ब्रेकफास्ट फूड्स को लेकर लोग अक्सर कंफ्यूज रहते हैं। वे खाने में ऐसी रेसिपीज़ को जोड़ना चाहते हैं। जो पौष्टिक भी हो और वज़न बढ़ने की समस्या भी हल हो सके। अगर आप भी किसी ऐसे ही विकल्प की तलाश में हैं, तो क्विनोआ आपकी समस्या का हल कर सकता है। प्रोटीन, फाइबर और कार्ब्स से युक्त क्विनोआ में विटामिन्स और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जो शरीर में कैलोरीज़ जमा होने की प्रॉब्लम को सॉल्व कर देता है। इसे खाने के देर तक आपको भूख का एहसास नहीं होता है। जानते हैं क्विनोआ वेटलॉस (Quinoa for weight loss) के अलावा किस तरह है आपकी सेहत के लिए फायदेमंद।
इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि क्विनोआ ग्लूटन फ्री होता है और इसमें फाइबर की भी भरपूर मात्रा होती है। जो पचाने में आसान होता है। इसे खाने के बाद लंबे वक्त तक भूख भी नहीं लगती है। ये वेटलॉस में मददगार साबित होता है। साथ ही डाइबिटीज़ के मरीजों को भी अपनी डाइट में इसे शामिल करना चाहिए। इसके सेवन से शरीर में ग्लोकोज़ के स्तर और लिपिड प्रोफाइल में भी गिरावट दर्ज होती है।
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आप हेल्दी वेटलॉस के लिए ऑप्शन चुन रही हैं, तो क्विनोआ का सेवन बेहद लाभप्रद साबित होता है। ये प्रोटीन का एक रिच सोर्स है। जो एपिटाइट को मैनेज करता है। एनसीबीआई के अनुसार प्रोटीन से हमारे शरीर को 9 अमीनो एसिड मिलते हैं। जो खाने को डाइजेस्ट करने में मदद करते है। इस लो कैलोरी फूड से बार बार होने वाली क्रेविंग्स कम हो जाती हैं।
यूएसडीए के अनुसार क्विनोआ में ब्राउन राइज़ और येलो कॉर्न से ज्यादा फाइबर पाया जाता है। इसमें पाया जाने वाला इन्सॉल्यूबल फाइबर डाइबिटीज के रिस्क को कम कर देता है। एक्सपर्ट का कहना है कि नियमित मात्रा में क्विनोआ का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित होने लगता है। साथ ही हाइपरटेंशन के जोखिम को भी कम कर देता है।
क्विनोआ को आप भूनकर, पकाकर या बॉइल करके किसी भी प्रकार से खा सकते हैं। इसमें पाया जाने वाला फासफोरस और जिंक बोन हेल्थ को मज़बूत बनाते हैं। इससे शरीर में आस्टियोपिरोसिस के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके अलावा बार बार थकान होने की समस्या को दूर करके शरीर में ऊर्जा शक्ति को बनाए रखने में भी मदद करता है।
इसमें पाई जाने वाली कॉपर की मात्रा शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद पोटेशियम हार्ट बीट बढ़ने की समस्या को भी हल कर देता है। इसके रोज़ाना सेवन से शरीर में गुड कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ने लगता है। जो हृदय संबधी परेशानियों को हल करने में मदद करता है।
क्विनोआ को पकाने से पहले अच्छी तरह से धोएं। दरअसल, क्विनोआ पर मौजूद सेपोनिन तत्व पानी के साथ बह जाता है। अगर आप बिना वॉश किए इसका प्रयोग करते हैं, तो ये पाचनतंत्र से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।
फाइबर से भरपूर होने के कारण क्विनोआ से तैयार किसी भी व्यंजन को ब्रेकफास्ट या लंच में ही खाएं। ताकि आसानी से पच सके। अन्यथा पाचन में दिक्कत होती है।
इस सुपरफूड को ओवरइट करने से भी बचें। इससे मेटाबॉलिज्म गड़बड़ा जाता है। जो हैवीनेस का कारण भी बन सकता है।
इसके अलावा क्विनोआ को खाना अगर आप शुरू कर रहे हैं, तो पहले उसकी कम क्वांटिटी लें। फिर धीरे धीरे बढ़ाएं। इससे आपका डाइजेस्टिव सिस्टम आसानी से वर्क कर पाएगा।
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कस्टमाइज़ करेंक्विनोआ के विकल्प के तौर पर आप ओट्स, दलिया और होल ग्रेन को भी चुन सकते हैं।
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