जीवनशैली में आने वाले बदलाव और तनाव का स्तर बढ़ने से लोगों में हाइपरटेंशन की समस्या का जोखिम बढ़ने लगा है। ऐसे में ब्लड प्रेशर को नियमित बनाए रखने के लिए लोग कई प्रकार की दवाओं का सेवन करते है। दवाओं के अलावा खुद को सेहतमंद बनाए रखने के लिए आहार में पोषण की उचित मात्रा का होना आवश्यक है। प्रोबायोटिक्स में पाए जाने वाले गुड बैक्टीरिया शरीर को हेल्दी रखते हैं और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत मिलती है। ऐसे में आहार में प्रोबायोटिक्स को शामिल करके ब्लड प्रेशर की समस्या से बचा जा सकता है। जानते हैं कि किन प्रोबायोटिक्स को आहार में शामिल करके हाइपरटेंशन से बचा जा सकता है (foods to control bp)।
अमेरिकन सोसायटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी के एक शोध के अनुसार 29 चूहों ने प्रोबायोटिक्स का सेवन किया और उनका ब्लड प्रेशर कम हुआ। अध्ययन से पता चला है कि बिफीडोबैक्टीरियम लैक्टिस और लैक्टोबैसिलस रामनोस, जैसे दो प्रोबायोटिक उपभेद दही और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैंं। इससे ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती हैं।
इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि प्रोबायोटिक्स माइक्रोऑर्गेनिज्म यानि जीवित सूक्ष्मजीव होते हैं, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं। ये फरमेंट किये गये खाद्य पदार्थों में मौजूद होते हैं। दही, अचार, छाछ, ढ़ोकला और किमची समेत कई खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं।
कैल्शियम से भरपूर दही में प्रोबायोटिक्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है। दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद कैथ्लशयम शरीर में ब्लड फ्लो को नियमित करता है, जो हाई ब्लडप्रेशर के जोखिम को कम करने में मदद करता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार वे महिलाएं, जो सप्ताह में 5 बार दही का सेवन करती हैं। उनमें हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होने लगता है। दरअसल, इसमें मौजूद पोटेशियम शरीर में सॉल्ट की मात्रा को नियंत्रित रखता है।
शरीर को डिटॉक्सिफाइ करने के लिए चुकंदर से तैयार कांजी का सेवन फायदेमंद साबित होता है। इस प्रोबायोटिक पेय पदार्थ से शरीर हाइड्रेट रहतर है। चुकंदर, गाजर और आंवला को मिलाकर तैयार की जाने वाली कांजी से शरीर में रेड ब्लड सेल्स बनने लगते हैं और इसमें नेचुरल नाइट्रेट् पाया जाता है। इससे शरीर में हाई ब्लड प्रेशर की संभावना कम हो जाती है और कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को फायदा मिलता हैं।
वे लोग जो हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं, उन्हें ढ़ोकले का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद मैग्नीशियम की मात्रा ब्लड वेसल्स को मज़बूती प्रदान करते हैं। इसे बनाने के लिए बैटर को पहले फर्मेंटिड किया जाता है और उसके बाद इसे तैयार किया जाता है। वे लोग जो वज़न बढ़ने की समसया से जूझ रहे हैं। उनके लिए भी ढ़ोकला बेहतरीन विकल्प है।
अचार को तैयार करने के लिए नमक और कई मसालों का प्रयोग किया जाता है, जिससे अचार फर्मेटिड हो जाता है। इससे शरीर में गुड बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। साथ ही शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद मिलती है। पोषक तत्वों से भरपूर अचार का सेवन कम मात्रा में करें। अन्यथा शरीर को नुकसान पहुचा सकता है।
छाछ के सेवन से शरीर हाइड्रेट रहता है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स गट हेल्थ को मज़बूत बनाए रखते हैं। इसके सेवन से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित मात्रा में होता है, जो हृदय संबधी समस्याओं के खतरे को कम कर देता है। इस फर्मेंटेड फूड में विटामिन, मिनरल, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन की मात्रा पाई पाती है। इसे खाली पेट पीने से हेल्दी बैक्टीरिया शरीर को मिलते है, जो डाइजेशन को हेल्दी बनाते हैं।
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