अल्कलाइन वाटर या क्षारीय पानी क्षारीय आयनित पानी (alkaline ionized water) के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर नेचुरल वाटर का पीएच 6.5 और 8.5 के बीच होता है। अल्कलाइन वाटर कार्बन डाइऑक्साइड-बाइ कार्बोनेट-कार्बोनेट संतुलन प्रणाली द्वारा नियंत्रित किया जाता है। हाई पीएच वाला यह पानी बोतलबंद रूप में भी उपलब्ध होता है। इसे नेचुरल रूप में भी घरेलू नुस्खे द्वारा तैयार किया जा सकता है। जानते हैं अल्कलाइन वाटर के फायदों (alkaline water health benefits) को।
घुले हुए कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में वृद्धि के कारण पानी का पीएच कम हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप पानी अम्लीय हो जाता है। इसके विपरीत कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम होने से पानी का पीएच बढ़ जाता है। इस प्रकार क्षारीय पानी (Alkaline Water) तैयार होता है। पाइप लाइन से ही पानी हमारे घरों तक पहुंचता है। पानी का पीएच कोरोसिविटी ( corrosivity) का निर्धारण करता है।
यह मूल रूप से यह मापता है कि मेटल पानी पर कितना बुरा प्रभाव डालता है। कोरोसिविटी पानी में मेटल खासकर कॉपर और लेड को घोलने की क्षमता होती है। इसके बाद पीने के पानी में मेटल की सांद्रता (metal concentration) बढ़ जाती है। इससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
7 से कम पीएच वाला अम्लीय पानी क्षारीय पानी की तुलना में अधिक कोरोसिव (Corrosive) होता है। पीएच बढ़ाने के लिए पानी को क्षारीय रसायनों से ट्रीट किया जाता है। वाटर इलेक्ट्रोलिसिस की प्रक्रिया से अल्कलाइन वाटर बनाया जा सकता है। चट्टानों के बीच से बहने वाला प्राकृतिक पानी भी मेटल एकत्र करता है। यह प्रकृति में क्षारीय हो जाता है।
यह फ्री रेडिकल्स खत्म कर मेटाबोलिज्म विकार में सुधार लाता है। इससे ब्लड में ग्लूकोज, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में कमी आती है। यह पैंक्रिअटिक बीटा सेल को ऑक्सीडेटिव क्षति से भी बचाता है। यह कोलेस्ट्रॉल होमियोस्टैसिस को नियंत्रित करके वजन कम करता है।
क्षारीय पानी मेलामाइन के उत्सर्जन को तेज करता है और यूरिन में इसके जमा होने बचाव करता है। इससे यूरिन स्टोन से बचाव होता है।
पीएच अधिक होने के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट विकारों, जैसे गैस्ट्रिक हाइपर एसिडिटी, डायरिया आदि के इलाज के लिए एक अच्छा विकल्प बनाती है।
इस पानी से नहाने से त्वचा संबंधी समस्याओं में भी सुधार होता है। यह प्रो और एंटी-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स के बीच संतुलन बनाए रखकर यूवी विकिरण से जुड़ी त्वचा की क्षति को कम कर सकता है।
डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार, 10 से अधिक पीएच वाला अल्कलाइन वाटर त्वचा और आंखों में जलन पैदा कर सकता है। वाटर इलेक्ट्रोलिसिस की प्रक्रिया के दौरान इलेक्ट्रोड के क्षरण से अत्यधिक प्रतिक्रियाशील प्लैटिनम नैनो कण भी उत्पन्न हो सकते हैं। इसके विषाक्त प्रभाव भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक रूप से तैयार किये गये अल्केलाइन वाटर स्वास्थ्य के लिए बढ़िया साबित हो सकते हैं।
एक मिट्टी के बर्तन में 5-6 ग्लास पानी लें। नींबू को आधा काट लें। नींबू के आधे हिस्से के रस को पानी में मिला लें। दूसरे आधे हिस्से को पतला-पतला काटकर पानी में मिला दें। इसमें खीरे के भी स्लाइस काटकर डाल दें। कुछ घंटों बाद आपका अल्कलाइन वाटर तैयार हो गया। यह पानी आपको सुपर चार्ज कर देगा और आपको अल्कलाइन वाटर के फायदे देगा। नींबू और खीरा क्षारीय खाद्य पदार्थ हैं।
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कस्टमाइज़ करेंनींबू और खीरा के ड्रिंक के अलावा तरबूज, खरबूजा, आम, पपीता, कीवी, अंगूर, नाशपाती भी अल्कलाइन नेचर के होते हैं। यदि आप एसिडिटी से पीड़ित हैं, तो नारियल पानी राहत दे सकता है। यह भी क्षारीय गुणों वाला होता है। यह पीएच संतुलन को बढ़ावा दे सकता है।
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