देर रात तक पार्टी हो या वेब सीरिज देखना, मज़ा तो आता है। पर इसकी सज़ा आपके पेट को मिलती है गड़बड़ पाचन तंत्र के रूप में। कब्ज, मल त्याग में परेशानी, ब्लॉटिंग और गैस्ट्रिक समस्याएं हमारी खराब जीवनशैली के कारण हैं। पर इन समस्याओं को हेल्दी डाइट से दूर किया जा सकता है। और इसके लिए आपको किसी फैंसी डाइट की जरूरत नहीं है। बस आलूबुखारा को अपने आहार में शामिल करें और फर्क देखें। विभिन्न शोधों में यह सामने आया है कि आलूबुखारा आपकी स्किन के लिए ही नहीं, बल्कि आपके पाचन तंत्र के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
आलूबुखारा (plum) का नाम सुनकर मुंह में पानी आया कि नहीं? यह एक रसदार खट्टा-मीठा मौसमी फल है, जिसे आपने कभी न कभी जरूर खाया होगा। इसे फल के तौर पर खाने से लेकर कई हेल्दी व्यंजन बनाने तक, किसी भी तरह से ग्रहण किया जा सकता है। पर क्या आप जानती हैं कि यह स्वादिष्ट फल आपके पेट के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है? खासतौर से अगर आप कब्ज से पीड़ित हैं, तो आलूबुखारा आपकी सुबह आसान बना सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे आलूबुखारा पेट से संबंधित विकार जैसे- भूख की कमी, बदहजमी को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है।
कब्ज (Constipation) से निजात दिलाने में उपयोगी आलूबुखारा कई पोषक तत्वों का स्रोत है। आलूबुखारा (plum) को सुखाने के बाद यह प्रून (prune) के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। प्लम और प्रून दोनों ही पोटेशियम (potassium), मैग्नीशियम (magnesium), फॉस्फोरस (phosphorus), जैसे खनिजों से भरपूर हैं। इतना ही नहीं इसमें विटामिन ए (vitamin A), विटामिन सी (vitamin C) , विटामिन बि6 (vitamin B6) और विटामिन ई (vitamin E) जैसे पौष्टिक तत्व भी पाए जाते हैं।
5000 साल पुरानी भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में भी आलूबुखारा को उसके औषधीय गुणों के कारण खास स्थान दिया गया है। इसका टैक्स्चर कोमल होता है और यह आंतों में चिकनाहट पैदा करता है। जिससे आपको मल त्याग में आसानी होती है और कब्ज से निजात मिलती है।
आलूबुखारा शरीर की खुजली को दूर करता है तथा प्यास को रोकता है। आयुर्वेद में आलूबुखारा फल, आलूबुकारा के पत्ते और आलूबुखारा के बीज का तेल को भी लाभकारी बताया गया है। जिन्हें अलग-अलग बीमारियों को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके सेवन से शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ती है। जिससे हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का जोखिम कम होता है।
आलूबुखारा में हाई फ़ाइबर और एंटीऑक्सीडेन्ट होते हैं, जिससे आपका पाचन स्वस्थ रहता है। यह ऐसे पदार्थ हैं जो फ्री रेडिकल्स (free radicals) से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। प्लम ऑक्सीडेटिव तनाव के जोखिम को कम कर सकता है। यह आपके मेटाबॉलिज़्म को मजबूत करके कब्ज से राहत देता है।
कैसे करें सेवन: आलूबुखारा को ईवनिंग स्नैक्स के तौर पर इस्तेमाल करना, आपको कब्ज से राहत दिला सकता है। हर रोज़ आप मुट्ठी भर आलूबुखारे खा सकती हैं। इसके अलावा आप चाहें तो प्रून के रूप में इसके सूखे फल का भी सेवन कर सकती हैं।
आलूबुखारा आपके शरीर को फ्री रेडिकल्स से छुटकारा पाने और कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर को रोकने में कारगर है। इससे यह हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बैड कोलेस्ट्रॉल के नाम से भी जाना जाता है। आलूबुखारा के फायदे में एक फायदा यह है कि यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। आलुबुखारे में आयरन की मात्रा होती है, जो ब्लड सेल्स के निर्माण में मदद करती है। इसमें पोटेशियम होने से शरीर के सेल्स मजबूत होते हैं और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।
इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस, कॉपर, मैग्नीशियम और फाइबर मौजूद होते हैं। जिससे यह 30 के बाद होने वाले हड्डियों के नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। यानी ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) जैसी स्थितियों के जोखिम को कम कर सकता है आलूबुखारा। मोनोपॉज की उम्र के करीब पहुंच रहीं महिलाओं को आलूबुखारा को जरूर अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। ताकि वे स्वयं को ओस्टियोपोरेसिस से बचा सकें।
ढेर सारा काम, जूम मीटिंग और टार्गेट अचीव करने की भागदौड़, ये बहुत सारे कारक हैं जो आपकी मेमोरी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। अगर आप भी इन दिनों बहुत कुछ भूलने लगी हैं, तो यह संकेत है कि आपको अपनी डाइट में आलूबुखारा जरूर शामिल करना चाहिए।
तो लेडीज, इस स्वादिष्ट फल के इतने फायदे जानकर आप भी झटपट करें इसे अपनी डाइट में शामिल।
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