आजकल महिलाओं के साथ होने वाली सबसे बड़ी परेशानी की बात करें तो वह है, हार्मोनल असंतुलन। खानपान के साथ ही नियमित गतिविधियां और शारीरिक स्थिरता के कारण यह परेशानी अधिक बढ़ रही है। खासकर महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन के स्तर में असंतुलन देखने को मिलता है। वहीं इसकी वजह से सेहत पर बेहद नकारात्मक असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं कई ऐसे हेल्थ कंडीशंस भी हैं, जिनकी वजह से हार्मोंस असंतुलित हो जाते हैं। यदि आप इन परेशानियों से बचना चाहती हैं और अपने हार्मोनल संतुलन को बनाए रखना चाहती हैं, तो आपको केवल नियमित रूप से अपनी डाइट में दो चम्मच फ्लैक्स सीड्स को शामिल करने की आवश्यकता है।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ कोच नेहा रंगलानी ने हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दो चम्मच फ्लेक्स सीड्स को खाने की सलाह दी है। एक्सपर्ट ने बताया कि आखिर फ्लैक्स सीड्स हमारे लिए किस तरफ फायदेमंद होते हैं, और यह हार्मोनल असंतुलन के किन कंडीशंस को संतुलित रखते हैं।
एस्ट्रोजन एक प्रकार का हार्मोन है जो महिला एवं पुरुष दोनों के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को रेगुलेट करने में एक अहम भूमिका निभाता है। इसके अलावा यह ब्रेस्ट हेल्थ और शरीर के कई अन्य फंक्शंस को संतुलित रखने में भी मदद करता है।
अलसी के बीज में लिग्नांस नामक एक कंपाउंड मौजूद होता है, जिसमें फाइटोएस्ट्रोजेनिक गुण पाए जाते हैं। फाइटोएस्ट्रोजेन प्लांट बेस्ड कंपाउंड हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजन के प्रभाव की नकल कर सकते हैं। इस प्रकार फ्लैक्स सीड्स महिलाओं में, कई तरीकों से एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं:
अलसी के बीज यानी कि फलैक्स सीड्स में एस्ट्रोजेनिक और एंटीएस्ट्रोजेनिक दोनों प्रभाव पाए जाते हैं। ये एस्ट्रोजन रिसेप्टर्स से जुड़ कर परिस्थितियों के आधार पर शरीर में प्राकृतिक एस्ट्रोजन की क्रियाओं की नकल कर सकते हैं, या उन्हें अवरुद्ध कर सकते हैं। यह एस्ट्रोजन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार अलसी के बीज में मौजूद लिगनेन शरीर में हार्मोन के मेटाबॉलिज्म को उत्तेजित करते हैं, जो संभावित रूप से एस्ट्रोजन के मजबूत रूप को कमजोर रूप में बदलने में मदद करते हैं। यह उन स्थितियों में फायदेमंद हो सकता है, जहां एस्ट्रोजन डोमिनेंस चिंता का विषय बन जाता है। एस्ट्रोजन का स्तर केवल गिरता नहीं है, बल्कि यह कभी कभार तेजी से बढ़ता भी है। यह दोनों स्थितियां सेहत के लिए नकारात्मक रूप से कार्य करती हैं, इसलिए फ्लैक्स सीड्स के नियमित सेवन की सलाह दी जाती है।
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नेहा रंगलानी के अनुसार फ्लैक्स सीड्स में मेनोपॉज के लक्षण जैसे हॉट फ्लैशेज को कम करने की क्षमता होती है। ये लक्षण अक्सर एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट के साथ जुड़े होते हैं। वहीं मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर तेजी से कम होता है।
एक्सपर्ट के साथ-साथ नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित रिसर्च भी स्तन पर अलसी के बीज के फायदे का समर्थन करते हैं। अलसी के बीज एस्ट्रोजेन से संबंधित स्तन कैंसर के खतरे को कम करते हुए, ब्रेस्ट टिशु को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके नियमित सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सीमित रहता है।
प्रतिदिन 2 बड़ा चम्मच अलसी का पाउडर लें। बेहतर अवशोषण के लिए, अलसी को पीसें और फ्रिज में स्टोर कर सकती हैं। इसे अपने आटा या चीला बैटर या डोसा बैटर में भी मिला सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंनोट: सभी महिलाओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि, अलसी स्वस्थ आहार का हिस्सा हो सकती है। महिलाओं में हार्मोनल संतुलन के लिए फ्लैक्स सीड्स के कई संभावित लाभ हैं। बेहतर हार्मोन स्वास्थ्य के लिए फ्लैक्स सीड्स के सेवन के साथ समग्र जीवनशैली में सुधार करने पर ध्यान देना आवश्यक है।