट्स हैं। इसके नियमित सेवन से स्वास्थ्य में सुधार होता है। रोटी से लेकर पूड़ी, पराठा, प्रसाद और हलवा तक इससे आप कई प्रकार के व्यंजन बना सकते हैं। मगर रोटी के तौर पर तो इसे रोज़ खाया जाता है। हालांकि अब फिटनेस फ्रीक्स इसे वजन बढ़ाने का कारण मान कर इससे परहेज करने लगे हैं। मगर यह पूरी तरह सच नहीं है। अगर आप वेट लॉस के साथ-साथ अपने शरीर का पोषण मेंटेन करना चाहते हैं, तो इसमें कुछ और चीजें मिलाकर इसे और भी ज्यादा हेल्दी बना सकते हैं। मेरी मम्मी अकसर इसमें कुछ सुपरफूड्स एड करके इस मल्टीग्रेन आटे (Multigrain atta at home ) का इस्तेमाल करती हैं।
आजकल लोग चपातियाें के साथ-साथ ब्रेड और पिज्जा बेस के लिए भी मल्टीग्रेन आटा इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन क्या यह वास्तव में इतना लाभकारी है? और अगर हां, तो आप सही मात्रा में मल्टीग्रेन आटा कैसे और कौन से अनाज से यह बना सकते हैं? आज हम यहां इन सभी सवालों के जवाब देने के लिए हैं।
श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में चीफ डायटीशियन प्रिया पालीवाल बताती हैं कि गेहूं के आटे को अधिक पौष्टिक बनाने के लिए आप उसमें चने का आटा, सोयाबीन का आटा, जौ का आटा, रागी का आटा, अलसी पाउडर और मेथी पाउडर मिला सकते हैं।
चने के आटे में प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं जो डाइजेशन में सहायक होते हैं। इससे पेट भरता है और वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है। यह ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है, जो डायबिटीज के लिए लाभकारी है।
चने का आटा कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम कम होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो त्वचा की सेहत में सुधार करते हैं।
घर पर मल्टीग्रेन आटा (multigrain atta at home) तैयार करने के लिए उसमें सोयाबीन जरूर मिलाएं। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद प्रोटीन मांसपेशियों के विकास और मरम्मत में मदद करता है। यह आयरन, कैल्शियम, और विटामिन B का अच्छा सोर्स होता है, जो शरीर की कई जरूरतों को पूरा करता है। इसमें फाइटोस्टेरोल होते हैं, जो हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, खासकर महिलाओं के लिए।
आयरन और कैल्शियम से भरपूर होता है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं और आयरन की कमी दूर होती है। यह धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है और डायबिटीज से बचाता है।
यह ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा सोर्स है, जो दिल की सेहत के लिए लाभकारी है और पाचन को बेहतर बनाता है। फ्लैक्ससीड्स में लिग्नन्स होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करते हैं और शरीर में होने वाले ऐसे एलीमेंट्स से सुरक्षा करते हैं, जो सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं और बीमारियों का कारण बन सकते हैं। ये त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद करते हैं और त्वचा की समस्याओं को कम करते हैं।
ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इस का उपयोग त्वचा के दाग-धब्बों को कम करने और बालों को मजबूत बनाने में किया जा सकता है। इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
वह आगे जोड़ती हैं कि “इन सभी चीजों को गेहूं के आटे में मिलाने से उसका न्यूट्रिएंट्स का स्तर बढ़ता है। गेहूं के आटे में इन अन्य चीजों को मिलाने से डाइट में सुधार होता है और पूरे स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।”
स्टेप 1.सामग्री की तैयारी: सभी अनाज और दालों को अच्छी तरह से धो लें और 2-3 घंटे के लिए भिगो दें। मेथी को भी धोकर अलग रखें।
स्टेप 2.सूखाना: भीगे हुए अनाज और दालों को छानकर एक साफ कपड़े पर फैलाएं और धूप में अच्छे से सूखने दें।
स्टेप 3.भूनना: सूखे हुए अनाज और दालों को एक पैन में हल्का भूनें। इससे स्वाद बढ़ता है और आटा लंबे समय तक ताजा रहता है।
स्टेप 4.पीसना: सभी भुने हुए अनाज और दालों को मिक्सर या आटा चक्की में डालें। इन्हें अच्छी तरह से बारीक पीस लें।
स्टेप 5.फ्लैक्ससीड्स: फ्लैक्ससीड्स को भी भूनकर अन्य सामग्री के साथ मिला कर पीसें।
यह भी पढ़ें – क्या है मड़ुआ की रोटी और इसके फायदे, जो जितिया पर्व में खाती हैं बिहार-झारखंड की महिलाएं