राई अर्थात नीवारिका (Rye) गेहूं की प्रजाति का एक अनाज है, जिससे आमतौर पर ब्रेड आदि तैयार की जाती हैं। यह गेहूं की तरह गुच्छों में उपजता है। इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। खासकर इसकी ऊपरी परत यानी छिलका विटामिन और मिनरल्स का भंडार होता है। यह उन सर्वोत्तम अनाजों में से एक है, जो आपके पाचन और ब्लड शुगर दोनों के लिए फायदेमंद है। आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण अनाज के बारे में सब कुछ।
मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा कहती हैं, “पोषक तत्वों का भंडार होने के बावजूद बहुत सारे लोग इसके बारे में नहीं जानते। और वे इसके लाभों से वंचित रह जाते हैं। जबकि राई ग्रेन जिसे हिंदी में नीवारिका भी कहा जाता है, पाचन तंत्र के लिए एक बेहतरीन खाद्य विकल्प है।”
नीवारिका (Rye) एक प्रकार की घास है, जो गेहूं के परिवार (Triticeae) का सदस्य है। यह गेहूं की तरह गुच्छे में उपजता है। नीवारिका के दाने आटा, ब्रेड, बीअर, ह्विस्की, वोडका एवं जानवरों के चारे के लिये प्रयोग किए जाते हैं। इसे गेहूं से अधिक पौष्टिक माना जाता है।
नीवारिका (Rye) आपके पाचन तंत्र को अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद कर सकती है। साबुत अनाज उत्पाद के रूप में, राई मेटाबोलाइट्स नामक केमिकल्स के स्तर को कम करने में मदद करती है।
मेटाबोलाइट्स के कम स्तर का मतलब है, भोजन पाचन तंत्र से अधिक कुशलता से गुजरता है। यह कोलोरेक्टल कैंसर सहित विभिन्न पाचन संबंधी समस्याओं के जोखिम को कम कर सकते हैं।
राई में पर्याप्त मात्रा में सॉल्युबल फाइबर पाया जाता है, इसलिए अन्य लोकप्रिय अनाजों की तुलना में इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम होता है। राई का सेवन डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। नीवारिका (Rye) में सॉल्युबल फाइबर पाए जाते हैं, जो टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में आपकी मदद करते हैं।
राई आपके वजन को नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन में, राई-आधारित आहार खाने वाले चूहों के वजन को कम पाया गया, वहीं उनमें गेहूं-आधारित आहार खाने वाले चूहों की तुलना में बॉडी फैट कम था।
राई का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है, यह “अच्छे” एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जो आपके शरीर को “खराब” एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को साफ करने में मदद करते हैं। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की अधिकता आर्टिरीज को ब्लॉक कर सकती है, वहीं यह हृदय रोग का कारण बन सकता है। राई के लाभों की पुष्टि करने के लिए और अधिक अध्ययनों की आवश्यकता है।
इतना ही नहीं राई आपके शरीर को ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद करती है। बहुत अधिक सोडियम ब्लड वेसल्स की दीवारों पर दबाव डाल सकते हैं, लेकिन राई के गुच्छे में मौजूद पोटेशियम रक्त में अतिरिक्त सोडियम से छुटकारा पाने में मदद करता है। यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर देता है।
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राई के आटे में नियमित ब्रेड की तुलना में 30% अधिक आयरन, दोगुना पोटेशियम और तीन गुना अधिक सोडियम होता है। राई की रोटी एनीमिया के लिए सबसे अधिक अनुशंसित खाद्य पदार्थों में से एक है। सबसे बढ़कर, इसमें कई महत्वपूर्ण विटामिन पाए जाते हैं। एंडोस्पर्म राई के दानों की बाहरी परत, गेहूं की तरह, मिनरल्स और विटामिनों से भरपूर होती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार नीवारिका (Rye) के बीजों में पॉलीफेनॉल्स होते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि होती है। इस प्रकार राई का सेवन एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता प्रदान करते हुए बॉडी को ऑक्सीडेटिव डैमेज से प्रोडक्ट करता है।
ब्रेकफास्ट में राई को शामिल करने का सबसे अच्छा तरीका है, कि आप इसे ओट्स के साथ पानी में गाढ़ा होने तक पकाएं। उसके बाद इसमें अपनी पसंदीदा ड्राई फ्रूट्स, बेरीज और अन्य हेल्दी एडिशिव्स डालकर इसे एंजॉय करें।
आप राई को अपनी सूप में ऐड कर सकती हैं।
सलाद में इसे खाना फायदेमंद साबित होगा।
राई के आटे को अपनी नियमित चपाती के आटे में ऐड कर सकती हैं।
राई के आटे से ब्रेड, पैन केक, मफिन आदि तैयार करना भी एक अच्छा आईडिया है।
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