रस से भरपूर हरे रंग का बल्ब के आकार का फल नाशपाती गर्मियों के मौसम में बाजारों में खूब बिकता है। ये फल न केवल देखने में खूबसूरत है, बल्कि इसके सेवन से शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है। गर्मी के दिनों में अक्सर लोग पेट दर्द, ब्लोटिंग, अपच और कब्ज का सामना करते है। ऐसे में अपने पाचन को मज़बूत करने के लिए नाशपाती बेहद कारगर विकल्प है। जानते हैं कि कैसे पोषण से भरपूर नाशपाती गट हेल्थ (pear for gut health) को पहुंचाती है फायदा।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार नाशपाती का सेवन करने से शरीर को पॉलीफेनोल और एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है। इससे ऑक्सीडेटिव तनाव कम हो जाता है। इसमें पाई जाने वाली घुलनशील और अघुलनशील फाइबर की मात्रा बॉवल मूवमेंट को नियमित बनाए रखने में मदद करता है। यूएसडीए की रिसर्च के अनुसार रोज़ाना एक मीडियम साइज़ नाशपाती का सेवन करने से शरीर को 6 ग्राम फाइबर की प्राप्ति होती है, जो दिनभर की 21 फीसदी फाइबर की पूर्ति करता है।
इस बारे में डायटीशियन प्रिया पालन बताती हैं कि नाशपाती (benefits of pear) के सेवन से शरीर को फाइबर के अलावा विटामिन सी, केऔर पोटेशियम की प्राप्ति होती है। साथ ही मैग्नीशियम, जिंक और मैंगनीज जैसे मिनरल्स भी मिलते है। इसके नियमित सेवन से शरीर को फाइटोकेमिकल्स (phytochemicals) की प्राप्ति होती है। इसे पाचनतंत्र (tips to boost digestion) सुचारू बना रहता है। इसके सेवन से पेट संबधी समस्याओं को दूर करने के लिए हृदय संबधी समस्याओं और अर्थराइटिस की समस्या को भी दूर किया जा सकता है। इसे सैलेड, पुडिंग या स्मूदी में मिलाकर पी सकते हैं।
आहार में नाशपाती को शामिल करने से शरीर को पेक्टिन नाम के सॉल्यूबल फाइबर की प्राप्ति होती है, जिससे डाइजेशन स्लो हो जाता है और गट हेल्थ मज़बूत होने लगती है। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार 80 लोगों पर 4 सप्ताह पर एक स्टडी की गई। इसमें उन्हें रोज़ाना 24 ग्राम पेक्टिन प्रदान किया गया। इससे प केवल गट बैक्टीरिया में सुधार आया बल्कि कब्ज की समस्या हल हो गई।
विटामिन और मिनरल्स के अलावा नाशपाती में प्रीबोयाटिक्स पाए जाते हैं, जिससे माइक्रोबायोम संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। आंत में गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती है, जिसके चलते बॉवल मूवमेंट नियमित बना रहता है। इस लो कैलोरी फूड से इनटेसटाइनल हेल्थ की मज़बूती के साथ कोलन कैंसर का जोखिम कम होने लगता है।
वेटलॉस के लिए भी नाशपाती बेहद फायदेमंद है। इस लो कैलोरी फूड में फाइबर और पानी की उच्च मात्रा पाई जाती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की साल 2008 की रिपोर्ट के अनुसार 10 सप्ताह तक महिलाओं में रोज़ाना 3 नाशपाती का सेवन किया। जांच में पाया गया कि महिलाओं का 1.9 पाउंड वज़न कम हुआ। नाशपाती का सेवन करने से भूख पर नियंत्रण बना रहता है और शरीर में निर्जलीकरण की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। इसस गट हेल्थ को फायदा मिलता है, जो कब्ज की समस्या हल कर देती है।
शरीर में पानी की नियमित मात्रा को बनाए रखने में नाशपाती बेहद कारगर साबित होती है। यूएसडीए के अनुसार न्यूट्रिशन के पावरहाउस यानि नाशपाती में 84 फीसदी पानी की मात्रा पाई जाती है। इससे इनडाइजेशन से राहत मिलती है और गट हेल्थ बूस्ट होने से कब्ज से बचा जा सकता है। इसमें मौजूद फ्लेवनोइड्स और मिनरल्स की मात्रा शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को बनाए रखने में मदद करती है।
नाशपाती का सेवन करने से शरीर को फ्रुक्टोज और सोर्बिटोल है।कंपाउंड की प्राप्ति होती है, लैक्सेटिव के रूप में कार्य करते हैं। लार्ज इंटेस्टाइन में पहुंचकर ये पानी को आकर्षित करते हैं। इससे कब्ज की समस्या हल हो जाती है और पाचनतंत्र उचित बना रहता है।