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कैंसर का भी कारण बन सकता है बार-बार गर्म किया या जला हुआ खाना, एक्सपर्ट बता रहे हैं कारण

अगर आप भी खाना बर्बाद न करने की कोशिश में जला हुआ खाना खा लेती हैं, तो ये लेख आपके लिए है।
कुछ आहार बार-बार गर्म करके लेने से आपका स्वास्थ बिगड़ सकता हैं। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 14 May 2022, 14:00 pm IST
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हम ऐसा मानते हैं कि भोजन को गर्म करके खाने से वह और अधिक स्वादिष्ट लगने लगता है। इसलिए हम उसे बार-बार गर्म करते हैं। कुछ भोजन ऐसे भी होेते हैं, जिन्हें बार-बार गर्म करने पर वे फायदे की बजाय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। साथ ही, हम खाना बर्बाद होने के डर से जल हुए भोजन को भी खा लेते हैं। ऐसा भोजन भी स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से हानिकारक है। रिसर्च बताते हैं कि बार-बार गर्म किया हुआ भोजन और जली हुई सब्जियां, चावल, नॉन वेज खाने से कैंसर होने का खतरा हो सकता है।

क्या होता है जब भोजन को किया जाता है बार-बार गर्म

गुरुग्राम में प्राइवेट प्रैक्टिशनर (न्यूट्रीशनिस्ट) आभा बंसल बताती हैं कि भोजन को बार-बार गर्म करने से इसमें मौजूद प्रोटीन टूट जाते हैं। इससे भोजन से मॉयश्चर गायब हो जाता है। परिणामस्वरूप लिक्विड सॉलिड में बदल जाता है और कई हानिकारक पदार्थ उत्पन्न होते हैं। ये पदार्थ हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं।

यहां हैं जला हुआ खाना खाने के स्वास्थ्य जोखिम

1 एसिडिटी से लेकर कैंसर तक का बन सकता है कारण

बार-बार गर्म किया भोजन खाने से एसिडिटी हो जाती है और यह मोटापे को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि इससे भोजन में अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाते हैं।

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2 हो सकती है फूड पॉइजनिंग

हरी पत्तेदार सब्जियों, अंडे, मशरूम आदि को दोबारा गर्म कर कभी नहीं खाना चाहिए। पालक, मेथी, सरसों के साग में नाइट्रेट मौजूद होता है, जिसके केमिकल रिएक्शन से कैंसर होने का खतरा होता है। चावल को बार-बार गर्म करने से फूड पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है।

फूड पॉइजनिंग भी हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

3 तंदूर में पका मांस भी है हानिकारक

यदि सब्जी या कोई भोजन जल गया है, तो उसे न खाने में ही भलाई है। यदि स्टार्च वाला भोजन जैसे कि आलू, चावल आदि जल जाते हैं, तो भोजन में एक्रिलामाइड नामक केमिकल बनने लगता है। इस बात की आशंका जताई जाती है कि तंदूर में पके मांस भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं।

4 एथेरोस्क्लेरोसिस का जोखिम

यदि जले हुए तेल काे दोबारा गर्म किया जाता है, तो फ्री रेडिकल्स बनते हैं। इससे शरीर में इन्फ्लामेशन हो जाता है। ये फ्री रेडिकल्स हेल्दी सेल्स से जुड़कर कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को पैदा कर सकते हैं। जले तेल का उपयोग करने पर एथेरोस्केलेरोसिस नाम की बीमारी हो सकती है। इससे शरीर में बैड कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है।

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5 बढ़ सकती हैं हृदय संबंधी समस्याएं

इससे हार्ट डिजीज होने की भी संभावना बन जाती है। हालांकि कुछ तेल जैसे कि सनफ्लावर ऑयल, राइस ब्रान ऑयल, तिल का तेल, मूंगफली का तेल, सरसों तेल केनोला तेल आदि डीप फ्रायिंग के लिए उपयुक्त होते हैं। क्योंकि इनका स्मोक प्वाइंट हाई होता है।

कुछ आहारों के बार-बार गर्म करके खाने से दिल बीमार हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

ऑलिव ऑयल डीप फ्राई करने के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि इसका स्मोक प्वाइंट बहुत कम होता है। इसे बर्निंग प्वाइंट भी कहा जाता है। कुछ तेल को जब हाई टेम्परेचर पर गर्म किया जाता है, तो उसके अंदर मौजूद फैट से नीला धुआं यानी ब्लूइश स्मोक निकलना शुरू हो जाता हैै। डीप फ्राय करने पर यह साफ रूप से दिखता है।

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क्या ये नुस्खा आ सकता है काम ?

मां का नुस्खा है कि यदि सब्जी कड़ाही में छोड़कर उसे चलाना भूल गई हैं और उससे जलने की बदबू आने लगे, तो ब्रेड के कुछ टुकड़े तोड़कर उसमें डाल दें। फिर सब्जी को कम आंच पर 2-3 मिनट के लिए ढंक दें। कुछ देर बाद ब्रेड के उन टुकड़ों को निकाल कर हटा दें। इससे जली सब्जी का स्वाद नहीं आएगा।

आभा ने बताया कि भोजन को बर्बाद होने से बचाने के लिए यह नुस्खा तो बढ़िया है, लेकिन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह सही नहीं है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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