अगर आप रिफाइंड कार्ब्स (Refined Carbs) या प्रोसैस्ड कार्ब्स से भरपूर फूड्स खाने के शौकीन हैं, तो सावधान हो जाइए। यह खाने में भले ही बेहद टेस्टी और आसानी से पचने वाला आहार हो। लेकिन आपकी हेल्थ के लिए यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। आपको बता दें कि आजकल बाजार में मिलने वाले जितने जंक फूड (Junk food) है सभी रिफाइंड कार्ब्स से भरे होते हैं।
एक्सपर्ट का मानना है कि चिप्स, फ्रेंच फ्राइज या दूसरे जंक फूड इंसुलिन लेवल को बढ़ाने का काम करते हैं। रिफाइंड कार्ब्स युक्त खाना हार्ट डिजीज, मोटापा और दूसरी बीमारियों के होने की संभावना कई गुना बढ़ा देता है। यही वजह है कि विभिन्न जंक फूड सेहत के लिए हानिकारक माने जाते हैं। तो आइए जानते हैं रिफाइंड कार्ब्स युक्त आहार से किन बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है।
कई चीजें हैं जो रिफाइंड कार्ब्स से भरी होती है। इनमें बिस्कुट, पास्ता, मिठाइयां, केक, पेस्ट्री, सफेद चावल, एनर्जी ड्रिंक, सफेद ब्रेड, मिल्क पाउडर, वेफर, स्नैक्स, मैदा, सफेद चीनी, चुरोस, सोडा, फ्राइड फूड आदि शामिल हैं।
रिफाइंड कार्ब्स जितना अधिक सेवन करेंगे उससे सिर्फ पेट की चर्बी में इजाफा होगा। बढ़ते फैट का मतलब है कई तरह की बीमारियों को दावत देना। वहीं, पेट में जमा चर्बी के कारण मानसिक सेहत भी बिगड़ सकती है। तनाव का स्तर बढ़ने का असर आपकी सेहत पर पड़ता है।
इस तरह के फूड्स रक्त में ग्लूकोज लेवल काफी बढ़ा देते हैं। दरअसल, रिफाइंड कार्ब्स में ग्लाइसेमिक इंडेक्स उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में रिफाइंड कार्ब्स फूड्स का सेवन करने से ज्यादा से ज्यादा भूख लगती है। इस वजह से अत्यधिक खाने में आता और मोटापा बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
जैसा कि हमने आपको बताया कि रिफाइंड कार्ब्स फूड्स के सेवन से रक्त में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है। नतीजतन, इससे पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन शुरू हो जाता है। जो इंसुलिन रेजिस्टेंस पैदा करते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण पैंक्रियाज इंसुलिन का ठीक से निर्माण नहीं कर पाता है। इससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि रिफाइंड कार्ब्स फूड्स के लगातार सेवन से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादातर लोग स्वादिष्ट होने की वजह से ही रिफाइंड कार्ब्स युक्त फूड्स का सेवन करते हैं। हालांकि, इस तरह के फूड्स में किसी तरह के पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं। जबकि इसमें अत्यधिक मात्रा में कैलोरीज होती है। जो मोटापा बढ़ा सकता है। एक्सपर्ट का मानना हैं कि इस तरह के फूड में विटामिन, फाइबर और दूसरे तत्व प्रोसेसिंग के दौरान नष्ट हो जाते हैं।
एक तरफ इस तरह के फूड में अत्यधिक मात्रा में कैलोरीज होती है। वहीं, विटामिन, फाइबर समेत दूसरे पोषक तत्वों की कमी होती है। इस वजह से बार-बार भूख लगती है या यूं कहे कि रिफाइंड कार्ब्स से भूख शांत नहीं हो पाती है। इससे ज्यादा खाने-पीने की चीजें आती है। लिहाजा, वही मोटापा बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
इस तरह के फूड्स में स्वाद बढ़ाने के लिए ज्यादा नमक का उपयोग किया जाता है। इस वजह से ब्लड प्रेशर अत्यधिक बढ़ जाता है। वहीं, ज्यादातर रिफाइंड कार्ब्स तला हुआ होता है, इस कारण यह कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है। यही वजह है कि इस तरह के फूड से हार्ट डिजीज की संभावना बढ़ सकती है।
रिफाइंड कार्ब्स फूड के सेवन हार्ट डिजीज के साथ कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है। दरअसल, इनके सेवन से शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ जाती है। इस वजह लोग अधिक तनाव लेने लगते है। नतीजतन, डीएनए म्यूटेशन ट्रिगर की आशंका बढ़ जाती है जो शरीर में कैंसर प्रोटीन का निर्माण शुरू कर देते हैं।
जानी मानी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मेधावी अग्रवाल का कहना हैं रिफाइंड कार्ब्स या प्रोसेस्ड कार्ब्स के सेवन से बच्चों में सांस संबंधित बीमारी बढ़ सकती हैं। इससे अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह का फूड अगर बच्चे हफ्ते में तीन बार भी करते हैं, तो सांस की बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। वे कहती हैं कि यदि बच्चे फ्रेंच फ्राइज जैसे जंक फूड का सेवन करते हैं तो इससे सिरदर्द की समस्या हो सकती है। दरअसल, इस तरह के जंक फूड में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है।
यह भी पढ़ें: जी हां, मैदा है आपका वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार, आज ही से छोड़ दें मैदा युक्त ये खाद्य पदार्थ
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।