अमरूद का सीजन शुरू हो चुका है। बरसात और गर्मी में तरह-तरह के फल खाने के बाद अब अमरूद का लुत्फ उठाने की बारी है। अमरूद को न केवल फल के रूप में खाया जाता है बल्कि विभिन्न प्रकार के मीठे व्यंजनों को बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं मीठे के साथ अमरूद से बनी नमकीन चटनी भी सब को काफी पसंद होती है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, अमरूद से बनी खास मिठाई गोइबाड़ा (Goiabada)। ये न केवल आपके त्योहारों में मिठास घोल देगी, बल्कि आपको अमरूद के पोषक तत्व भी देगी।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार अमरूद ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है। इसके साथ ही इन्सुलिन रेजिस्टेंस को भी कंट्रोल करता है। वहीं एक अध्ययन मे अमरूद की पत्तियों से बनी चाय के फायदों के बारे में बताया गया, यह चाय डायबिटीज के मरीजों के ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखती हैं।
पीरियड्स के दौरान महिलाएं क्रैम्प्स से काफी ज्यादा परेशान रहती हैं। वहीं पेट दर्द उनकी नियमित दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित करता है। ऐसे में अमरूद का सेवन इसमें आपकी मदद कर सकता है। इसके साथ ही नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार अमरूद की पत्तियां पीरियड्स पेन में काफी ज्यादा असरदार हो सकती हैं।
अमरूद में पर्याप्त मात्रा में डाइटरी फाइबर मौजूद होते हैं। जो गट हेल्थ के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। इतना ही नहीं यह कॉन्स्टिपेशन जैसी पेट से जुड़ी कई अन्य समस्याओं का भी उपचार हो सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अमरूद का पल्प डाइजेस्टिव हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही यह डायरिया की इंटेंसिटी को भी कम कर सकता हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार अमरूद का सेवन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। अमरूद में एंटी ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा मौजूद होती है, जो कि फ्री रेडिकल्स से होने वाले सेल डैमेज से बचाव का काम करता है।
सेल्स डैमेज कैंसर का एक प्रमुख कारण होता है। पब मेड सेंट्रल द्वरा की गई रिसर्च की मानें, तो अमरूद की पत्तियों से बना तेल भी कैंसर से बचाव में काफी ज्यादा प्रभावी होता है।
अमरूद विटामिन सी का एक बेहतरीन स्रोत है। शरीर में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा इंफेक्शन और बीमारियों की संभावना को कम कर देती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार विटामिन सी इम्यून हेल्थ को बनाए रखता है। विटामिन सी कोल्ड एंड कफ जैसी समस्याओं की अवधि को भी कम कर सकता है। इसमें एंटीमाइक्रोबॉयल बेनिफिट्स होते हैं, जो शरीर में मौजूद बैड बैक्टीरिया और वायरस से फैलने वाले इन्फेक्शन को रोकने का काम करते हैं।
लाल अमरूद
पानी
ब्राउन शुगर
बटर या घी
1 सबसे पहले अमरूद को अच्छी तरह धो लें और इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब इन टुकड़ों को बॉईल कर लें, या अच्छी तरह ब्लेंड कर लें।
2 इसके बाद यदि आप इसे उबाल रहीं हैं, तो उबल जाने के बाद इसका पेस्ट तैयार करें। अगर आपने इसे ब्लेंड किया है, तो ब्लेंड करने के बाद इसे कॉटन के कपड़े या छननी से अच्छी तरह छान लें, ताकि बीज के अंश बाहर आ जाए।
3 अब एक नॉन स्टिक पैन को मध्यम आंच पर चढ़ाएं और उसमें हल्का सा घी लगाएं। अब इस पेस्ट को उसमें डाल कर अच्छी तरह चलाती रहें। ध्यान रहे कि यह नीचे पैन में न चिपके।
4 जब अमरूद के पेस्ट का पानी पूरी तरह सूख जाए, तो इसमें ब्राउन शुगर मिलाएं और इसे वापस से चलाना शुरु कर दें। धीरे-धीरे आपको मिक्सचर की रंगत और कंसिस्टेंसी में बदलाव नजर आएगा।
5 इसे तब तक अच्छी तरह चलाती रहें। जब तक यह खुद कड़ाही के किनारों को नहीं छोड़ने लगे साथ ही इसकी कंसिस्टेंसी भी गाढ़ी हो जाएगी। फिर गैस बंद कर दें।
6 अब एक ट्रे लें उसके नीचे सतह पर घी और मक्खन लगा लें। फिर इस पेस्ट को इसमें निकाल लें और इसे कुछ देर ठंडा होने के लिए छोड़ दें। फिर इसे पतले पतले स्लाइस में काट लें।
7 आपका गोईबाड़ा बनकर तैयार है। यह आसान सी रेसिपी आप सभी को बहुत पसंद आएगी, तो जल्दी से ट्राई करें।
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