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इस मौसम में बीमार होने से बचाएगा इम्युनिटी बूस्टर कच्ची हल्दी का अचार, जानिए कैसे बनाना है

जाड़े में सबसे अधिक जरूरी होता है इम्युनिटी स्ट्रोंग बनाना। इससे कई तरह के संक्रामक रोगों से बचाव होता है। आइये जानते हैं इम्युनिटी बढ़ाने वाली कच्ची हल्दी के अचार की रेसिपी।
कच्ची हल्दी में एंटी फंगल, एंटी ओक्सिडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। इसके कारण यह कई प्रकार के संक्रामक रोगों से बचाव करता है। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Oct 2023, 10:00 am IST
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अचार का नाम सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है। उसे तुरंत खाने का मन करने लगता है। ऐसा अचार, जो स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो। इन दिनों संक्रमण के कारण कई तरह के बुखार से ग्रस्त होने की खबरें मिल रही हैं। ऐसी स्थिति में इम्यून सिस्टम को स्ट्रान्ग रखना बेहद जरूरी है। इसलिए इस आलेख में हम आपको अचार की ऐसी रेसिपी बताने जा रहे हैं, जो स्वादिष्ट और स्वास्थ्यकर दोनों हैं। कच्ची हल्दी का अचार इम्युनिटी (kachchi haldi ka achar) बढ़ाता है और झटपट तैयार भी हो जाता है।

कच्ची हल्दी का अचार (turmeric pickle) तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्रियां

कच्ची हल्दी –1 कप या 250 ग्राम
सरसों का तेल –2 टेबल स्पून
नमक – स्वादानुसार
लाल मिर्च पाउडर- 1 चौथाई चम्मच
मेथी दाना—1 टेबलस्पून, कुटी हुई
सरसों—1 टेबल स्पून, कुटा हुआ
अदरक- 1 टी स्पून, कतरा हुआ
हींग— 1 चौथाई ती स्पून
नींबू का रस—आधा कप

यहां है कच्ची हल्दी का अचार तैयार करने की विधि (recipe of raw turmeric in Hindi)

सबसे पहले हल्दी को छील लें। फिर इसे अच्छी तरह धो कर छननी में छान लें।
थोडी देर इसे धूप में रख दें। पानी अच्छी तरह सूख जाना चाहिए।
अब हल्दी को कद्दूकस कर लें।
पैन में सरसों तेल गर्म कर लें।
जब तेल ठंडा हो जाये, तो उसमें हींग, कुटी हुई मेथी, कुटा हुआ सरसों, नमक आदि डाल दें।
फिर कद्दूकस की हुई हल्दी को भी अच्छी तरह मिक्स कर लें। इसमें नींबू का रस भी मिला दें। कच्ची हल्दी का आचार तैयार है। इसे 2-3 दिन धूप दिखा दें। शीशे की एयरटाइट जार में रख दें। जब भी खाएं, 1 पिंच हल्दी का अचार भी प्लेट में रखें। अपनी और अपने परिवार की इम्युनिटी बढायें।

जानिए इस मौसम में आपके लिए क्यों फायदेमंद है कच्ची हल्दी का अचार (raw turmeric benefits)

1 कच्ची हल्दी का करक्यूमिन (curcumin compound) है फायदेमंद

कच्ची हल्दी में कर्कयूमिन कंपाउंड मौजूद होता है। यह ब्लड फ्लो को सुचारू करता है और हार्ट हेल्थ को फायदा पहुंचाता है। हालांकि कच्ची हल्दी कैंसर जैसे रोगों का इलाज तो नहीं है। लेकिन इसमें कैंसर और अल्जाइमर से बचाव करने की क्षमता जरूर होती है।

2 एंटी फंगल (anti fungal) और एंटी बैक्टीरियल( anti bacterial) गुण

कच्ची हल्दी में एंटी फंगल, एंटी ओक्सिडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। इसके कारण यह कई प्रकार के संक्रामक रोगों से बचाव करता है। जाड़े के दिनों में हल्दी पाउडर की तुलना में कच्ची हल्दी को अपनी डाइट में शामिल करना अधिक फायदेमंद है। यह चोट, घावों और सूजन को जल्दी ठीक होने में मदद करती है।

3 इम्यून सिस्टम (immune system) होता है मजबूत

कच्ची हल्दी में मौजूद पोषक तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। चित्र : एडोबी स्टॉक

हल्दी में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, विटामिन के, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, फ़ॉस्फोरस, थियामिन, राइबोफ्लेविन आदि भी मौजूद होते हैं। ये सभी तत्व शरीर को मजबूत बनाते हैं और कई तरह के रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।

4 स्किन प्रॉब्लम(skin problem) को दूर करती है

एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण वाली हल्दी स्किन की हर प्रॉब्लम को दूर करने में मदद कर सकती है। यदि एकने, पिम्पल, दाग-धब्बे की समस्या है, तो कच्ची हल्दी का इस्तेमाल कर सकती हैं। कच्ची हल्दी से एलर्जी होने की संभावना भी कम होती है। इसलिए इसका प्रयोग स्किन पर भी किया जा सकता है।

5 गठिया (raw turmeric for Arthritis) से बचाव

कच्ची हल्दी में एंटी इन्फ्लामेट्री गुण होता है। जो आर्थरायटिस के कारण होने वाले सूजन को कम कर सकती है।

कच्ची हल्दी में एंटी इन्फ्लामेट्री गुण होता है। जो आर्थरायटिस के कारण होने वाले सूजन को कम कर सकती है। चित्र शटरस्टॉक।

यदि आपके जोड़ों में किसी प्रकार की सूजन है या दर्द है, तो जाड़े में अपने आहार में कच्ची हल्दी का अचार नियमित रूप से शामिल कर सकती हैं।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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