इमली अपने खट्टे और चटपटे स्वाद को लेकर काफी ज्यादा प्रचलित है। वहीं इसका इस्तेमाल तरह तरह के व्यंजनों के स्वाद में चटपटापन लाने के लिए किया जाता है। आपको बताएं की इमली न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि सेहत के लिए भी उतनी ही फायदेमंद होती है (benefits of tamarind)। इसमें कई ऐसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिनका सेवन समग्र सेहत को बनाये रखने में मदद कर सकता है। अब आप सोच रही होंगी की आखिर लोग इमली खाने से क्यों मना करते हैं! तो आपको बताएं की इमली को हमेशा एक सिमित मात्रा में लेना चाहिए। जरुरत से ज्यादा इमली का सेवन शरीर पर कुछ साइड इफ़ेक्ट छोर सकता है साथ ही इसे खाने के सही समय और तरीके की जानकारी होना भी जरुरी है।
तो आज हेल्थशोट्स आपके लिए ले कर आया है इमली से जुड़े कुछ जरुरी फैक्ट्स। आज जानेंगे इसके फायदे और साथ ही जानेंगे इसे खाते वक़्त किन बातों का रखना है खास ध्यान।
जर्नल ऑफ़ अपीलड रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी द्वारा इमली के पोषक तत्वों को लेकर प्रकाशित डेटा के अनुसार चटपटी इमली कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है। यह विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन के, विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन बी 5, राइबोफ्लेविन, थायमिन, नियासिन और फोलेट से युक्त होती है।
इसके साथ ही इसमें कोलाइन, बीटा कैरोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, सेलेनियम, फैटी एसि, ट्रिप्टोफैन, लाइसिन और मेथिओनाइन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। यह सभी आपके समग्र सेहत को बनाये रखने में मदद कर सकती हैं।
इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटिफंगल, एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज और एनथेलमिंटिक इफ़ेक्ट (आतों के कीड़ो को मारना) पाए जाते हैं। इसके साथ ही यह एंटीवायरल एजेंट की तरह काम करता है।
वहीं इसमें कई अन्य इफ्फेक्ट भी मौजूद होते हैं जैसे की कार्मिनेटिव ((गैस से राहत दिलाता है), लैक्सेटिव (कब्ज ठीक करता है), एक्सपेक्टोरैंट इफ़ेक्ट (गले से बलगम को साफ करने में मदद करता है)। साथ ही यह ब्लड टॉनिक की तरह काम करता है। इतना ही नहीं इसमें एंटी अलसर, एंटी डायबिटिक, एंटी पैरेटिक और एंटी अस्थमैटिक प्रॉपर्टी भी मौजूद होती है।
इमली में मौजूद फ्लेवोनोइड्स, कैरोटीन,विटामिन सी,और विटामिन बी इम्मुनिटी को मजबूती देने में मदद करती हैं। वहीं यह सभी पोषक तत्व एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हुए शरीर को फायदे देते हैं।
इमली का सेवन दिल की सेहत को बनाये रखने में मदद करता है। कई स्थति में ब्लड वेसल के ऊपरी दीवारों पर फैट का जमाव हो जाता है ऐसे में दिल के प्रभावित होने की सम्भावना बनी रहती है। इमली पोटेशियम का एक बेहतरीन स्रोत है, यह हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मदद करता है। इमली में कैरोटीन की मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बनाये रखती हैं।
इमली में भरपूर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होती है। वहीं यह शरीर में आयरन की को बनाये रखने में मदद करती हैं। साथ ही आयुर्वेद में इमली को ब्लड टॉनिक के रूप में जाना जाता है। ब्लड टॉनिक एक प्रक्रिया है जो ब्लड सेल्स प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद करती हैं। इसी प्रकार यह एनीमिया की स्थिति में फायदेमंद होती है।
इमली के बीज को डायबिटीज की स्थिति में फायदेमंद माना जाता है। वहीं आयुर्वेद में डायबिटीज की दवाइयों को बनाने में इसके बीज का इस्तेमाल सालो से होता चला आ रहा है। इसके बीज में एंटी-इनमेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है और यह शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित्र रखने में मदद करते हैं।
इमली त्वचा के संक्रमण, फोड़े और अन्य समस्यायों में सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसमें एक कंपाउंड मौजूद होता है जिसे सनस्क्रीन को बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही यह इम्युनोप्रोटेक्शन के तौर पर काम करता है और युवी रे से होने वाले डैमेज से बचाव में मदद करता है।
इसकी कच्ची फली को सीधा खाना काफी फायदेमंद माना जाता है। परन्तु स्वाद में जरुरत से ज्यादा खट्टा होने के कारन सभी इसे कच्चा नहीं खा पाते।
इमली को पेस्ट के रूप में अलग अलग व्यंजनों को बनने में इस्तेमाल कर सकती हैं।
इमली का इस्तेमाल चटनी बनाने और अन्य चटनियों के स्वाद में चटपटापन लाने के लिए भी किया जाता है।
अन्य व्यंजनों को पकाने में इमली के गुद्दे या मीठे इमली के सिरप का उपयोग कर सकती हैं।
आप इसे व्यंजनों में खट्टापन लाने के लिए नींबू की जगह इस्तेमाल कर सकती हैं।
इमली का सेवन करते वक़्त सबसे जरुरी है इसकी मात्रा का ध्यान रखना। अधिक मात्रा में इमली का सेवन आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होने की जगह नुकसानदेह हो सकता है।
गर्भवती या स्तनपान करवाने के दौरान इसके सेवन से परहेज रखें। यदि आप इसे लेना चाहती हैं तो पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें।
इमली ब्लड शुगर लेवल को तेजी से कम करता है ऐसे में निर्धारित सर्जरी से कम से कम 2 हफ्ते पहले से इमली के बीज और इससे बने पदार्थों से पूरी तरह परहेज रखने की कोशिश करें।
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